यूएसटीएम की अनोखी पहल, नेट में सफल अपने 33 विद्यार्थियों की पूरी फीस वापस की

री-भोई(मेघालय)।  मेघालय के री-भोई जिले में स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस
एंड टेक्नोलॉजी,मेघालय (यूएसटीएम) ने अपनी विशेष परियोजना के तहत
नेट/एसएलईटी/गेट परीक्षाओं में सफल अपने 33 विद्यार्थियों का संपूर्ण
शिक्षण शुल्क वापस कर उन्हें सम्मानित किया। यूएसटीएम अपनी अनूठी पे-बैक
पॉलिसी के तहत हर साल यह आयोजन करता आ रहा है। इस बार उसके कुल 67
विद्यार्थियों ने इन परीक्षाओं में सफलता हासिल की है।
विश्वविद्यालय ने वर्ष 2018-2019 सत्र के अपने योग्य विद्यार्थियों की
सफलता का जश्न एक शानदार कार्यक्रम के साथ मनाया।  कुलाधिपति महबूबुल हक
ने बताया कि यूएसटीएम अपनी इस अनूठी नीति के अनुसार सफल छात्रों का
संपूर्ण पाठ्यक्रम शुल्क वापस कर देगा।


विश्वविद्यालय के डॉ. निर्मल कुमार चौधरी सभागार में आयोजित कार्यक्रम
में असम पुलिस की विशेष शाखा के पूर्व महानिदेशक पल्लव भट्टाचार्य मुख्य
अतिथि के रूप में शामिल हुए।  जबकि वरिष्ठ गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट डॉ.
अंजन कुमार शइकिया सम्मानित अतिथि थे। इस पुरस्कार समारोह का मुख्य
उद्देश्य छात्रों में प्रतिस्पर्द्धी भावना पैदा करना है।
इस मौके पर मुख्य अतिथि भट्टाचार्य ने विश्वविद्यालयों की ओर से सामाजिक
विकास की दिशा में काम करने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि यूएसटीएम ने
प्रतियोगी परीक्षाओं में सफल विद्यार्थियों को संपूर्ण पाठ्यक्रम शुल्क
लौटाकर एक अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया है।
विश्वविद्यालय के कलात्मक बुनियादी ढांचे की प्रशंसा करते हुए भट्टाचार्य
ने कहा कि यूएसटीएम ने एक दशक के भीतर विकास और विकासात्मक गतिविधियों
में एक नई ऊंचाई छुई है, इसमें कोई संदेह नहीं है। उन्होंने सफल
विद्यार्थियों को प्रेरणात्मक व्याख्यान देते हुए पुरस्कृत किया।
विशिष्ट अतिथि डॉ. शइकिया ने कहा कि वे सफल विद्यार्थियों को पुरस्कृत
करने की यूएसटीएम की इस पहल से अभिभूत हो गए हैं। उन्होंने उत्तर पूर्व
में विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा की दिशा में बढ़ावा देने के प्रयासों के
लिए यूएसटीएम की सराहना की।
यूएसटीएम के चांसलर महबूबुल हक ने कहा कि विश्वविद्यालय को इस तरह के
प्रोत्साहन लगातार दे रहा है ताकि विद्यार्थी अधिक से अधिक
प्रतिस्पर्द्धी बनें और प्रेरित हों। उन्होंने यह भी कहा कि यूएसटीएम ने
हाल ही में बीए प्रशासनिक सेवा को शुरू किया है। यूपीएससी की ओर से
आयोजित आईएएस, आईपीएस जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं पर मुख्य ध्यान देने के
लिहाज से यह पूरी तरह नया प्रयास है।


उन्होंने कहा कि आईएएस और आईपीएस अधिकारियों का उत्पादन करने में भारत का
उत्तर पूर्व पिछड़ा रहा है। इसके पीछे चार मुख्य कारण हैं। इसके लिए
अनुकूल वातावरण, उचित मार्गदर्शन, संदर्भ व्यक्तियों और प्रोत्साहन की
कमी देखी गई है। यूएसटीएम विश्व स्तर के संस्थानों के अलावा देश के
उत्कृष्ट  संस्थानों का अनुशरण कर रहा है।
हक ने कहा कि वे अपने इस आश्वासन पर हमेशा कायम रहेंगे कि कोई भी
प्रतिभाशाली विद्यार्थी महज वित्तीय अभाव के कारण उच्च शिक्षा प्राप्त
करने से वंचित न रहे।

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