टिल्लन और टिल्लन की किताब !
– मनमोहन सरल वरिष्ठ सहायक संपादक : धर्मयुग टिल्लन का नाम तो सुना था ,
– मनमोहन सरल वरिष्ठ सहायक संपादक : धर्मयुग टिल्लन का नाम तो सुना था ,
काल के प्रवाह को थिर करते हुए मुंबई में स्मृतियों के आँचल के तले अवतरित
सादर निमंत्रण आइए, हिंदी की समृद्धि के लिए नयी परम्पराएं रचें साहित्य की पालखी उठायें/दिंडी निकालें साहित्य
हरेक हिंदीभाषी , हरेक हिंदी प्रेमी को सादर निमन्त्रण आइए, भाषा, बोली, साहित्य और संस्कृति को
धर्मयुग की याद आना , होली पर सबसे मिलने की बात सोचना , सुदीप जी