रेवती फूकन की गुमशुदगी का रहस्य गहराया

सत्य नारायण मिश्र  / न्यूज़ गेटवे / गुमशुदगी का रहस्य  / गुवाहाटी /

रेवती फूकन की गुमशुदगी का रहस्य गहराया, परेश बरुवा का सनसनीखेज दावा मनमोहन सिंह के समय से हो रही थी बातचीत की कोशिश

पीसीजी के अन्यतम सदस्य रहे राज्य के प्रमुख बुद्धिजीवी रेवती फूकन के लापता होने का मामला अल्फा(आई) के मुख्य सेनाध्यक्ष परेश बरुवा के ताजा बयान के बाद और गहरा गया है। बरुवा ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के समय से लेकर कुछ पहले तक केंद्र और विद्रोही संगठन के बीच संप्रभुता को लेकर फूकन के प्रयासों का जिक्र कर उनके लापता होने के पीछे गहरा रहस्य होने की आशंका जताई है। उधर लापता पूर्व पीसीजी सदस्य के पुत्र ने भी अपने पिता के अपहरण की संदेह प्रकट किया है।

पूर्व पीसीजी सदस्य फूकन का लापता होना राज्य सरकार के लिए कितना सिरदर्द बन गया है, इसका अंदाजा इसीसे लगाया जा सकता है कि उनकी गुमशुदगी का पता लगाने के लिए खुफिया तंत्र पूरी तरह से जुट गया है। स्वयं मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल को पुलिस महानिदंशक मुकेश सहाय को इसका खुलासा जल्द से जल्द करने का निर्देश देना पड़ा।

अब अल्फा(आई) के शीर्ष नेता परेश बरुवा की आशंका ने इसमें कुछ अन्य कारकों की ओर इशारा किया है। एक स्थानीय समाचार चैनल के साथ टेलिफोनिक बातचीत में अल्फा(आई) के नेता ने कहा कि एक महीने पहले रेवती फूकन ने
उनसे भारत सरकार की तरफ से बातचीत की बात कही थी। बरुवा के मुताबिक फूकन ने संप्रभुता को लेकर बातचीत का प्रयास किया था और उसी के आधार पर उन्होंने एक ड्राफ्ट भी बनाया था। फूकन ने विदेश में
बातचीत कराने का प्रस्ताव भी दिया था। इन तमाम बातों के बीच उनका लापता हो जाना सचमुच में काफी रहस्यमय है। अल्फा (आई) के मुख्य सेनाध्यक्ष ने आशंका जताई है कि बातचीत नहीं चाहने वाले निहित तत्व उनका अपहरण कर सकते
हैं।

पिछले साढ़े तीन दशक से सरकार के लिए लगातार पहेली बने अल्फा नेता ने दावा किया है कि पीसीजी के अस्तित्व में होने के दौरान भी फूकन ने सरकार की ओर से प्रस्ताव दिया था। उस समय के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी संप्रभुता के ऊपर प्रस्ताव दिया था। लेकिन कुछ सरकारी अधिकारियों और राजनेताओं के विरोध के कारण वह बातचीत विफल रही। इस दफे भी ड्राफ्ट बनाते समय यह अनहोनी हो गई। साफ है कि इसके पीछे सम्मानजनक वार्ता विरोधी कुचक्र जुड़ा है।

इस बीच रेवती फूकन के पुत्र कौशिक फूकन ने भी एक ही समाचार चैनल में अपने पिता के अपहरण की आशंका जताई है। कौशिक के मुताबिक वर्ष 2010 से ही परेश बरुवा को वापस लाने का प्रयास उसके पिता कर रहे थे। लगता है कि कोई तो है
जो परेश बरुवा को वापस नहीं आने देना चाहता। कौशिक ने दावा किया कि उसके पिता ने अल्फा के अध्यक्ष अरविंद राजखोवा को वापस लाने में भी अहम भूमिका निभाई थी।

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