संजय खान लॉन्च करेंगे अपनी दूसरी किताब ‘अस्सलामुअलैकुम वतन’

अभिनेता संजय खान अपनी नई किताब लॉन्च करने जा रहे हैं।‘अस्सलामुअलैकुम वतन ’ शीर्षक वाली खान की यह दूसरी किताब, भारत को दुनिया की सांस्कृतिक और वास्तुकला की विरासत बनाने में मुसलमानों की भूमिका को बयां करेगी। इस पुस्तक में कुछ विवादास्पद सवालों का जवाब देने की भी कोशिश की गई है।

धर्म के आधार पर न हो किसी की पहचान: ‘अस्सलामुअलैकुम वतन’ की विषयवस्तु मुख्य रूप से इस आधार पर टिकी हुई है कि धार्मिक समुदायों के लिए ‘अल्पसंख्यक’ शब्द का इस्तेमाल कई वर्षों के दौरान उभरी भ्रमित करने वाली संस्थाओं का आधार है। संजय खान ने किताब के लगभग हर पृष्ठ (जिसमें 10 अध्याय हैं) में यह कहा है कि वह “खुद को पहले भारतीय और फिर किसी धर्म का व्यक्ति मानते हैं।”

खान के अनुसार, ‘अल्पसंख्यक’ शब्द को तिरस्कारपूर्ण तौर पर लेने की जरूरत है। इस किताब के माध्यम से संजय खान सुझाव देते हैं कि भारत सरकार सभी नागरिकों को भारतीय के तौर पर संबोधित करने की पहल करे और “यदि आवश्यक हो तो धर्म के नाम से पहले भारतीय जोड़े। मसलन – भारतीय-मुस्लिम, भारतीय-हिंदू, भारतीय-ईसाई, भारतीय-सिख जो हर नागरिक को किसी भी चीज़ से पहले भारतीय होने का एहसास दिलाएंगे।”

संजय खान कहते हैं, “इस किताब का मकसद न सिर्फ भारतीय मुसलमानों की अप्रवासी मानसिकता को खत्म करने के लिए उनको सहमत करना है बल्कि एक बार फिर से उनके योगदान के लिए उनको एक बहुत ही ठोस, स्पष्ट और तार्किक समाधान उपलब्ध कराना है। 

किताब के लिए संजय ने की काफी रिसर्च: संजय खान सभी भारतीयों को एक-दूसरे को धर्म के “संकीर्ण” चश्मे से नहीं देखने के लिए प्रेरित करते हैं। किताब के लिए संजय ने काफी रिसर्च की है और भारत में मुसलमानों के आगमन के संबंध में मजबूत डोजियर सामने रखा है। किताब राष्ट्र-निर्माण में मुस्लिम समुदाय द्वारा निभाई गई भूमिका को पर्याप्त रूप से महत्व देती है – चाहे वास्तुकला के क्षेत्र में हो या कला, विज्ञान, संगीत, प्रौद्योगिकी या शासन के संबंध में।

बेस्टसेलर थी पहली किताब: संजय खान की पहली किताब- द बेस्ट मिस्टेक्स ऑफ माई लाइफ,  नेशनल बेस्टसेलर रही थी और टाइम्स नाउ बायोग्राफर ऑफ द इयर से सम्मानित की गई थी।  एक्टर,डायरेक्टर, प्रोड्यूसर संजय खान के खाते में ‘एक फूल दो माली’, ‘इंतकाम’, ‘मेला’, ‘धुंध’ और ‘अब्दुल्ला’ जैसी जुबली हिट फिल्में दर्ज हैं। संजय खान ने टेलीविजन धारावाहिक टीपू सुल्तान में भी टीपू की भूमिका निभाई थी।

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