5 मिनट का मेडिटेशन
- डॉ. हंसा जयदेव योगेन्द्र
ध्यान के दौरान शरीर में रक्त का प्रवाह और ऊर्जा का संचार बढ़ता है। इससे मांसपेशियों को अधिक ऑक्सीजन मिलती है। शरीर में लेक्टिक एसिड बढ़ता है, जो तनाव और बेचैनी को तेजी से घटाता है। मेडिटेशन वह मानसिक व्यायाम है, जो आपके मन को शांत करता है, ध्यान को एक ही जगह पर स्थिर और जागरूक करता है। मेडिटेशन यानी एकाग्र होकर आत्मनिरीक्षण करना, खुद को पहचानने की कोशिश करना। मुंबई स्थित ‘द योग इंस्टीट्यूट’ की डायरेक्टर डॉ. हंसा जयदेव योगेन्द्र ने बताया कि पांच मिनट की एक मेडिटेशन टेक्निक ऊर्जा बढ़ाती है और मन को शांत करती है। इसके लिए कुछ देर एकाग्र ध्यान में बैठें और ऊर्जा को स्वयं महसूस करें। इसे आप कभी भी, कहीं भी कर सकते हैं
पहला मिनट : आराम से कुर्सी पर बैठ जाएं। पूरे अभ्यास के दौरान अपनी नाक से धीमी व गहरी सांस लें। स्थिर रहें और अपने शरीर को ढीला छोड़ें व शरीर के वजन को कुर्सी पर महसूस करें। अपनी श्वास पर ध्यान लगाएं। चार तक गिनते हुए सांस अंदर लें और चार तक ही गिनते हुए सांस छोड़ें।
दूसरा मिनट : निगाहें नाक पर हों व पूरा ध्यान श्वास पर बनाए रखें। मन को शांत होते हुए महसूस करें। आनंद महसूस करें कि इस समय आप अपने साथ बैठे हैं।
तीसरा मिनट : आंखों को बंद रखें। 15 सेकंड के लिए स्पर्श शक्ति पर ध्यान लगाएं। अपने कपड़ाें को, शरीर पर टच करते हुए महसूस करें। अगले 15 सेकंड बाहरी आवाजों को सुनते जाएं। सुनने पर ध्यान केंद्रित करें। फिर गंध, स्वाद और देखने की शक्ति के बारे में सोचें। सिर्फ इन्हें महसूस करें।
चौथा मिनट : मन में विचार आ रहे हों तो उन पर ध्यान न दें, उन्हें नियंत्रित करने की कोशिश न करें। उन्हें सहजता से आने और जानें दें। बस अपने विचारों को जानें व समझें।
पांचवां मिनट : इनमें से कोई भी अच्छा विचार, दृश्य, शब्द, वाक्य काे चुनें। अब सिर्फ उस पर ध्यान लगाएं। जो भी हो वह सुंदर व उर्जादायी होना चाहिए। उदाहरण के लिए यदि आपने समुद्र तट के बारे में सोचा है तो वह सुंदर, शांत, जाेश से भरपूर हो। यह सोच आपको संतोष और खुशी देने वाली होना चाहिए।