सत्य नारायण मिश्र  / न्यूज़ गेटवे / अभी भी भरोसा  / गुवाहाटी /

यूं तो विस्तार भाजपा नीत सोनोवाल मंत्रिपरिषद में हुआ है, लेकिन आशाओं पर तुषारापात प्रदेश कांग्रेस की उम्मीदों पर हुआ है। कांग्रेस की गोगोई सरकार जिस मंत्रिपरिषद विस्तार के टलते जाने के कारण बढ़ी अंतर्कलह का शिकार हुई, भाजपा नेतृत्व ने समय रहते उसे भांप लिया। फिलहाल सोनोवाल सरकार के सामने बाकी का रास्ता साफ है। बिल्ली के भाग्यसे छींका टूट जाए कह नही सकते।

वृहस्पतिवार की सुबह जब सोनोवाल मंत्रिमंडल विस्तार को ले राजभवन गुलजार था, प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन अन्य दिनों की तुलना में अधिक ही उदास लग रहा था। पूछने पर बताया गया कि सब लोग आगामी 29 अप्रैल की रामलीला मैदान महारैली की तैयारी में लगे हैं।

उधर राजभवन में राज्य में सात नए मंत्रियों की ताजपोशी में मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस का अकेले प्रतिनिधित्व कर रहे छयगांव विधायक रकीबुद्दीन अहमद सरकार एक सतत प्रक्रिया की बात कर फिर से सत्ता में आने की उम्मीद जता रहे थे, इधर पूरी की पूरी प्रदेश कांग्रेस नई दिल्ली को मजबूत बना दिसपुर की गद्दी का ताना-बाना बुन रही है।

प्रवक्ता के मुताबिक कांग्रेस कर्मी तन-मन-धन सबकुछ लगा रहे हैं। इस बार धन की कमी होने के कारण पार्टी ने एनई एक्सप्रेस में दो बोगियां आरक्षित कराई हैं। कम से कम दो सौ कांग्रेस कर्मी शुक्रवार को देश की राजधानी के
लिए रवाना हो रहे हैं। लक्ष्य सामने है। वर्ष 2019 में नई दिल्ली में फिर गद्दीनसीन होना है। एक बार दिल्ली फतेह कर ली तो अगले दो साल बाद दिसपुर तो कोई दूर नहीं होगा।

वैसे कांग्रेेस को अभी भी भरोसा है कि मंत्री नहीं बनाए जाने से रुष्ट प्रशांत फूकन जैसे कुछ पुराने नेता उसके लिए संजीवनी बन सकते हैं। यह उसके अपने पुराने अनुभव पर आधारित सोच है। बिल्ली के भाग्य से छींका कभी
तो टूटा ही होगा।

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