सुरक्षा के लिहाज से राफेल डील को सार्वजनिक नहीं करेगी सरकार

न्यूज़ गेटवे / राफेल डील / नई दिल्ली / 

राफेल डील पर कांग्रेस के हमलावर तेवर के बावजूद सरकार इससे संबंधित कोई भी जानकारी सार्वजनिक नहीं करेगी। सरकार का कहना है कि सौदे के सार्वजनिक होने से राफेल की मारक क्षमता और उसमें लगे विशेष उपकरण भी सार्वजनिक हो जाएंगे, जिससे देश की सुरक्षा का असर पड़ सकता है। सरकार के अनुसार देश की सुरक्षा के कारण संप्रग सरकार के दौरान भी रक्षा सौदों की विस्तृत जानकारी सार्वजनिक करने से इनकार किया जाता रहा है।

कांग्रेस की ओर से लगाए जा रहे राफेल के बजाय दूसरे युद्धक विमान पर विचार नहीं के आरोपों को सरकार ने सिरे से खारिज कर दिया है। सरकार के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार कांग्रेस जिस कंपनी के युद्धक विमान की ओर इशारा कर रही है, उसे 2012 में संप्रग सरकार के समय भी खारिज कर दिया गया। तत्कालीन संप्रग सरकार ने राफेल को एल-वन बताते हुए इसे खरीदने की बातचीत भी शुरू कर दी थी। ऐसे में कांग्रेस की ओर से लगाए जा रहे इस तरह के आरोपों का कोई मतलब नहीं है।

 सरकार के उच्च पदस्थ सूत्रों का कहना है कि डील की कुल लागत के बारे में संसद को पहले ही जानकारी दी चुकी है। लेकिन कांग्रेस का इस डील के विस्तृत ब्यौरे और कीमत को सार्वजनिक करने की मांग उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि इससे युद्धक विमान में लगे एक-एक उपकरण की जानकारी सार्वजनिक हो जाएगी और उसकी मारक क्षमता की जानकारी दुश्मन देशों को भी हो जाएगी। ऐसा करना देश की सुरक्षा के लिए खतरनाक हो सकता है।

सरकार की ओर कहा जा रहा है कि राफेल का मामला पहला नहीं है, जब सुरक्षा के कारणों से डील को सार्वजनिक नहीं किया जा रहा है। ऐसा पहले भी होता रहा है। खुद संप्रग सरकार देश की सुरक्षा का हवाला देते हुए रक्षा सौदों की जानकारी सार्वजनिक करने से इनकार करती रही है। यहां तक कि संसद में पूछे गए लिखित सवाल के जवाब में संप्रग सरकार ने यही कहा था।

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