कोरोना के कारण दुनिया भर में 600 से ज्यादा पत्रकार शहीदः नव ठाकुरिया

प्रेस इम्बलम कैंपेन, स्विटजरलैंड का सर्वे

  • सत्यनारायण मिश्र

गुवाहाटी: कोरोना महामारी ने दुनियाभर में तबाही मचाई है। महामारी की
वजह से बड़ी संख्या में लोग मारे गए हैं। पत्रकार भी इससे अछूते नहीं रहे
हैं। पिछले साल 1 मार्च के बाद से 59 देशों में 600 से अधिक पत्रकारों की
मौत कोरोना वायरस की वजह से हो गई है। इस मामले में भारत तीसरा सबसे
पीड़ित देश है।

नव ठाकुरिया

स्विटजरलैंड स्थित अंतर्राष्ट्रीय मीडिया वाचडॉग प्रेस इम्बलम कैंपेन
(PEC) (www.pressemblem.ch) के महासचिव ब्लाइस लेम्पेन और उसके भारतीय
योगदानकर्ता नव ठाकुरिया ने एक चौंकाने वाला खुलासा किया है। बीते साल 1
मार्च 2020 से अब तक कोरोना वैश्विक महामारी ने तकरीबन 602 पत्रकारों की
जान ले ली है। इनमें आधे से अधिक 303 मौतें लैटिन अमेरिका में दर्ज की
गईं हैं। दूसरे नंबर में एशिया का नाम आता है, यहां कुल 143 पत्रकारों को
जान गंवाना पड़ा है। यूरोप में 94, उत्तरी अमेरिका में 32 और अफ्रीका
में 28 पत्रकारों को कोविड-19 के कारण जान से हाथ धोना पड़ा है।

पीईसी के सर्वे से पता चला है कि दरअसल कई मीडिया वॉरियर्स की मौतों को
रोका जा सकता था। फोरम ने दिवंगत पत्रकारों के शोक संतप्त परिवारों को
वित्तीय सहायता पर जोर देते हुए प्राथमिकता के आधार पर सभी मींडिया
कर्मियों का टीकाकरण करने की मांग की है।

पीईसी के महासचिव लेम्पेन ने कहा कि अपने पेशे की वजह से बड़ी संख्या में
पत्रकारों को फील्ड में जाना होता है। खासतौर से फ्रीलांसर और फोटोग्राफर
जो अपने घर से काम नहीं कर सकते, उन्हें ऐसा करना ही पड़ता है। इनमें से
कई लोग महामारी की चपेट में आ जाते हैं।

उन्होंने बताया कि पिछले साल मार्च के बाद से पेरू में सबसे ज्यादा
मीडिया कर्मी इस महामारी में मारे गए। वहां वायरस की वजह से 93
मीडियाकर्मियों की मृत्यु हो गई। ब्राजील में 55 और भारत में 53
पत्रकारों ने कोरोना की वजह से जान गंवाई। मैक्सिको में 45 पत्रकारों के
अलावा इक्वाडोर में 42, बांग्लादेश में 41, इटली में 37) और संयुक्त
राज्य अमेरिका में 31 मीडिया कर्मी मरे।

पाकिस्तान में 22 , तुर्की में 17, यूनाइटडेड किंगडम में 13, पनामा में
11, बोलिविया में 9, अफगानिस्तान, डोमिनिकन गणराज्य, नाइजीरिया और रूस
में 8-8, अर्जेंटीना, कोलंबिया और होंडुरास में 7-7, निकारागुआ, स्पेन और
वेनेजुएला में 6-6, फ्रांस में 5-5, नेपाल, कैमरून, मिस्र, ग्वाटेमाला,
ईरान, सल्वाडोर, दक्षिण अफ्रीका और जिम्बाब्वे में 3-3, अल्जीरिया,
इंडोनेशिया, मोरक्को, पैराग्वे, पुर्तगाल और स्वीडन में 2-2 मीडिया
कर्मियों ने कोविड-19 के कारण जान गंवाई।

बड़ी संख्या में ऐसे भी देश हैं जहां कम से कम एक पत्रकार की मौत महामारी
की वजह से हुई। कनाडा, जर्मनी, जापान, इजरायल, स्विट्जरलैंड, बेल्जियम,
उरुग्वे, ऑस्ट्रिया, अजरबैजान, बुल्गारिया, चिली, डेमोक्रेटिक रिपब्लिक
ऑफ कांगो, इराक (कुर्दिस्तान), कजाकिस्तान, केन्या, किर्गिस्तान, लेबनान,
सऊदी अरब, युगांडा, ताजिकिस्तान और टोगो के नाम इनमें शामिल हैं।

हालांकि पीड़ितों की वास्तविक संख्या निश्चित रूप से अधिक हो सकती है,
क्योंकि कई बार पत्रकारों की मौतों का कारण निर्दिष्ट नहीं होता या उनकी
मृत्यु की घोषणा नहीं की जाती। कुछ देशों में तो इस संबंध में कोई
विश्वसनीय जानकारी ही नहीं है।

पीईसी के भारत के योगदानकर्ता ठाकुरिया ने कहा कि हाल ही में केंद्र
सरकार ने कोविड-19 के शिकार पत्रकारों के परिवारों को मदद देने का फैसला
लिया है। पत्रकार कल्याण योजना के तहत वित्तीय सहायता के लिए आवेदन एकत्र
करना शुरू किया गया है। लेकिन इस क्रम में अभी बहुत कुछ करने की जरूरत
है। कोविड-19 के कारण नौकरी से हाथ धोने वाले पत्रकारों और मीडिया
कर्मियों के पुनर्संस्थापन एवं आर्थिक मदद की त्वरित आवश्यकता है।

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