New Delhi: Finance Minister Arun Jaitley during India Today's Conclave on GST, in New Delhi on Friday. The new tax regime will come into effect from July 1. PTI Photo by Suhav Shukla(PTI6_30_2017_000054B)

न्यूज़ गेटवे / ईज ऑफ डूइंग बिजनेस की रैंकिंग / नई दिल्ली /

ईज ऑफ डूइंग बिजनेस की रैंकिंग में लंबी छलांग के बाद टॉप 100 में शामिल होने से उत्साहित वित्त मंत्री ने आगे अन्य सुधारों के लिए अपनी प्रतिबद्धता जताई है। उनका कहना है कि ऐसा करने से ईज ऑफ डूइंग बिजनेस लिस्ट में टॉप-50 में आने में उद्देश्य को प्राप्त किया जा सकता है।

वर्ल्ड बैंक की ओर से मंगलवार को जारी हुई ताजा सूची में भारत 30 अंकों की उछाल के साथ टॉप-100 में शामिल हो गया है। भारत बीते साल 130वें पायदान पर रहा था। कराधान, लाइसेंसिंग, निवेशक संरक्षण और दिवालियापन के प्रस्तावों में कई सुधारों की मदद से भारत की रैंकिंग में यह सुधार देखने को मिला है।

विश्व बैंक की रैंकिंग के बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए जेटली ने कहा, भारत उन देशों में से एक है जिसने संरचनात्मक सुधारों को आगे बढ़ाया है। उन्होंने कहा, “साल 2014 में हम 142वें स्थान पर रहे थे और ठीक दो साल बाद हम 131 और फिर 130वें स्थान पर रहे। यह सामान्य रैंकिंग नहीं है। यह विशिष्ट क्षेत्रों में हुआ है और रैकिंग के दौरान कठिन मानदंडों का इस्तेमाल किया जाता है।” उन्होंने बताया कि वर्ल्ड बैंक ने उन 10 देशों का नाम लिया है जिन्होंने संरचनागत सुधार किए हैं और भारत उनमें से एक है।

नोटबंदी के बाद सरकार की तरफ से देश भर में ऑनलाइन भुगतान को लेकर जो कदम उठाये गये हैं उसने भी रैकिंग सुधारने में मदद की है। कॉरपोरेट आयकर भुगतान की प्रक्रिया आसान बनाई गई है। भविष्य निधि की राशि ऑनलाइन ट्रांसफर करने की व्यवस्था की गई है। अब किसी भी तरह के करों के भुगतान में पहले से कम वक्त लगता है। यही वजह है कि कर भुगतान के मामले में भारत की रैकिंग में 53 स्थानों का सुधार हुआ है।

सरकार की तरफ से मुंबई पोर्ट को बेहतर बनाने से आयातित माल को उतारने में अब पहले से काफी कम समय लगता है। कई तरह की प्रक्रियाएं मोबाइल व इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों से पूरी की जा रही है। मर्चेट ओवरटाइम फीस की समाप्ति से भी सकारात्मक असर पड़ा है। कांट्रेक्ट पर अमल पहले से आसान सरकार की तरफ से राष्ट्रीय न्यायिक डाटा ग्रिड बनाने की घोषणा की गई है। इससे स्थानीय कोर्ट में चलने वाले मामलों पर नजर रखना आसान हो गया है। इनके प्रबंधन की अब सटीक व्यवस्था हो सकती है। इस मामले में भारत की रैकिंग 172 से सुधर कर 164 हुई है। साफ है कि आने वाले दिनों में अभी इस दिशा में और काम करना है।

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