अब वर्चुअल आधार आईडी की तैयारी में सरकार

न्यूज़ गेटवे /  वर्चुअल आधार आईडी / नई दिल्ली

12 अंक अब आपकी पहचान हैं लेकिन इस पहचान पर ही सवाल उठता रहा है। जी हां हम बात कर रहे हैं आधार की। इससे जुड़ी सुरक्षा को लेकर तमाम राजनीतिक दल और गैर सरकारी संगठन केंद्र सरकार पर संजीदा न होने के आरोप लगाते रहे हैं। आधार के डेटा बेस की सुरक्षा और आम लोगों की निजता भंग होने के खतरे को लेकर चिंताएं जताई जा रही हैं। सर्वाधिक सुरक्षित योजना के तहत आने वाला यूनिक आईडेंटिफिकेशन या आधार कार्ड का डेटा लीक होने को लेकर हाल ही में खूब हाय-तौबा मची।

सरकार के मुताबिक पहचान नंबर को इनकम टैक्स रिटर्न्स से जोड़ने की जरूरत, व्यवस्था को बेहतर ढंग से लागू करने और धोखाधड़ी को रोकने के लिए है। लेकिन समय समय पर इस सवालिया निशान जरूर उठे हैं। कहा जाता है कि भारत का बायोमेट्रिक डाटा बेस दुनिया का सबसे बड़ा डाटाबेस है। एक आंकलन ये भी है कि भारत की 90 फीसद आबादी की पहचान सरकार के पास मौजूद है या यूं कहें कि अति सुरक्षित डेटा सेंटरों में एकत्रित हैं। अपनी इस पहचान देने के बदले में लोगों को 12 अंकों की एक संख्या दी गई है।

आधार डेटा को लेकर सरकार के इंतजाम

बीते कुछ सालों में आधार का दबदबा इतना बढ़ा है कि इसने लोगों के जीवन को प्रभावित करना शुरू कर दिया। कहा जाने लगा कि ये आम नागरिक को मजबूत बनाने के बजाए लोगों की निगरानी करने का हथियार बन गया। लेकिन अब सरकार इस मामले को लेकर संजीदा है और कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। आधार डेटा लीक होने की खबरों के बीच सरकार इसकी सुरक्षा के लिए पुख्ता इंतजाम करने में जुट गई है। इसके तहत यूआईडीएआई हर आधार कार्ड की एक वर्चुअल आईडी तैयार करने का मौका देगी। इससे आपको जब भी अपनी आधार डिटेल कहीं देने की जरूरत पड़ेगी, तो आपको 12 अंकों के आधार नंबर की बजाय 16 नंबर की वर्चुअल आईडी देनी होगी। यूआईडीएआई के मुताबिक वर्चुअल आईडी जनरेट करने की यह सुविधा 1 जून से अनिवार्य हो जाएगी।

आधार की जगह करें वर्चुअल आईडी का इस्तेमाल

इस वर्चुअल आइडी को आधार नंबर की जगह विभिन्न सेवाओं में उपयोग किया जायेगा। इससे आधार नंबर धारकों के पास यह विकल्प होगा कि वे अगर न चाहें तो अपना आधार नंबर किसी के साथ साझा न करें और वर्चुअल आइडी का उपयोग करते हुए सेवाओं का लाभ ले सकें। यह वर्चुअल आइडी पूरी तरह से 12 अंकों के आधार नंबर के विकल्प के रूप में काम करेगा।

कैसे बनाई जाएगी वर्चुअल आईडी

इस वर्चुअल आईडी को कोई आधार कार्ड धारी शख्स यूआइडीएआइ की वेबसाइट से जेनरेट कर सकता है। वर्चुअल आईडी 16 अंकों की एक संख्या है, जिसे किसी सेवा के लिए तुरंत भी जेनरेट किया जा सकेगा। कोई आधार कार्ड धारी महिला या पुरुष कई वर्चुअल आईडी बना सकता है, लेकिन जब वह नया वर्चुअल आईडी बनायेगा तो पुरानी आईडी खुद ही रद्द हो जायेगी। वर्चुअल आइडी को सेवाओं के लिए अंगुलियों का निशान देने के समय दिया जा सकेगा।

मार्च में आ जाएगी ये सुविधा

यूआईडीए के मुताबिक वर्चुअल आईडी की सुविधा पहली मार्च से आ जाएगी और 1 जून से इसको पूरी तरह से लागू कर दिया जाएगा। इसका मतलब ये है कि 1 जून से सभी एजेंसियों को इसे लागू करना ही होगा। इसके बाद कोई भी वर्चुअल आईडी स्वीकार करने से मना नहीं कर पाएगा।

आधार कार्ड पर सुप्रीम कोर्ट ने कब और क्या कहा?

आइए एक नजर डालते हैं, अब तक आधार पर सुप्रीम कोर्ट ने कब और क्या-क्या कहा?

23 सितंबर 2013

कुछ विभागों ने आधार को अनिवार्य घोषित करने वाले सर्कुलर जारी किए हैं। इस तथ्य के बावजूद आधार कार्ड नहीं बनवाने लोगों को इसका कोई नुकसान नहीं होना चाहिए।

24 मार्च 2014

आधार नंबर न होने की सूरत में किसी व्यक्ति को ऐसी किसी सुविधा से वंचित नहीं रखा जाएगा जिसका वह अन्य स्थिति में हकदार होता। आधार अनिवार्य नहीं है- ये बताने के लिए सरकारी विभाग अपने फॉर्म्स/सर्कुलर्स में संशोधन करे।

11 अगस्त 2015

भारत सरकार रेडियो और टीवी सहित इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया में बड़े पैमाने पर प्रचार करना चाहिए कि किसी नागरिक के लिए आधार कार्ड प्राप्त करना अनिवार्य नहीं है।

14 सितंबर 2016

15 अक्टूबर 2015 के आदेश को दुहराते हुए कोर्ट ने कई छात्रवृत्ति योजनाओं के लिए आधार को अनिवार्य करने के केंद्र और राज्य सरकारों के फैसलों को पलट दिया।

15 दिसंबर 2017
1 जून 2017 बाद खोले गए बैंक खातों को छह महीने के अंदर या 31 मार्च 2018 से पहले आधार नंबर, पैन नंबर से लिंक कराना होगा। सरकार द्वारा 6 योजनाओं बजाए 139 योजनाओं के लिए आधार लागू करने के वैधानिक जांच की सुनवाई जनवरी 2018 में होगी।

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