साहित्यकार श्री अजित पुष्कल अस्वस्थ हैं

सुनील श्रीवास्तव

कवि, कथाकार और नाटककार मेरे गुरु आदरणीय अजित पुष्कल जी इन दिनों दिल्ली में अपने बेटे सुनील रंजन के यहां हैं और पिछले 30जुलाई से अस्वस्थ हैं ।30जुलाई को वे फिसल कर गिर गये ,जिससे उनकी कमर की हड्डी टूट गयी ।दो अगस्त को उनका आपरेशन हुआ ।तब से वह बिस्तर पर पड़े हुए हैं ।

मेरे मित्र और वरिष्ठ पत्रकार श्री टिल्लन रिछारिया ने मुझे फोन पर सूचना दी थी । अपने गुरु के बीमारी की खबर सुनकर मैं चिंतित हो गया ।आज़ हम और मित्र टिल्लन रिछारिया दोनों उनके निवास आर के पुरम उनको देखने गये ।वे पहले से बेहतर हैं ,लेकिन पूरी तरह स्वस्थ होने और कमर की हड्डी जुड़ने में काफी वक्त लगेगा ।

लगभग चार घंटे तक हम उनके पास बैठे रहे और पहले की तरह व्यक्तिगत बातों को साझा करने के साथ -साथ साहित्य पर भी चर्चा हुई । इलाहाबाद के रंगकर्म पर ज्यादा बातें कीं और वरिष्ठ रंगकर्मी अनिल रंजन भौमिक और सुषमा शर्मा के मंच के प्रति समर्पण की काफी प्रशंसा भी की ।उन्होंने कविता से अपने लेखन शुरुआत और फिर कहानी और नाटक तक की अपनी यात्रा को भी याद किया । कथाकार अमरकांत,ओमप्रकाश श्रीवास्तव, कमलेश्वर, सतीश जमाली, इब्राहिम शरीफ,से रा यात्री, बलवंतसिंह सहित कई साहित्यकारों के लेखन आदि पर भी खूब बातें कीं ।चूंकि बहुत देर हो गई थी इसलिए कुछ बातें अधूरी छोड़कर हम और टिल्लन जी यह कह कर आ गये कि हम फिर आयेंगे ।ईश्वर उन्हें जल्दी से पूर्णतया स्वस्थ करें ।

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