९ अगस्त को `अंग्रेज़ियत हटाओ, भारतीय भाषाएँ बचाओ’ आंदोलन को `अंग्रेज़ियत हटाओ, भारतीय भाषाएँ बचाओ’ आंदोलन


भारत छोडो आंदोलन के दिन ९ अगस्त को पूर्वांचल विकास प्रतिष्ठान ने मुंबई मराठी पत्रकार संघ में `अंग्रेज़ियत हटाओ, भारतीय भाषाएँ बचाओ’ विषय पर अभियान सभा का आयोजन किया है।

यशस्वी हिंदी लेखिका श्रीमती पुष्पा भारती की प्रेरणा और मुंबई मराठी पत्रकार संघ की सहभागिता से आयोजित किये जा रहे इस कार्यक्रम में हिंदी, मराठी और गुजराती के विद्वानों और समाजसेवियों को बुलाया जा रहा है। कार्यक्रम का उद्देश्य इस संकट को रेखांकित करना है कि अंग्रेज़ियत की गुलामी दूर न की गयी तो भारतीय भाषाएँ अगले कुछ बरसों में केवल सोहर, कजरी और लावणी गाने के काम की रह जाएंगी। संस्था इस बात की भी मांग कर रही है कि सरकारी और निजी सभी स्कूलों में स्कूली स्तर पर मातृभाषा में शिक्षा देना अनिवार्य किया जाए।   

 
अभियान सभा के नतीजों को प्रस्तावित शिक्षा नीति में शामिल करने के लिए केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय को भेजा जायेगा। संस्था के सचिव पत्रकार ओम प्रकाश ने एक बयान में कहा है कि आज़ादी के ७० साल बाद भी यदि हिंदी को संपर्क भाषा बनाने में असमंजस बना हुआ है तो फिर त्रिभाषा फार्मूले के तहत तीन भाषाओँ की पढाई बंद की जाए, और बच्चों को भाषा राजनीति के बोझ से मुक्त किया जाए।  


संस्था का मानना है कि हिंदी को भारतीय भाषाओँ की एक जोड़ भाषा भी बनाया जाना चाहिए। गांधी जी की हिन्दुस्तानी भाषा की कल्पना और तमिल संगम जैसे उपक्रम इस बात को पहले से भी रेखांकित कर चुके हैं।  इस जोड़ को लेकर संस्था ने २४ व् २५ दिसंबर, २०१९ को मुंबई में सभी भारतीय भाषाओँ के विद्वानों का एक भाषा संगम बुलाने की भी घोषणा की है। 

 
संपर्क : ओम प्रकाश सचिव, पूर्वांचल विकास प्रतिष्ठान टेली. ९०२९२८६६६१ 

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