हाईकोर्ट ने देवब्रत सइकिया को नेता विरोधी दल से हटाने के विस अध्यक्षके फैसले पर रोक लगाई

  • सत्यनारायण मिश्र

गुवाहाटीः गौहाटी हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए असम विधानसभाअध्यक्ष के उस फैसले पर रोक लगा दिया, जिसमें उन्होंने कांग्रेस नेतादेवब्रत सइकिया की नेता प्रतिपक्ष के रूप में मान्यता रद्द कर दी थी।सइकिया ने विधानसभा अध्यक्ष के उक्त फैसले के खिलाफ गौहाटी हाईकोर्ट मेंयाचिका दायर की थी।
विधानसभा अध्यक्ष ने पिछले पखवारे जारी अधिसूचना के जरिए कांग्रेस विधायकदल के नेता सइकिया को यह कहते हुए नेता प्रतिपक्ष के रूप में अमान्य करदिया था कि सदन में कांग्रेस विधायकों की संख्या विधानसभा की कुल संख्याके छठवें हिस्से से कम हो गई है। इसलिए उन्हें दिया गया नेता प्रतिपक्षका दर्जा वापस लिया जाता है।
सइकिया के मुताबिक अध्यक्ष का उक्त निर्णय राजनीति प्रेरित था। उनकीपार्टी कांग्रेस के पास अभी भी विधानसभा की वर्तमान सदस्य संख्या 119 केमुकाबले 20 विधायक हैं, जो विरोधी दलपति के लिए जरूरी मानक को पूरा करतेहैं।
असम विधानसभा में कुल विधायकों की संख्या हालांकि 126 है। कांग्रेस नेतासइकिया के मुताबिक सदन की मौजूदा सदस्य संख्या के अनुरूप ही संख्याबल काआकलन किया जाता है। इसे देखते हुए उन्हें नेता प्रतिपक्ष से हटाया जानागलत है। उन्होंने इस क्रम में कुछ अन्य राज्यों की विधानसभाओं का हवालादेते हुए बताया कि वहां छठवें हिस्से से कम होने के बावजूद नेताप्रतिपक्ष की मर्यादा दी गई है।
सइकिया की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाइकोर्ट ने मंगलवार को असमविधानसभा के सचिव व महासचिव के अलावा राज्य के मुख्य सचिव को दो सप्ताहके भीतर जवाब देने का नोटिस जारी कर दिया। सइकिया के अधिवक्त सत्येनशर्मा की ओर से मीडिया को दी जानकारी में बताया गया है कि नियम 2(1)(पी)के तहत नेता प्रतिपक्ष की स्थिति रखने वाले एक विधायक को जरूरी दोनोंजरूरतें उनके मुवक्किल पूरा करते हैं। अधिसूचना में इनका संज्ञान नहींलिया गया।
न्यायाधीश अचिंत्य मल्ल बुजरबरुवा की अदालत में इस मामले की सुनवाई हुई।अपने निर्देश में उन्होंने कहा कि कांग्रेस इस समय सदन में सबसे बड़ीमान्यता प्राप्त विपक्षी पार्टी है। उसके पास विपक्ष में सबसे ज्यादाविधायक हैं। सइकिया को कांग्रेस विधायक दल के नेता से हटाने की कोईसामग्री भी वर्णित नहीं है। सदन ने प्रथम दृष्टया सइकिया के पक्ष मेंमामला पाते हुए उक्त अधिसूचना के आपरेशन को रोकने का निर्देश दिया है।

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