न्यूज़ डेस्क

उड़ान भरती हिन्दी / टिल्लन रिछारिया

किताबों और शैक्षिक पाठ्यक्रम की सीमाओं से  काफ़ी आगे निकल कर  हिंदी अब वैश्विक उड़ान पर है …अवधी ,भोजपुरी  ब्रजभाषा, कन्नौजी, बुंदेली,बघेली,  हरयाणवी, राजस्थानी, छत्तीसगढ़ी, मालवी, झारखंडी, कुमाउँनी, मगही आदि बोलियों के पंखों पर सवार हो हिन्दी  जो स्वयंवर रच रही है वहअब अचीन्हा नहीं ,बल्कि भाषा की व्यापकता का सहज स्वीकार्य मानक बन रहा है। … सहज,सरल,सुगम हिंदी अपनी सौम्यता और ग्राह्यता  सेविश्व मोहनी

Subscribe To Our Newsletter