यूनियन बजट 2018 में 70 लाख नई नौकरियों के सृजन की घोषणा की गई है

न्यूज़ गेटवे / बजट 2018/ नई दिल्ली / 

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को संसद में बजट पेश कर दिया। यह केंद्र सरकार का अंतिम पूर्ण बजट था। अपने पिटारे से वित्त मंत्री ने जहां गांव, गरीब, किसान और महिलाओं को फायदे पहुंचाए वहीं नौकरीपेशा और आम आदमी की उम्मीदों पर पानी फेर दिया।

वित्त मंत्री ने बजट में स्वास्थ्य, परिवहन, शिक्षा और कृषि से जुड़ी महत्वपूर्ण घोषणाएं की सरकार किसानों की आय बढ़ाने में कामयाब हुई है और इसके लिए लगातार काम कर रही है। सरकार ने गैरजरूरी नियमों को खत्म किए हैं। वर्ष 2016-17 में रिकॉर्ड उत्पाकदन हुआ है। 275 मिलियन खादद्यान और 300 मिलियन टन से अधिक फलों का उत्पादन हुआ है।

रबी की फसलों का मूल्य लागत से डेढ गुणा अधिक तय किया जा चुका है। फसलों के समर्थन मूल्य को डेढ गुणा अधिक करने का फैसला लिया गया है। नीति आयोग यह तय करेगा जिससे किसानों को फसलों के उचित दाम दिलवाए जा सकेंगे। सरकार का पूरा जोर गांव और उनके विकास की तरफ है। 2022 तक सरकार किसानों की आय को दोगुना करने का प्रयास कर रही है। भारत सरकार ने जो कड़े फैसले लिए उनकी बदौलत हमने 7.5 की विकास दर हासिल की है। मौजूदा समय में हम दुनिया की सातवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और आने वाले समय में हम पांचवें नंबर पर आ जाएंगे।

यूनियन बजट 2018 में 70 लाख नई नौकरियों के सृजन की घोषणा की गई है। रोजगार सृजन के ज्यादा मौके देने जाने पर यान दिया जाएगा। टेक्सटाइल, लेबर और फुटवियर क्षेत्र में 50 लाख युवाओं को 2020 तक प्रशिक्षण दिए जाने की योजना है। आने वाले 3 साल में नए कर्मचारियों के ईपीएफ में 12 फीसद का योगदान देने की योजना है। ईपीएफ में महिलाओं का योगदान 12 से 8 फीसद करने का ऐलान किया गया। इसके अलावा महिलाओं की मेटर्निटी लीव को 12 सप्ताह से 26 सप्ताह किया गया ताकि महिलाओं को आगे बढ़ने में मदद मिल सके।

वित्त मंत्री ने टैक्स में बड़ी राहत देते हुए कहा कि पिछले साल के मुकाबले इसे आगे बढ़ाते हुए जिन कंपनियों का टर्नओवर सालाना 250 करोड़ है उन्हें भी कॉर्पोरेट टैक्स में 25 प्रतिशत टैक्स देना होगा। देश की 99 प्रतिशत बहुत छोटे, छोटे व मछोले उद्योगों को फायदा होगा। वित्त मंत्री ने आयकर में किसी तरह का बदलाव नहीं किया है।

उज्ज्वला योजना के तहत 8 करोड़ गरीब महिलाओं को मुफ्त गैस कनेक्शन देने की बात कहते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने साफ कर दिया कि सरकार का ध्यान महिला सशक्तिकरण पर भी है।व्यापार शुरू करने के लिए मुद्रा योजना के तहत 76 फीसद कर्ज लेने वाली महिलाएं हैं। 2022 तक हर गरीब को घर देने का लक्ष्य है। शहरी क्षेत्रों में 37 लाख मकान बनाने को मंजूरी दी गई है। सरकार महिला कर्मचारियों के EPF में 3 साल तक 8 फीसदी का योगदान करेगी। वहीं, बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार देने वाले सेक्टर्स के लिए भी ईपीएफ में सरकार का योगदान 12 फीसदी रहेगा। बजट 2018 में महिलाओं के लिए और किसी खास योजना के बारे में घोषणा नहीं की गई है, लेकिन सरकार ने कहा है कि 70 लाख नई नौकरियों का सृजन किया जाएगा। इसके साथ ही 50 लाख लोगों को नौकरियों के लिए तैयार करेगी सरकार।

वरिष्ठ नागरिकों को राहत देते हुए सरकार ने बैंकों और डाकघरों में उनकी जमा राशि पर ब्याज से हुई आमदनी पर छूट को 10,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये कर दिया है। वैसे ही गंभीर बीमारियों के इलाज पर एक लाख रुपए तक के खर्च पर इनकम टैक्स से राहत दी गई है।

वित्त मंत्री ने बजट भाषण में कहा कि उज्जवला योजना के तहत भले ही पांच करोड़ गरीब महिलाओं को घरेलू गैस कनेक्शन देने का लक्ष्य था। मगर इस योजना को गरीबों ने हाथों-हाथ लिया। इसलिए अब सरकार ने आठ करोड़ गरीब महिलाओं को गैस कनेक्शन देने का लक्ष्य रखा है। वहीं गरीबों के घर भी बिजली से रोशन हों, इसके लिए मोदी सरकार ने सौभाग्य योजना शुरू की है। इस योजना के तहत चार करोड़ गरीब घरों को मुफ्त बिजली दी जाएगी।

जेटली ने कहा कि अब प्री-नर्सरी से 12 वीं तक के लिए एक नीति बनेगी। अब तक प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च शिक्षा के लिए अलग-अलग नीति होती थी लेकिन अब इसे समग्र रूप से देखना चाहते हैं। जेटली ने बताया कि वर्तमान में शिक्षकों की गुणवत्ता सुधारने की जरूरत है। उनके प्रशिक्षण पर ध्यान देने की जरूरत है। शिक्षकों को डिजिटल माध्यम से ट्रेंड करेंगे। इसके अलावा आदिवासी बच्चों के लिए रेसीडेंशियल स्कूल खोले जाने की घोषणा की गई है। साथ ही वड़ोदरा में रेलवे यूनिवर्सिटी खोली जाएगी।

सरकार 1200 करोड़ रुपए खर्च कर एक नेशनल हेल्थ प्रोटेक्शन स्कीम शुरू करने जा रही है, जिसमें 10 करोड़ लोगों को जोड़ा जाएगा। इसके अलावा ‘आयुष्मान भारत’ प्रोग्राम भी शुरू किया जाएगा। इसके तहत देशभर में 1.50 लाख हेल्थ सेंटर बनाकर दवा और जांच की मुफ्त सुविधा दी जाएगी। कुल मिलाकर देश की 40 फीसदी यानी 50 करोड़ आबादी के इलाज का खर्च सरकार उठाएगी।

बजट में रेलवे के लिए 148528 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है। 5000 किलोमीटर तक का आमान परिवर्तन ब्राडगेज होगा। विद्युतीकरण के क्षेत्र में भी काम को आगे बढ़ाया है। इसके तहत 4000 किमी रेलवे का इलेक्ट्रिफिकेशन होगा। 2018-19 में 36000 किलोमीटर ट्रैक बदला जाएगा। कोहरे से बचाव और रेल के सुचारू रूप से चलाने के इंतजाम किए जाएंगे। जल्द सभी ट्रेनों में सीसीटीवी और वाई-फाई लगेंगे। 4000 बिना क्रॉसिंग वाले फाटक खत्म होंगे।

इस बार सरकार ने रक्षा बजट को 2,67,000 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 282,000 करोड़ रुपये कर दिया है। साथ ही सरकार ने डोमेस्टिक डिफेंस प्रोडक्शन पॉलिसी बनाने का एलान किया है। अरुण जेटली ने संकेत दिये हैं कि विदेशी निवेश को आसान किया जाएगा।

वित्त वर्ष 2018-19 में इन्फ्रास्ट्रक्चर पर 5.97 लाख करोड़ रुपये खर्च किये जाएंगे। बेंगलुरू में सबअर्बन रेल इन्फ्रा के लिए 17,000 करोड़ रुपये का आवंटन होगा। अगले चार वर्षों में विद्यालयों के इन्फ्रास्ट्रक्चर पर एक लाख करोड़ रुपए खर्च करने का लक्ष्य है। ग्रामीण इन्फ्रा के लिए 14.3 लाख करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है।

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