प्रियंका गांधी की पॉलिटिक्स में एंट्री,सभांलेंगी पूर्वी उत्तर प्रदेश
प्रियंका गांधी अब उत्तर प्रदेश की राजनीति को देखेंगी। प्रियंका के अलावा मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को भी पश्चिमी उत्तर प्रदेश की जिम्मेदारी दी गई है। केसी वेणुगोपाल को संगठन में कांग्रेस महासचिव बनाया गया है।
नई दिल्ली :
प्रियंका गांधी ने आखिरकार राजनीति में आने का फैसला कर लिया है। उन्हें कांग्रेस का महासचिव बनाया गया है। खबरों के अनुसार प्रियंका गांधी को पूर्वी उत्तर प्रदेश की कमान दी गई है। आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए प्रियंका गांधी की राजनीति में एंट्री को कांग्रेस के ट्रंप कार्ड के रूप में देखा जा रहा है।
प्रियंका गांधी की नियुक्ति पर राहुल गांधी ने कहा कि प्रियंका गांधी और ज्योतिरादित्य सिंधिया यूपी के युवाओं के सपनों को पूरा करेंगे। प्रियंका गांधी की एंट्री से कांग्रेस की विचारधारा उत्तर प्रदेश में आएगी। प्रियंका गांधी एक कर्मठ और काबिल नेतृत्व देने में सफल होंगी। मुझे ख़ुशी है कि वह अब मेरे साथ काम करेंगी। मुझे निजी रूप से इस बात की ख़ुशी है। वह यह भी बोले, मैं अखिलेश और मायावती का भी सम्मान करता हूँ। उनके लिए दरवाजे हमेशा खुले हैं
प्रियंका गांधी की सक्रिय राजनीति में एंट्री, लोकप्रियता में राहुल को भी देती हैं मात
प्रियंका गांधी फरवरी माह के पहले हफ्ते में अपना कार्यभार संभालेंगीं। कांग्रेस की तरफ से जारी प्रेस नोट में इस संबंध में जानकारी दी गई है। इसी प्रेस नोट में गुलाम नबी आजाद को तुरंत प्रभाव से हरियाणा की जिम्मेदारी दिए जाने के संबंध में भी लिखा गया है।
रॉबर्ट वाड्रा ने फेसबुक पर दी बधाई
प्रियंका गांधी वाड्रा को पूर्वी उत्तर प्रदेश का महासचिव बनाए जाने पर उनके पति रॉबर्ट वाड्रा ने बधाई दी है। प्रियंका की इस ताजपोशी पर खुशी जाहिर करते हुए वाड्रा ने फेसबुक पर लिखा कि वह नई राजनीतिक पारी के लिए प्रियंका को शुभकामनाएं देते हैं। वाड्रा ने कहा कि वह जीवन के हर मोड़ पर प्रियंका का साथ देंगे। प्रियंका गांधी अभी विदेश दौरे पर हैं।
साल 2019 के आम चुनाव भी अब नजदीक हैं। पीएम मोदी की लोकप्रियता में खास कमी नहीं आयी है। ऐसे में विपक्ष एकजुट होने की कोशिश कर रहा है। जानकारों का मानना है कि कांग्रेस ने भी पीएम मोदी की आंधी से पार पाने के लिए अपना ट्रंप कार्ड खेल दिया है।
ज्ञात हो कि प्रियंका गांधी पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी और पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की बेटी हैं। उनके भाई राहुल गांधी इस वक्त कांग्रेस अध्यक्ष हैं। प्रियंका के पति रॉबर्ट वाड्रा पर हरियाणा और राजस्थान में जमीन घोटाले के आरोप लगते रहे हैं। प्रियंका के राजनीति में आने की अटकलें लंबे वक्त से लगती रही हैं, लेकिन इन अटकलों को वह हमेशा टालती भी रही हैं। आखिरकार प्रियंका ने राजनीति में एंट्री ले ली है।
इंदिरा गांधी की छवि
प्रियंका गांधी की तुलना अक्सर उनकी दादी और देश की पहली और इकलौती महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से की जाती है। प्रियंका का चेहरा-मोहरा, बात करने का तरीका, साड़ियां पहनने का सलीका और हेयर स्टाइल तक बहुत कुछ उनकी दादी से मिलता-जुलता है। प्रियंका गांधी कई मौकों पर इंदिरा गांधी की साड़ियों में भी सार्वजनिक मंचों पर आ चुकी हैं। कांग्रेस को लगता है कि प्रियंका में छिपी इंदिरा गांधी की इस इमेज का राजनीति में बेहतर इस्तेमाल किया जा सकता है।
सोनिया की जगह लड़ सकती हैं चुनाव
उत्तर प्रदेश का रायबरेली कांग्रेस का गढ़ माना जाता है। यहां से अभी सोनिया गांधी चुनाव लड़ती हैं। उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं है। ऐसे में माना जा रहा है कि कांग्रेस अपनी परंपरागत सीट बचाने के लिए रायबरेली से प्रियंका गांधी को खड़ा कर सकती है। इससे सीट तो बचेगी ही, कांग्रेस को ये भी उम्मीद है कि सत्ता के केंद्र यूपी में उसकी स्थिति मजबूत होगी। यही वजह है प्रियंका को विशेष तौर पर पूर्वी यूपी की कमान सौंपी गई है। सक्रिय राजनीति से दूर रहने के बावजूद प्रियंका हमेशा अमेठी व रायबरेली में चुनावी प्रचार प्रसार में लगी रही हैं।
कार्यकर्ताओं और लोगों में लोकप्रियता
कांग्रेस कार्यकर्ता और कई नेता भी प्रियंका गांधी को सक्रिय राजनीति में लाने की मांग कई बार कर चुके हैं। दरअसल ऐसा माना जाता है कि कांग्रेस में मौजूद गांधी परिवार के सदस्यों में से सबसे ज्यादा प्रियंका गांधी ही जनता के बीच लोकप्रिय हैं। लिहाजा, कांग्रेस को प्रतीत हो रहा है कि प्रियंका के जरिए वह यूपी में अपना खो चुका आधार, वापस पाने में सफल हो सकती है।
महागठबंधन से दूरी
लोकसभा चुनाव में कुछ माह पहले तक महागठबंधन की सरगर्मियां काफी तेज थीं। कांग्रेस इसका अहम हिस्सा हुआ करती थी, लेकिन अब पार्टी को महागठबंधन में अपनी जगह नजर नहीं आ रही है। हाल में यूपी में सपा-बसपा ने लोकसभा चुनाव के लिए गठबंधन किया। इस दौरान मायावती ने कांग्रेस पर जमकर हमला भी किया। बिहार में भी कांग्रेस गठबंधन से बाहर नजर आ रही। पश्चिम बंगाल में हाल में हुई ममता की रैली में कांग्रेस नेता शामिल तो हुए, लेकिन यहां भी कांग्रेस को महागठबंधन में जगह नहीं दिख रही है। महागठबंधन से बन रही दूरी ने कांग्रेस की चिंता बढ़ा दी थी।
पर्दे के पीछे रही हैं सक्रिय
प्रियंका गांधी भले ही अब तक सक्रिय राजनीति में न रही हों और न ही उन्होंने अब तक चुनाव लड़ा हो, लेकिन वह पर्दे के पीछे राजनीति में हमेशा सक्रिय रही हैं। फिर चाहे मामला कार्यकर्ताओं संग बैठक करने का हो या रणनीति बनाने का या फिर चुनाव प्रचार का। चुनाव लड़े बिना भी कांग्रेस के अंदर और भारतीय राजनीति में उनका रसूख किसी दिग्गज नेता से कम नहीं है।