दुनिया में दुर्लभ किस्म के 32 गिद्ध विषाक्त मांस खाने से मरे

सत्य नारायण मिश्र  / न्यूज़ गेटवे / गिद्ध विषाक्त मांस खाने से मरे  / गुवाहाटी /

एक कुत्ते की शिकार बकरी के विषाक्त हो चुके कंकाल को खाने के कारण 32 दुर्लभ किस्म के गिद्धों की एक साथ मौत की सनसनी फैलाने वाली घटना सामने आई है। सात अन्य गिद्धों को चिकित्सक उपचार के बाद बचाने में सफल रहे हैं। आशंका यह भी जताई जा रही है कि किसी शरारती व्यक्ति ने बकरी की लाश को विषाक्त कर दिया था। जांच जारी है।

असम में इसके पहले वर्ष 2011 में एक साथ 20 दुर्लभ होते गिद्धों की मौत की घटना सामने आई थी। मरने वाले गिद्धों में 29 हिमालयन ग्रिफोन थे, जो दुनिया में अन्यत्र नहीं पाए जाते। जिन सात को बचाया जा सका है, उनमें से तीन-तीन हिमालयन ग्रिफोन (जिप्स हिमालयेन्सिस) और स्लेंडर-बिल्लेड (जिप्स टेन्युइरोस्ट्रिस) बताए गए हैं। इन्हें भी दुर्लभ प्रजाति में रखा गयाहै।

दुनिया में दुर्लभ किस्म के 32 गिद्ध विषाक्त मांस से मरे
सात को बचाया गया, संदिग्ध अपराधी की तलाश जारी

गिद्धों की संख्या दुनिया भर में तेजी से घट रही है। असम में तो ये गिने-चुने ही रह गए हैं। गुवाहाटी के समीप स्थित गिद्ध प्रजनन संरक्षण केंद्र के अधिकारियों ने ताजा घटना की पुष्टि की है। बताया गया है कि बुरी तरह विषाक्त हो चुके बकरी के कंकाल को खाने से गंभीर रूप से बीमार हुए सात अन्य गिद्धों को बचा लिया गया है। उनमें से चार को रविवार को खुले आसमान में उड़ा दिया गया। तीन अन्य का इलाज जारी है।

ऊपरी असम के शिवसागर जिले में शनिवार को घटी इस घटना ने गिद्धों के संरक्षण में लगे अधिकारियों के साथ पक्षी प्रेमियों में भी चिंता बढ़ा दी है। क्योंकि धरती पर पारिस्थितिकी संतुलन के क्षेत्र में इनका अस्तित्व खासा अहम माना जाता है। एक साथ इतनी बड़ी संख्या में दुर्लभ प्रजाति के गिद्धों की जहरीले मांस के कारण मौत नहीं दर्ज की गई।

शिवसागर डिवीजन के डीएफओ बिद्या बरदलै के मुताबिक इतनी बड़ी संख्या में दुर्लभ गिद्धों की मौत बहुत बड़ा नुकसान है। हालांकि खुशी इस बात की है कि सात अन्य को उपचार के बाद बचाने में सफलता मिली है। इस बीच यह भी पता चला है कि बकरी के कंकाल को जहरीला करने में किसी व्यक्ति विशेष का हाथ रहा है। वन विभाग और पुलिस के कर्मचारी संदिग्ध की तलाश कर रहे हैं।

You may have missed

Subscribe To Our Newsletter