परमार्थ निकेेतन में 31 वां वार्षिक अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव का शुभारम्भ
योग के पितामह पूज्य योगगुरूओं को अर्पित की भावभीनी श्रद्धांजलि
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी, पर्यटन मंत्री, भारत सरकार श्री प्रहृलाद पटेल जी, विधानसभा अध्यक्ष श्री प्रेमचंद अग्रवाल जी, आयुष मंत्री, साध्वी भगवती सरस्वती जी, श्री भारत मित्रा, विश्व के अनेक देशों से आये योगाचार्यांे ने दीप प्रज्वलित कर अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव का किया उद्घाटन
-ज्ञान के विस्तार के समर्थक है भौगोलिक विस्तार के समर्थक नहीं है – प्रहृलाद पटेल
-योग महोत्सव वैश्विक एकता और वैश्विक उत्थान का महापर्व –
स्वामी चिदानन्द सरस्वती
ऋषिकेश। परमार्थ निकेतन के प्रांगण में आज का सूर्य उदय योग के विविध आयामों के साथ हुआ। विश्व के 56 से अधिक देेशों से आये योग जिज्ञासुओं ने प्रातःकाल से ही विख्यात योग गुरूओं के मार्गदर्शन में योग की विधाओं को आत्मसात करना आरम्भ किया।
योग के पितामह योग गुरूओं को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित कर आज के दिव्य समारोह का शुभारम्भ परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज, पर्यटन मंत्री भारत सरकार, श्री प्रहृलाद पटेल जी, विधानसभा अध्यक्ष श्री प्रेमचंद अग्रवाल जी, अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव की निदेशक, साध्वी भगवती सरस्वती जी, श्री भारत मित्रा, विश्व के अनेक देशों से आये योगाचार्यों ने दीप प्रज्वलित कर किया।
अन्तर्राष्ट्रीय कीर्तन बैंड के भारत, इंग्लैड, यूएसए, स्काॅटलैंड, कोस्टारिका, फिनलैण्ड और क्यूबा से आये विजय कृष्ण और अन्य कीर्तनियों ने परम शान्ति देने वाले संगीत के साथ आज के कार्यक्रम का शुभारम्भ किया।
विख्यात योगाचार्य गुरूमुख कौर खालसा, अमेरिका से आये टोमी रोजन और मुम्बई से आयी आहार विशेषज्ञ रूजुता दिवाकर ने योग की उपयोगिता और प्रतिबिंब पर प्रकाश डाला।
विश्व विख्यात योग महापर्व की मेजबानी परमार्थ निकेतन द्वारा सन 1999 से निरन्तर की जा रही है। इस अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव में विश्व के 25 से अधिक देशों के 90 से अधिक पूज्य संत एवं योगाचार्य सम्मिलित हुये हैं। अब तक 56 से अधिक देशों के 900 से अधिक प्रतिभागी सहभाग कर चुके हैैं और लगातार दुनिया के विभिन्न देशों के योग जिज्ञासु इस महोत्सव में सहभाग हेतु पंजीयन करा रहे हंै।
अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव में योग की 150 से अधिक कक्षायें होती है। यह क्रम प्रातः 4ः00 बजे से रात 9ः30 बजे तक एक सप्ताह तक प्रतिदिन चलता है।
अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव का आयोजन परमार्थ निकेतन, अतुल्य भारत, पर्यटन मंत्रालय, भारत सरकार के संयुक्त तत्वाधान में किया जा रहा है।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने सभी विशिष्ट अतिथियों, विश्व के विभिन्न देशों से आये योगाचार्यों, योग जिज्ञासुओं, संगीतज्ञों, कलाकारों का माँ गंगा के पावन तट और हिमालय की गोद में दिव्य अभिनन्दन करते हुये कहा कि ’’अब समय आ गया है कि योग को हम केवल योगा मेट पर ही न करें बल्कि अब योग की ज़रूरत सम्पूर्ण मानवता के लिये, प्रकृति, नदियों और पर्यावरण को प्रदूषण मुक्त करने के लिये है। हम सभी को ’मेरे लिये क्या’ है से मेरा द्वारा क्या-क्या किया जा सकता है’ पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। स्वामी जी ने कहा कि विश्व के विभिन्न देशों से जो भी योग जिज्ञासु माँ गंगा के पावन तट पर आकर योग को आत्मसात कर रहे हंै, वे यहां से शान्ति दूत बनकर जायंे।’’
पर्यटन मंत्री भारत सरकार श्री प्रहृलाद पटेल जी ने कहा कि मैं, माँ नर्मदा के तट से माँ गंगा के पावन तट पर पूज्य स्वामी जी दिव्य कृपा से आया हूँ। यह मेरा सौभाग्य है कि मंै विश्व के 56 देशों से आये योग परिवार के मेरे भाई बहन, जो कि पूरे विश्व में योग का प्रचार प्रसार करते है उनके दर्शन कर रहा हूँ। उन्होने कहा कि भारत एकता और शान्ति का संदेश देने वाला राष्ट्र है। हम ज्ञान के विस्तार के समर्थक है भौगोलिक विस्तार के समर्थक नहीं है। योग, हमारे भावों, दिलों और आत्मों को जोड़ता है। आप सभी योगी देव भूमि उत्तराखण्ड से साधना, तप, शान्ति और शक्ति लेकर जायें और इसे दुनिया की सेवा में अर्पित करें यही संदेश योग हमें देता है।
विधानसभा अध्यक्ष श्री प्रेमचंद अग्रवाल जी ने उत्तराखण्ड की इस पवित्र भूमि में परमार्थ निकेेतन योग महोत्सव के इस दिव्य और भव्य कार्यक्रम में सभी योगियों का स्वागत करते हुये कहा कि स्वामी जी कृपा से प्रतिवर्ष वैश्विक योग साधकों के दर्शन करने का अवसर प्राप्त होता है। भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के प्रयासों से योग के प्रति लोगों का आकर्षण बढ़ा है। उन्होने बताया कि हम अपनी विधानसभा में प्रत्येक माह की 21 तारीख योग का अभ्यास करते है क्योंकि कहा जाता है करो योग, रहो निरोग। योग हमारी सदियों की खोज है। 56 देशों से आये 900 योगियों को देखकर लग रहा है जैसे कि उत्तराखंड की धरती पर विश्व उतर आया हो।
साध्वी भगवती सरस्वती जी ने भारत की दिव्य भूमि पर विश्व के अनेक देशों से आये योगियों का अभिनन्दन करते हुये कहा कि योग कोई नयी विधा नहीं है बल्कि यह भारत के ऋषियों की हजारों वर्षों की तपस्या का परिणाम है। विश्व में अनेक देशों में योग के विद्यालय हैं, काॅलेज है परन्तु यहां पर जो योग का शिक्षण है वह आध्यात्मिक और अपनत्व से युक्त है। साध्वी जी ने कहा कि हमारा योगी परिवार वर्ष-प्रतिवर्ष बड़ा होते जा रहा है। उन्होने कहा कि पूरा विश्व करोना वायरस की ओर ध्यान दे रहा है परन्तु यहां पर करूणा की ओर ध्यान है । हमारे बीच अनेक विविधतायें होते हुये भी हम सब एक परिवार है और योग हमें एकता के सूत्र में बाधंता है।
योगाचार्य गुरूमुख खालसा जी ने कहा कि मैं परमार्थ निकेतन, अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव में 22 वर्षोें से आ रही हूँ और भारत में लगभग 50 वर्षो से आ रही हूँ यह मेरा अपना घर है। उन्होने सभी को संदेश दिया कि देना ही जीवन है जो भी आपके पास है ज्ञान, पैसा, प्रेम और जो भी कुछ हमारे पास है उसे देना ही जीवन है। उन्होेंने कहा कि विश्वास और सत्य से युक्त जीवन आध्यात्मिक जीवन है।
जीव वैज्ञानिक डाॅ ब्रूस लिप्टन, ने कहा कि परमार्थ निकेतन मेरे महत्वपूर्ण स्थानों में से एक है। उन्होने कहा कि योग, केवल मनुष्यों के लिये नहीं बल्कि पूरी दुनिया के लिये है। उन्होंने धरती से विलुप्त होती प्रजातियों के विषय में चिंता व्यक्त करते हुये कहा कि डायनासोर और अन्य प्रजातियाँ लगभग 95 प्रतिशत विलुप्त हो चुकी है। योग ही वह रास्ता है जिसके माध्यम से हम धरती पर सकारात्मक परिवर्तन कर सकते है। हम सभी को अपनी धरती और उस पर रहने वाले लोगों के लिये सौहार्द्र का रास्ता अपनाना होगा।
अमेरिकी योगाचार्य टोमी रोजन ने कहा कि योग हमें एकता का संदेश देता है। योग वह मार्ग है जिसके माध्यम से हम संदेह को दूर कर मन में विश्वास को जगा सकते है। एक बार जब आप अपने सच्चे स्व को जान लेते है तो भय अपने आप दूर हो जाता है और योग इसे सम्भव बनाता है। योग, अन्धकार से प्रकाश की ओर बढ़ने का एक स्पष्ट चश्मा हमें प्रदान करता है जिसके माध्यम से हम दुनिया के साथ प्रेम का सम्बंध स्थापित कर सकते हंै।
जेनेट एटवुड ने कहा कि योग हमारे बीच जो धर्म की दीवारें है वह समाप्त करता है। आज चारों ओर हम जो आंतक को देख रहे है वह केवल दिमाग का आंतक है योग इस दिमागी आतंक को शांत कर शान्ति का मार्ग दिखाता है।
माँ गंगा की दिव्य आरती के पश्चात सांयकालीन सत्र में कीर्तनियों के दिव्य संगीत से सभी मंत्रमुग्ध हो उठे।
प्रातःकालीन सत्र में इंग्लैंड की योगाचार्य पाउला तापिया जी ने चिकित्सीय योग प्रवाह, कीया मिलर द्वारा योग के माध्यम से हृदय में उच्च गुणों का जागरण, योगऋषि विश्वकेतु जी द्वारा कुण्डलिनी योग, आनन्द्रा जार्ज द्वारा उदयमान सूर्य नादयोग, जैनेट एटवुड द्वारा अपने विश्वास को प्राप्त करना, विख्यात योगाचार्य टोमी रोजन द्वारा ’ब्रेकथू टू यू’, योगाचार्य इन्दू शर्मा द्वारा हठ योग, स्टीवर्ट गिलक्रिस्ट द्वारा जीवन काल में योग का अभ्यास करने में आने वाली बाधाओेें को दूर करना, इज़रायल से आये संगीतकार गिल राॅन शामा ने सीक्रेट साउंड स्टेज अन्य योगाचार्यो ने योग की विधाओं के माध्यम से भारत की संस्कृति और विरासत का परिचय कराया।
आज के आध्यात्मिक सत्र में ’उत्थान और हम सब एक है’ विषय पर अमेरिकी जीव वैज्ञानिक डाॅ ब्रूस लिप्टन, आर्गेनिक इन्डिया के प्रमुख भारत मित्रा, अमेरिकी मोटिवेशनल स्पीकर पिं्रस ईए, साध्वी भगवती सरस्वती जी ने अपने विचार व्यक्त किये।
दोपहर के सत्र में योगाचार्य साध्वी आभा सरस्वती जी ने योग निद्रा, सात्विक जीवन के लिये आहार के नियम विषय पर मुम्बई से आयी विख्यात आहार विशेषज्ञ रूजुता दिवाकर, माँ ज्ञान सुवेरा जी ने काॅस्मिक इंटेलिजंेस प्लस मैडिटेशन का अभ्यास कराया, योगाचार्य आनन्द मेहरोत्रा ने काॅस्मिक प्राण काॅस्मिक सेल्फ, डाॅ ऐलेजैंड्रो जंगर ने आधुनिक विषाक्त दुनिया में डिटाॅक्सिफिकेशन के महत्व पर प्रकाश डाला तत्पश्चात जोसेफ ने साउंड बाथ का अभ्यास कराया।
सभी प्रतिभागियों ने विशिष्ट अतिथियों के पावन सान्निध्य और गरिमामय उपस्थिति में अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव के विधिवत उद्घाटन समारोह और विश्व विख्यात दिव्य गंगा आरती में सहभाग किया। स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने सभी विशिष्ट अतिथियों को पर्यावरण का प्रतीक रूद्राक्ष का पौधा भेंट किया।
परमार्थ का विविध कलाओं से समृद्ध साप्ताहिक मंच
विश्व विख्यात सूफी गायक, कैलास खेर अपने कैलाशा बैंड के साथ प्रेरणादायक संगीत प्रस्तुत करेंगे। प्रख्यात ड्रम एवं ताल वादक शिवमणि और रूना रिज़वी, मंत्रमुग्ध करने वाला संगीत प्रस्तुत करेंगे, ’प्रेम से परमानंद की यात्रा’ कीर्तनियों का आत्मा को छूने वाला कीर्तन, इज़रायल से विशेष रूप से आये संगीतकार गिल राॅन शामा का हिब्रु और हिन्दी भाषा के सम्मिश्रण वाला अद्भुत संगीत साथ ही अनेक राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय संगीतकारों और कलाकारों से सुशोभित होगा परमार्थ निकेतन कलामंच।
द वल्र्ड आॅफ़ कल्चरल यूनियन: ए इवनिंग आॅफ़ कल्चरल साॅग, परमार्थ गुरूकुल के ऋषिकुमारों द्वारा डांस एंड थिएटर परफाॅरमेंस, सूफी डांस मर्ट गुलर की टीम के द्वारा प्रस्तुत किया जायेगा।
योग की कक्षायें प्रातः 4ः00 बजे से रात 9ः30 बजे तक सम्पन्न होंगी, जिसमें प्रमुख रूप से अष्टांग योग, अयंगार योग, हठ योग, राज योग, भक्ति योग, कर्मयोग, गंगा योग, विन्यास योग, कुण्डलिनी योग, जीवमुक्ति योग, सिन्तोह योग, सेमैटिक योग, लीला योग, डीप योग आदि एक सप्ताह तक प्रस्तुत किये जायेंगे। इसके अतिरिक्त ध्यान, मुद्रा, वैदिक मंत्र, संस्कृतवाचन, आयुर्वेद, सांउड हीलिंग, रेकी, दर्शन, होम्योपैथी चिकित्सा तथा अनेक कार्यशालायंे, नाटक प्रदर्शन, व्याख्यान, प्रवचन तथा इंटरैक्टिव सत्रों का आयोजन किया जायेगा। देश-विदेश से आये हुये आध्यात्मिक महापुरूषों एवं धर्मगुरूओं द्वारा धार्मिक सवांद, जिज्ञासा समाधान एवं प्रश्नोŸारी का भी विशेष आयोजन इस अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव में किया जायेगा।
प्राचीन भारतीय दर्शन, वेदान्त, मानव सशक्तिकरण, प्रेरक नृत्य, संगीत, तनाव नियंत्रण कार्यशाला, आहार विशेषज्ञ के साथ चर्चा जैसे अनेक सत्रों का आयोजन किया जायेगा।
31 वाँ अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव में देशों के योगियों की सहभागिता – भारत, स्पेन, ब्राजील, पुर्तगाल, पोलैंड, मैक्सिको, बेल्जियम, अमेरिका, कोलम्बिया, नीदरलैण्ड, पेरू, अर्जेन्टीना, जर्मनी, आस्ट्रेलिया, इटली, नार्वे, जर्मनी, तिब्बत, भूटान, रूस, इजरायल, इंग्लैंड, फ्रांस, जर्मनी, कनाडा, स्वीडन, हांगकाग, बेल्जियम, स्विट्जरलैण्ड, बहरीन, अफगानिस्तान, अफ्रीका, सिंगापुर, ताईबान, फिलिस्तीन, ईरान, जापान, केन्या, यमन, पेलस्टाईन, सिंगापुर, ताईबान, बैंकाक, नामीबिया, इक्वाडोर, कोलम्बिया, ग्वाटेमाला, आॅस्ट्रिया, क्यूबा, चिले, थाईलैण्ड, तुर्की, ब्रिटेन, दक्षिण अमेरिका सहित विश्व के विभिन्न देेशों के योग जिज्ञासु सहभाग कर रहे हैं।7 Attachments