राजग से अलग हुई तेदेपा, केंद्र के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश करेगी

न्यूज़ गेटवे / राजग से अलग हुई तेदेपा/ नई दिल्ली / 

आंध्र प्रदेश की सत्तारूढ़ तेलुगू देसम पार्टी (तेदेपा) शुक्रवार को भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) से अलग हो गई। तेदेपा ने केंद्र सरकार द्वारा आंध्र को विशेष राज्य का दर्जा नहीं दिए जाने की वजह से सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश करने का भी फैसला किया।

तेदेपा के राज्यसभा सांसद वाई.एस. चौधरी ने बताया, “हां, हमारी पार्टी (तेदेपा) राजग गठबंधन से अलग हो गई है।”

आंध्र के मुख्यमंत्री व तेदेपा अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू ने शुक्रवार को पोलितब्यूरोके वरिष्ठ नेताओं और सांसदों के साथ टेलीकॉन्फ्रेंस के दौरान यह फैसला लिया।

नायडू ने नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के संबंध में पार्टी नेताओं से चर्चा की। उन्होंने गुरुवार को कहा था कि तेदेपा किसी भी पार्टी द्वारा सरकार द्वारा अविश्वास मत प्रस्ताव लाए जाने को समर्थन देने के लिए तैयार है।

नायडू ने शुक्रवार को टेलीकॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि पार्टी को प्रतिद्वंदी पार्टी वाईएसआर कांग्रेस द्वारा अविश्वास मत प्रस्ताव पेश करने को समर्थन देने के बजाए अपने बलबूते सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश करना चाहिए।

सूत्रों ने बताया कि नायडू ने इस संदर्भ में तेदेपा के सांसद थोटा नरसिम्हन को लोकसभा सचिवालय को नोटिस सौंपने के लिए कहा है।

नरसिम्हन ने बाद में लोकसभा सचिव स्नेहलता श्रीवास्तव को लिखे पत्र में कहा, “यह सभा मंत्रिपरिषद में अविश्वास प्रकट करती है।” उन्होंने यह भी लिखा, “लोकसभा में कार्यवाही संबंधी आचार संहिता और प्रक्रिया के नियमों के अध्याय 17 के 198 (बी) नियम के तहत, मैं आज 16 मार्च को संबंधित प्रस्ताव पेश करने के लिए अधिसूचना देता हूं।”

तेदेपा प्रमुख ने कहा कि यदि तेदेपा ऐसी किसी पार्टी द्वारा पेश अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन करती है, जिसके नेता पर गंभीर आरोप है, तो इससे जनता के बीच गलत संदेश जाएगा।

नायडू ने कहा कि उनकी पार्टी अविश्वास प्रस्ताव के लिए अन्य दलों से समर्थन मांगेगी।

इससे पहले आठ मार्च को तेदेपा के दो मंत्रियों अशोक गजपति राजू और वाई.एस. चौधरी ने नरेंद्र मोदी मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था।

राजू नागरिक उड्डयन मंत्री और चौधरी विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री के पद पर काबिज थे।

राजग सरकार के 2014 में सत्ता में आने के बाद तेदेपा इस गठबंधन से अलग होने वाली पहली पार्टी है।

~वेबवार्ता

You may have missed

Subscribe To Our Newsletter