राजनीति से विश्वास !
भारतीय लोकतंत्र में जिस तरह राजनेताओं का देश के सभी संसाधनों पर उत्तरोत्तर आधिपत्य बढ़ता जा रहा है,यह चिंताजनक है और अशुभ लक्षण भी। क्या हम उस दिन की कल्पना कर सकते हैं,जिस दिन सवा सौ करोड़ जनता का राजनीतिक बिरादरी से विश्वास पूरी तरह उठ जायेगा ? – बुद्धिनाथ मिश्र की फेसबुक वॉल से.