सोशल मीडिया पर फर्जी अकाउंट, चल रहा प्रमोशन का धंधा
न्यूज़ गेटवे / फर्जी अकाउंट / नई दिल्ली/
लोग सोशल मीडिया पर एक दूसरे के फॉलावर्स के नंबरों को बड़ी हैरानी के साथ देखते हैं। कई बार तो सोशल मीडिया पर कुछ अनजान लोगों के फॉलावर्स भी हजारों में होते हैं। इन नंबरों को देखकर एक बार तो ये लगता ही है कि ये लोग हमसे ज्यादा फेमस हैं या इन्हें हमसे ज्यादा लोग जानते और पहचानते हैं। लेकिन ऐसा नहीं है। आपको बता दें कि इसको लेकर भी एक गोरखधंधा है जो फर्जी तौर पर लोगों को प्रमोट करने का काम करते हैं। खासतौर पर सोशल मीडिया पर इस तरह का काम बड़ा फलफूल रहा है। ऐसा इसलिए भी है क्योंकि मौजूदा समय में हर कोई चाहता है कि उन्हें ज्यादा से ज्यादा लोग पहचानें भले ही वह उनके फर्जी फॉलावर्स या नंबर के रूप में ही क्यों न हो।
ऐसा ही एक मामला उस वक्त सामने आया जब जैसिका नाम की एक लड़की ने इस पर गौर करना शुरू किया। उसके मुताबिक वह सोशल मीडिया पर पहले केवल अपने दोस्तों के साथ जोक वगैरह शेयर करती थी। ज्यादा से जयादा थोड़ी बहुत देर के लिए चैटिंग करती थी। ट्विटर पर कभी-कभार वह कुछ चीजों को पोस्ट भी कर देती थी। लेकिन उसने एक बार ध्यान दिया कि उसके नाम से ही एक दूसरी जैसिका फर्जी तरीके से कुछ ट्वीट को रिट्वीट कर रही है। इतना ही नहीं वह एक रियल स्टेट कंपनी समेत कुछ अन्य चीजों का भी प्रमोशन कर रही है। फर्जी तौर पर जैसिका का अकाउंट हैंडल करने वाली यह लड़की उन भाषाओं में भी ट्वीट कर रही थी जो उसको आती ही नहीं थीं। हद तो तब हो गई जब 17 वर्षीय जैसिका के नाम पर फर्जी जैसिका पोर्नोग्राफिक की प्रमोशन कर रही थी और इनसे जुड़े ट्वीट को रिट्वीट कर रही थी।
इस संबंध में जिस कंपनी देवूमी का नाम सामने आया है वह अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को निराधार बता रही है। इसके संस्थापक जर्मन कलास का कहना है कि वह इस तरह के गोरखधंधे में नहीं लगे हैं और न ही उनकी कंपनी इस तरह का काम करती है। उन्होंने सोशल मीडिया के किसी भी यूजर का फर्जी अकाउंट खोलने से भी इंकार किया है। उनका कहना है कि इस तरह की गतिविधियों की उन्हें कोई जानकारी नहीं है। आपको बता दें कि देवूमी कंपनी के करीब दो लाख ग्राहक हैं जो टीवी, खेलकूद और मॉडलिंग से जुड़े हुए हैं। उनके इंकार के बाद भी सोशल मीडिया पर चल रहा यह गोरखधंधा अब उजागर हो चुका है। हालांकि ट्विटर समेत दूसरे सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर फॉलोवर्स की खरीद फरोख्त पूरी तरह से वर्जित है। इसके बाद भी कंपनियां इस काम को धड़ल्ले से कर रही हैं। इन कंपनियों के लिए इस काम को करने के अपने ही नियम कायदे हैं।