सरकार ने मंदिर निर्माण के लिए श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट बनाया

केंद्र सरकार ने अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण करने के लिए बुधवार को ‘श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र’ ट्रस्ट का गठन कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने 9 नवंबर को अयोध्या मामले में फैसला सुनाया था। इसमें 3 महीने के अंदर ट्रस्ट के गठन का आदेश दिया था। 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में कहा कि यह ट्रस्ट मंदिर निर्माण के सभी निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र होगा। उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं की संख्या को ध्यान में रखते हुए सरकार ने अयोध्या कानून के तहत अधिग्रहीत पूरी 67 एकड़ भूमि नवगठित ट्रस्ट को देने का निर्णय लिया है। साथ ही सुन्नी वक्फ बोर्ड को 5 एकड़ भूमि देने का केंद्र का अनुरोध राज्य सरकार ने स्वीकार कर लिया है। 

देशवासियों की परिपक्वता की प्रशंसा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में कहा, ‘‘राम जन्मभूमि पर फैसला आने के बाद हमने अपनी लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं पर भरोसा जताया। मैं देशवासियों के इस परिपक्व व्यवहार की भूरी-भूरी प्रशंसा करता हूं। हमारी संस्कृति, हमारी परंपराएं हमें वसुधैव कुटुम्बकम और सर्वे भवन्तु सुखिन: का संदेश और प्रेरणा देती है। हिंदुस्तान में हर पंथ के लोग, चाहे वे हिंदू हों, मुस्लिम हों, सिख और ईसाई, हम सभी एक वृहद परिवार के ही सदस्य हैं। इस परिवार के हर सदस्य का विकास हो, वे सुखी रहें, स्वस्थ रहें, समृद्ध रहें, इसी भावना के साथ मेरी सरकार सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास के मंत्र के साथ चल रही है। आइए इस ऐतिहासिक क्षण में हम सभी भव्य राम मंदिर के निर्माण के लिए एक स्वर में अपना मत दें।’’

रौनाही के धन्नीपुर में वक्फ बोर्ड को जमीन दी जा सकती है

याेगी कैबिनेट अयोध्या में मस्जिद निर्माण के लिए 5 एकड़ जमीन सुन्नी वक्फ बोर्ड को सौंपने की मंजूरी देगी। भूमि आवंटन का पत्र भी बोर्ड को सौंपा जाएगा। संभावना है कि अयोध्या के पास लखनऊ हाईवे पर रौनाही के धन्नीपुर में चिह्नित 5 एकड़ भूमि वक्फ बोर्ड को दी जाए।


चारों मठों के शंकराचार्य हाेंगे ट्रस्ट में शामिल

ट्रस्ट के सदस्यों को लेकर शुरू से अटकलें जारी हैं। शुरू में प्रधानमंत्री, गृह मंत्री, यूपी के मुख्यमंत्री और राज्यपाल काे संरक्षक बनाने की अटकलें थीं। लेकिन अब ट्रस्ट को संपूर्ण समाज के प्रतिनिधि की संस्था के रूप में तैयार करने के संकेत हैं। सूत्रों के अनुसार, आदि शंकराचार्य द्वारा स्थापित चारों मठों के शंकराचार्य ट्रस्ट में शामिल हाेंगे। अयोध्या से महंत नृत्य गोपाल दास, दिगंबर अनी अखाड़े के महंत सुरेश दास, निर्मोही अखाड़े के महंत दीनेंद्र दास, गोरक्षपीठ गोरखपुर के प्रतिनिधि, कर्नाटक के उडुपी पेजावर मठ के प्रतिनिधि, विहिप से ओम प्रकाश सिंघल, उपाध्यक्ष चंपतराय, राम मंदिर आंदोलन को आमजन तक पहुंचाने वाले दिवंगत अशोक सिंघल के भतीजे सलिल, दिवंगत विष्णुहरि डालमिया के परिवार से पुनीत डालमिया, एक दलित प्रतिनिधि और एक महिला प्रतिनिधि ट्रस्ट में शामिल हाेंगी। केंद्र सरकार के प्रतिनिधि के रूप में संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारी, प्रदेश सरकार के प्रतिनिधि के रूप में अयोध्या के डीएम काे भी ट्रस्ट में शामिल किया जा सकता है।

अयोध्या में सुरक्षा के कड़े इंतजाम होंगे
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के क्रियान्वयन के साथ ही अयोध्या में सुरक्षा कड़ी करने की तैयारी है। राज्य में पिछले दिनाें सीएए के विराेध में हुई हिंसा के तार पीएफआई सहित कुछ अन्य संगठनाें से जुड़े हैं। उसे ध्यान में रखकर राज्य सरकार अतिरिक्त सतर्कता बरत रही है। अयोध्या के श्रीरामलला मंदिर पर 2005 में आतंकवादी हमला भी हाे चुका है।

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