Indian Prime Minister Narendra Modi speaks during a plenary session in the Congress Hall the opening day of the 48th Annual Meeting of the World Economic Forum, WEF, in Davos, Switzerland, Tuesday, Jan. 23, 2018. (Laurent Gillieron/Keystone via AP)

न्यूज़ गेटवे /  डब्ल्यूईएफ / दावोस /  

स्विटजरलैंड के शहर दावोस में दुनिया भर से आए दिग्गज कंपनियों के प्रमुखों और विदेशी नेताओं के जमावड़े के बीच विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) में उद्घाटन भाषण देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह साबित कर दिया कि क्यों उन्हें दुनिया के तीन सबसे लोकप्रिय नेताओं में शुमार किया जाता है। तकरीबन 20 वर्षो बाद इस मंच से भारत का कोई प्रधानमंत्री वैश्विक समुदाय को संबोधित कर रहा था और मोदी ने इसका फायदा उठाते हुए भारत को एक बेहतरीन निवेश स्थल के तौर पर मार्केटिंग करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। उन्होंने संरक्षणवाद को आतंकवाद की तरह खतरनाक बताया तो पड़ोसी देश पाकिस्तान पर भी निशाना साधा।

साथ ही दुनिया को यह भी संकेत दिया कि अगर भारत को नया वैश्विक लीडर माना जा रहा है तो उसकी ठोस वजहें हैं और भारत यह भूमिका निभाने के लिए तैयार है। हिंदी में मोदी का बेहद ओजपूर्ण भाषण भारतीय दर्शन के साथ ही बुद्ध, गांधी व टैगोर के विचारों व उपनिषदों की उक्तियों से भरा हुआ था। दुनियाभर के दिग्गज वैश्वीकरण पर भारत का नजरिया जानने को इच्छुक थे, ऐसे में मोदी ने संरक्षणवाद को बढ़ावा देने वाली ताकतों को चेतावनी दे डाली। वैश्वीकरण की रंगत खोने की बात करते हुए मोदी ने यह भी स्पष्ट किया कि हाल के दिनों में संरक्षणवाद की राह पर चल रहे देशों की नीतियों का भारत समर्थन नहीं करता।

 उन्होंने संरक्षणवाद को दुनिया के समक्ष तीन सबसे बड़ी चुनौतियों में शामिल करते हुए कहा कि ‘संरक्षणवाद आतंकवाद की तरह ही घातक साबित हो सकता है।’ इसी मंच से चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने पिछले वर्ष संरक्षणवाद पर करारा प्रहार किया था। मोदी के इस बयान का निहितार्थ सीधे तौर पर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की आर्थिक नीतियों के विरोध के तौर पर देखा जा रहा है जिसमें अमेरिकी उत्पाद, अमेरिकी कारोबार व अमेरिकी मूल के व्यक्तियों को पहले वरीयता देने की बात की जा रही है। साफ है कि वैश्विक लीडर के तौर पर चीन और भारत के उभरने की बात यूं ही नहीं हो रही।

अच्छे-बुरे आतंकवाद में अंतर खतरनाक मोदी ने पर्यावरण बदलाव और आतंकवाद को दुनिया के समक्ष सबसे बड़ी चुनौतियों में गिनाते हुए पड़ोसी देश पाकिस्तान पर निशाना भी साधा। उन्होंने कहा कि आतंकवाद के नुकसान और इसके खतरनाक परिणामों को सभी देश समझ रहे हैं और वह उसे दोहराना नहीं चाहते। लेकिन आतंकवाद जितना खतरनाक है उतना ही खतरनाक है अच्छे और बुरे आतंकवाद (गुड टेररिस्ट और बैड टेररिस्ट) में अंतर करना। सनद रहे कि पड़ोसी देश पाकिस्तान हमेशा से आतंकवाद पर गुड टेररिस्ट और बैड टेररिस्ट की बात करता है। उसके लिए कश्मीर के आतंकी गुड टेररिस्ट हैं जबकि पाकिस्तान में पनाह लिए अफगान आतंकी बैड टेररिस्ट हैं।

 

भारत को वैश्विक लीडर के तौर पर किया पेशमोदी के भाषण की एक अन्य खास बात यह रही कि इसमें भारत को हर लिहाज से एक वैश्विक लीडर के तौर पर पेश करने की कोशिश की गई। चाहे मुसीबत में फंसे देशों को राहत देने की बात हो या युद्ध ग्रस्त इलाकों में शांति स्थापित करने में भारतीय सेना की भूमिका हो या वैश्वीकरण के मोर्चे पर भारत का रिकॉर्ड हो। भारत सरकार की तरफ से हाल के दिनों में एक स्वच्छ अर्थव्यवस्था बनाने के लिए उठाए गए कदमों का उल्लेख करते हुए उन्होंने वैश्विक निवेशकों का आह्वान किया कि वर्ष 2025 तक भारत पांच लाख करोड़ डॉलर की एक विशाल अर्थव्यवस्था बन जाएगी।

वेल्थ के साथ वेलनेस का दिया मंत्रइसके बाद इपनिषदों की उक्तियों के जरिये वैश्विक निवेशकों को भारत आने का न्यौता भी मोदी ने अपने अंदाज में दिया। मोदी ने कहा कि अगर वे वेल्थ (संपदा) के साथ वेलनेस (सुख-शांति) चाहते हैं तो भारत आएं। अगर स्वास्थ्य के साथ समग्रता चाहते हैं तो भारत आएं। अगर संपन्नता के साथ शांति चाहते हैं तो भारत आएं।

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