महारैली में दिखी ‘विपक्ष’ की ताकत, सभी के निशाने पर रहे नीतीश कुमार

पटना / बीजेपी के खिलाफ लड़ाई में सभी विपक्षी दलों को साथ लेकर पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में रविवार को आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने महारैली का आयोजन किया जिसमें भारी भीड़ जुटी .’देश बचाओ, भाजपा भगाओ’ के नारे के साथ आरजेडी प्रमुख और दूसरे नेताओं ने शपथ ली कि अगले लोकसभा चुनावों में वो बीजेपी को उखाड़ फेकेंगे.रैली में पांच पूर्व मुख्यमंत्री- लालू प्रसाद, राबड़ी देवी, हेमंत सोरेन, बाबूलाल मरांडी और अखिलेश यादव मौजूद थे. साथ ही पश्चिम बंगाल की मौजूदा मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी रैली में शामिल हुईं.इसके अलावा कांग्रेस, डीएमके, आरएलडी, नेशनल कॉन्फ्रेंस, जनता दल(एस) और वाम दलों के प्रतिनिधियों ने आरजेडी की इस महारैली में भाग लिया.

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के रिकॉर्ड किए संदेश को सुनाया गया तो बिहार के कांग्रेस प्रमुख अशोक चौधरी ने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी का लिखा भाषण पढ़ा. जेडीयू के बागी नेता शरद यादव ने भी रैली को संबोधित किया.लालू यादव ने अपने समर्थकों का आह्वान करते हुए उन्हें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के असली चेहरे को बेनकाब करने के साथ ही नीतीश और बीजेपी को जनादेश की धज्जियां उड़ाने पर सबक सिखाने के लिए कहा.उन्होंने कहा, ‘मैं हमेशा से जानता था कि नीतीश कुमार के पास कोई नैतिकता और सिद्धांत नहीं है. लेकिन बीजेपी को दूर रखने के लिए मैंने नीतीश को समर्थन देने का फैसला लिया. 80 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरने के बावजूद हमने उन्हें मुख्यमंत्री बनाया. लेकिन वो मेरे बेटे और उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की बढ़ती लोकप्रियता से सहज नहीं थे.’आरजेडी प्रमुख ने नीतीश पर चार घंटे के अंदर गठबंधन तोड़ने और बीजेपी के साथ मिलकर नई सरकार बनाने पर हमला बोला. बीजेपी के खिलाफ ही महागठबंधन को पिछले विधानसभा चुनावों में बहुमत मिली थी.

शरद यादव की ओर इशारा करते हुए आरजेडी नेता ने कहा, ‘नीतीश ने सत्ता के लिए सभी को धोखा दिया. शरद जी ने उन्हें केंद्रीय सरकार में मंत्री बनाया, लेकिन नीतीश ने उन्हें भी नहीं बक्शा. नीतीश ने संघ मुक्त भारत का संकल्प लिया था लेकिन ये सभी ने देखा कि कैसे वो उनके सामने घुटने टेक गए.’लालू ने दावा किया कि इस रैली से देश को साफ संदेश पहुंचा है और ये बीजेपी के खिलाफ संयुक्त लड़ाई के लिए रास्ता साफ करेगा.

खराब सेहत के कारण रैली में नहीं शिरकत कर पाने के कारण सोनिया गांधी के रिकॉर्डेड मेसेज को रैली में सुनाया गया. सोनिया ने केंद्र सरकार पर गलत वित्तीय नीतियों के ज़रिए रोज़गार छिनने और नए रोज़गार नहीं पैदा कर पाने का आरोप लगाया.सोनिया ने गोरखपुर हादसे का भी ज़िक्र किया जिसमें ऑक्सिजन की कमी से कई बच्चों की मौत हो गई थी और साथ ही सरकार पर निचले तबके के प्रति उदासीनता का भी आरोप लगाया जहां भी बीजेपी सत्ता में है.

बिना किसी राजनीतिक पार्टी का ज़िक्र किए सोनिया ने उन ताकतों के खिलाफ लड़ाई का संकल्प लिया जो देश में भय का माहौल पैदा कर रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘कुछ लोगों का कहना है कि विपक्ष का कोई मतलब नहीं रह गया है. उन्हें जानना चाहिए कि जो भी जनता की आवाज़ बनते हैं वो कभी भी असंगत नहीं होते. हम आम लोगों के लिए इस लड़ाई में एकजुट हैं और हम सफल ज़रूर होंगे.’

जेडीयू के बागी नेता शरद यादव का मंच पर लालू प्रसाद यादव ने स्वागत किया. शरद यादव ने अपने भाषण में याद किया कि कैसे लालू के साथ मिलकर उन्होंने 2015 में महागठबंधन को जोड़ा जिसने विधानसभा चुनावों में बीजेपी को हराकर पूरे देश को एक साफ संदेश दिया था. उन्होंने नीतीश पर हमला बोलते हुए महागठबंधन को तोड़ने और जिस बीजेपी के खिलाफ चुनाव लड़े, उसे से हाथ मिलाने का आरोप लगाया.

उन्होंने कहा, ‘मेरे पार्टी के नेताओं ने जनादेश का उल्लंघन किया. वो महागठबंधन से अलग हो गए, लेकिन बिहार में ये महागठबंधन सही सलामत है और देशभर में इसे मज़बूत किया जाएगा. मैं लालू जी को नया सफर शुरू करने के लिए इस रैली का आयोजन करने पर धन्यवाद देता हूं.’

शरद यादव ने इंकलाब के नारे लगाए और ज़ोर दिया कि सामाजिक न्याय, गरीब मजदूरों और किसानों के लिए लड़ाई को और तेज़ करने की ज़रूरत है क्योंकि केंद्र सरकार की नीतियां पिछले साढ़े तीन सालों से इन समस्याओं को संबोधित नहीं कर पाई है.

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नीतीश कुमार पर आरोप लगाया कि उन्होंने बीजेपी से डरकर घुटने टेक दिए हैं लेकिन लालू ने एक बार फिर साबित कर दिया कि क्यों उन्हें ज़मीनी नेता माना जाता है.उन्होंने कहा, ‘नीतीश ने लालू को धोखा दिया, लेकिन बिहार के लोग उन्हें अगले चुनाव में इसका माकूल जवाब देंगे. लालू जी एक भरोसेमंद नेता रहे हैं. वो जो भी कहते हैं उसे मानते भी हैं और जो लोग यहां इकट्ठा हुए हैं वो सभी उनके साथ हैं. नीतीश की अवसरवाद उन्हें महंगा पड़ेगा.’ममता ने लालू प्रसाद को अपना पूर्ण सहयोग देने के साथ ही आरोप लगाया कि केंद्रीय जांच एजेंसियां बीजेपी की विरोधी पार्टियों पर शिकंजा कस रही हैं.उन्होंने कहा, ‘वो हमें जेल भेजने की धमकी देते हैं लेकिन हम उनसे नहीं डरते. हम उनका मुकाबला करेंगे. वो हमें धर्म के आधार पर बांटते हैं. मैं हिन्दू हूं, लेकिन मैं उन्हें क्यों अपना सर्टिफिकेट दिखाऊं.’

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