सरदार सरोवर बांध करोड़ों किसानों का भाग्य बदल देगा : मोदी

न्यूज़ गेटवे / सरदार सरोवर बांध  / नई दिल्ली /

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने जन्मदिन के मौके पर गुजरात दौरे पर हैं। यहां उन्होंने सरदार सरोवर बांध का उद्घाटन किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि सरदार पटेल अगर होते तो उन्हें बहुत खुशी होती कि उनका सपना पूरा हुआ है। उन्होंने कहा कि इस बांध के खुलने के बाद नागरिकों और किसानों को फायदा मिलेगा और करोड़ों किसानों का भाग्य बदल देगा। पीएम मोदी ने सरदार सरोवर डैम का फायदा गिनाते हुए कहा कि इससे किसानों का भला होगा। पीने का पानी मिलेगा अौर आर्थिक क्रांति आएगी।

इस मौके पर उन्होंने कहा कि इस बांध को बनने में कई दिक्कतों का सामना करना पड़ा। यहां तक कि विश्व बैंक ने भी इस बांध को बनाने से मना कर दिया था। लेकिन इस प्रोजेक्ट को पूरा करने में कोई कसर नहीं छोड़ी।

पीएम मोदी ने कहा कि दुनिया की हर चुनौती को चुनौती देने का सामर्थ्य यह देश रखता है। विकास के अंदर कोई सबसे बड़ा रुकावट बना है तो वह पानी बना है। मैं जब एक बार बीएसएफ के जवानों के साथ बैठा तो पता चला इस रेगिस्तान में सैकड़ों मील दूर से जवान पानी लेकर आते थे तो जवानों को पीने का पानी मिलता था। जिस दिन मैं नर्मदा का पानी लेकर वहां पहुंचा तो मैंने बीएसएफ के जवानों तके चेहरे पर एक खुशी देखी थी।

उन्होंने ये भी कहा कि विश्वकर्मा जयंती पर जिन जिन लोगों ने इस सरदार सरोवर बांध का निर्माण किया है उनको देश को सरदार सरोवर बांध के रूप में एक सौगात देने का सौभाग्य मिला। जन्मदिन की शुभकामनाओं के लिए मैं आभार प्रकट करता हूं।

पीएम ने कहा कि मैं जिउंगा आपके सपने के लिए। यह सरदार सरोवर डैम सरदार वल्लभ भाई पटेल की आत्मा जहां भी होगी वह आज हम पर आशीर्वाद बरसा रही होगी। मेरे और कईयों के जन्म से पहले सरदार वल्लभ भाई पटेल ने इस बांध का सपना देखा था। अगर वह कुछ और साल जीते तो यह सरदार सरोवर बांध बन चुका होता। सरदार वल्लभ भाई पटेल ने गुजरात, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र के जीवन को एक नर्मदा नदी कैसे बदल सकती है यह सरदार वल्लभ भाई पटेल ने सोचा।

मंत्री परिषद के अपने अल्पकाल में आंबेडकर ने रखी थी शायद ही कोई सरकार इतना कर कती है जितना उन्होंने सोचा था। अगर आज बाबा साहब और सरदार वल्लभ भाई पटेल कुछ और साल जीते तो हमारा देश नई ऊंचाईयों को छू रहा होता। पीएम मोदी ने कहा यह बांध पूरे देश को समर्पित करता हूं। मां नर्मदा और इस योजना को बहुत सारी मुसीबतें झेलनी पड़ी। दुनिया की हर ताकत ने इस बांध के रास्ते में रुकावट पैदा की।

वर्ल्ड बैंक ने इस योजना के लिए पैसे देने से मना कर दिया था लेकिन हमने भी ठान लिया था कि हम भारत के पसीने से इस बांध को बना के रहेंगे। दुनिया की हर चुनौती को चुनौती देने का सामर्थ्य यह देश रखता है। विकास के अंदर कोई सबसे बड़ा रुकावट बना है तो वह पानी बना है।

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