इंफोसिस के भविष्य को लेकर उत्साहित : नंदन निलेकणि
नई दिल्ली / गुरुवार को देश की नंबर दो आईटी कंपनी इंफोसिस के एग्जिक्यूटिव चेयरमैन बनाए गए नंदन निलेकणि ने शुक्रवार को पहली प्रेस कांफ्रेंस की। कमान संभालने के बाद नंदन निलेकणि ने प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि वह कार्पोरेट गवर्नेंस के उच्च मानक तय करेंगे और इंफोसिस के नए सीईओ का एलान अक्टूबर तक कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि हमारा मुख्य ध्यान ग्लोबल चुनौतियों पर रहेगा। निलेकणि ने कहा कि वो इंफोसिस के भविष्य को लेकर उत्साहित हैं। उन्होंने यह भी कहा कि नारायण मूर्ति के कहने पर ही उन्होंने कंपनी का पद संभाला हैै।
अपने लक्ष्यों को लेकर उन्होंने कहा, “पहला लक्ष्य है स्थायित्व लाना और यह सुनिश्चित करना कि बोर्ड सदस्यों से लेकर निवेशक तक सभी एक साथ हों। दूसरा लक्ष्य यथाशीघ्र सीईओ की नियुक्ति की प्रक्रिया को शुरू करना है, जिसके लिए एक सर्च एजेंसी को भी चुना गया है।” उन्होंने बोर्ड के लिए टिकाऊ प्रशासनिक ढांचा बनाने की बात भी कही। इसके लिए नामांकन कमेटी से अक्टूबर तक रिपोर्ट मांगी गई है। रणनीति की समीक्षा और भविष्य को लेकर अक्टूबर में ब्लूप्रिंट पेश करने को भी नीलेकणि ने अपने लक्ष्यों में शुमार किया। हालांकि उन्होंने इस सवाल को टाल दिया कि सिक्का की ओर से 2021 तक 20 अरब डॉलर (1,280 अरब रुपये) के राजस्व के लक्ष्य की समीक्षा होगी या नहीं।
निलेकणि ने कंपनी संस्थापकों और बोर्ड के बीच मतभेदों पर भी बात की। उन्होंने कहा, “मैं 100 फीसद हिस्सेदारों का प्रतिनिधि हूं और सुनिश्चित करना चाहता हूं कि दूरदर्शी व्यक्तित्व व सह संस्थापक नारायणमूर्ति और बोर्ड के बीच अच्छे संबंध बने रहें।” निलेकणि ने मूर्ति और कुछ अन्य संस्थापकों की ओर से कंपनी के प्रशासन को लेकर शिकायतों को भी गंभीरता से लेने की बात कही। उन्होंने कहा, “मैं निजी तौर पर निष्पक्ष होकर जांच रिपोर्ट देखूंगा और उचित कार्रवाई का फैसला करूंगा।” हालांकि इजरायल की कंपनी पनाया के अधिग्रहण में धांधली को लेकर आई जांच रिपोर्ट को सार्वजनिक करने के सवाल को उन्होंने टाल दिया।
इंफोसिस में बतौर चेयरमैन नंदन निलेकणि के आते ही कंपनी से पूरी तरह विदाई लेने पर पूर्व सीईओ विशाल सिक्का ने कहा कि अब कंपनी में बने रहने का औचित्य नहीं था। पिछले हफ्ते सीईओ पर से इस्तीफा देने के बाद उन्हें वाइस चेयरमैन बनाया गया था। गुरुवार को चेयरमैन आर शेषासायी ने दो निदेशकों और सिक्का के साथ कंपनी और बोर्ड छोड़ने का फैसला किया था। सिक्का ने कहा कि निलेकणि की वापसी के बाद भी कंपनी से जुड़े रहना अर्थहीन था। सिक्का ने यह भी स्पष्ट किया कि उन्होंने सह संस्थापक नारायणमूर्ति के खिलाफ कोई टिप्पणी नहीं की थी। उनकी टिप्पणी केवल उन परिस्थितियों पर थी, जिससे ध्यान भंग हो रहा था।
इंफोसिस संस्थापकों की ओर से एक तरह की बगावत किये जाने के बाद नये चेयरमैन के तौर पर कंपनी में लौटे नंदन निलेकणि ने निवेशकों और कर्मचारियों की चिंताएं दूर करने की भरपूर कोशिश की। उन्होंने कहा कि वह कंपनी में लांग टर्म गवर्नेस स्थापित करने, स्थायित्व लाने और कंपनी के करिश्माई व अहम संस्थापक एन. आर. नारायणमूर्ति के साथ संबंध सुधारने पर गौर करेंगे।
62 वर्षीय निलेकणि कंपनी के सात संस्थापकों में से एक हैं। वह कंपनी के सीईओ भी रहे हैं। शुक्रवार को उन्होंने निवेशकों से कांफ्रेंस कॉल की, मीडिया से बात की और बोर्ड मीटिंग में भी हिस्सा लिया। बोर्ड मीटिंग के बाद जारी बयान में मूर्ति के हालिया दिनों में उपजे मतभेदों को दुर्भाग्यपूर्ण कहा गया है। निलेकणि ने कहा, “मैं कंपनी में वापस लाया गया हूं क्योंकि बहुत विपरीत परिस्थितियों में काम करने और सफल रहने का मेरा रिकॉर्ड रहा है। मैं इसलिए भी यहां हूं क्योंकि मैं आम सहमति में भरोसा रखता हूं।”
इंफोसिस की प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, “डायरेक्टर्स की एक कमेटी बनाई गई है जो कि अक्टूबर तक अपना जवाब देगी। कमेटी के साथ मिलकर निवेशकों से बात करेंगे। सीईओ पद के लिए अंदर एवं बाहर दोनों ही उम्मीदवारों पर विचार किया जाएगा और इसका फैसला किरण मजूमदार समिति करेगी। जब तक जरुरत होगी वो बोर्ड में बने रहेंगे। नए सीईओ को चुनना उनकी जिम्मेदारी है। नई रणनीति का खुलासा अक्टूबर में किया जाएगा। इसके अलावा शेयरधारकों की सभी चिंताओं का ध्यान दिया जाएगा, साथ ही उनके साथ आगे की रणनीति पर विचार करेंगे।”
24 अगस्त को करीब 10 साल बाद निलेकणी की कंपनी में वापसी हुई है। जानकारी के मुताबिक विशाल सिक्का के इस्तीफे के बाद से ही कंपनी में चल रही स्थिरता को बहाल करने के प्रयास में बोर्ड में यह बड़ा बदलाव किया गया है। कंपनी ने यह जानकारी शेयर बाजार को दी थी।
नंदन निलेकणी ने अपनी नियुक्ति पर कहा, “इंफोसिस में वापसी पर खुश हूं, अब नॉन एग्जीक्यूटिव की भूमिका निभाऊंगा। बोर्ड में अपने सहयोगियों के साथ काम करने के बारे में सोच रहा हूं। पिछले तीन वर्षों के दौरान इंफोसिस के मुख्य कार्यकारी अधिकारी के रूप में अपनी सेवाएं देने के लिए विशाल सिक्का को धन्यवाद और उनके भविष्य के लिए शुभकामनाएं।”