चीन ने फिर रोका मसूद अज़हर को ग्लोबल आतंकवादी घोषित करने का प्रयास
पाकिस्तान के आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित करने की राह में चौथी बार चीन के अड़ंगे से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के सदस्यों में जबरदस्त नाराजगी है। चीन को सख्त चेतावनी दी गई है कि अगर इस मामले में उसका रुख ऐसा ही रहा तो सुरक्षा परिषद मसूद के खिलाफ दूसरे कदम उठाएगी।
अमेरिकी कांग्रेस के सदस्य ब्रैड शेरमैन ने चीन के इस कदम को अस्वीकार्य करार दिया। उन्होंने चीन से अपील की है कि वह संयुक्त राष्ट्र को अजहर पर प्रतिबंध लगाने दे। हेरिटेज फाउंडेशन के जेफ स्मिथ और अमेरिकन इंटरप्राइज इंस्टीट्यूट के सदानंद धूमे समेत अमेरिकी थिंक टैंक के कई सदस्यों ने चीन के इस कदम की निंदा की है।
भारत ने चीन के फैसले पर निराशा जताने के साथ ही कहा है कि भारतीयों पर हुए हमलों में शामिल आतंकियों को सजा दिलाने के लिए हरसंभव दरवाजा खटखटाया जाएगा।
चीन 2009, 2016 और 2017 में भी मसूद को बचाने के लिए वीटो का इस्तेमाल कर चुका है। पुलवामा हमले के बाद अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन ने अजहर को अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित करने के लिए सुरक्षा परिषद में प्रस्ताव पेश किया था। चीन को छोड़कर सभी सदस्यों ने इसका समर्थन किया था।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस और रूस मसूद अजहर पर चीन के अड़ंगे से काफी नाराज हैं। इन चारों महाशक्तियां ने चीन को चेताते हुए कहा है कि वे आतंकी सरगना पर कार्रवाई के अन्य विकल्पों पर भी विचार कर सकते हैं।