ममता ने बुलाई विपक्ष को एकजुट करने के लिए रैली। राहुल ने कहा हम सब एक साथ हैं।
कोलकाता. प. बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी लोकसभा चुनाव से पहले अपनी ताकत दिखाने के लिए 19 जनवरी को एक रैली करेंगी। देशभर के विपक्षी दलों के नेताओं को इसमें आने का न्योता दिया गया है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पत्र लिखकर ममता का समर्थन किया।
माना जा रहा है कि 20 से ज्यादा दल के नेता इस रैली में हो सकते हैं शामिल
इन्हें मिला रैली में आने का न्योता
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी, आंध्र के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू, पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा, जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला, सपा प्रमुख अखिलेश यादव, राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव, द्रमुक नेता एमके स्टालिन, भाजपा सांसद शत्रुघ्न सिन्हा को रैली में आने का निमंत्रण भेजा गया है।
इसके अलावा बसपा महासचिव सतीश मिश्रा, राकांपा प्रमुख शरद पवार, राष्ट्रीय लोकदल के अजीत सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा, अरुण शौरी, पाटीदार नेता हार्दिक पटेल, जिग्नेश मेवाणी, झारखंड विकास मोर्चा के बाबूलाल मरांडी भी इस रैली में शामिल हो सकते हैं। भाजपा से इस्तीफा देने वाले अरुणाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंंत्री गेगांग अपांग भी इसमें हिस्सा ले सकते हैं।
राहुल-सोनिया-मायावती रैली में नहीं होंगे शामिल, इनकी पार्टियों से अन्य नेता जाएंगे
राहुल गांधी और सोनिया गांधी ममता की इस रैली में शामिल नहीं होंगे। हालांकि, कांग्रेस की ओर से लोकसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे इसमें शामिल हो सकते हैं। बसपा प्रमुख मायावती भी इस रैली में हिस्सा नहीं लेंगी। उनकी जगह पार्टी नेता और राज्यसभा सांसद सतीश मिश्रा शामिल होंगे।
विपक्ष की एकता दिखाने के लिए समर्थन- राहुल
राहुल ने लिखा, ”पूरा विपक्ष एक है। मैं ममता दी को विपक्ष की एकता दिखाने के लिए समर्थन देता हूं। आशा है कि हम सब एकजुट भारत का शक्तिशाली संदेश देंगे।” राहुल ने अपनी फेसबुक पोस्ट में लिखा, ”पूरा विपक्ष एकजुट है, हमारा मानना है कि सच्चा राष्ट्रवाद और विकास ही लोकतंत्र, समाजिक न्याय और धर्मनिरपेक्षता के पिलर को बचा सकता है, जिसे भाजपा और मोदी बर्बाद
कोलकाता के ब्रिगेड परेड ग्राउंड में भाजपा के खिलाफ होने वाली इस रैली में 20 के दलों के नेता शामिल हो सकते हैं। ममता बनर्जी ने इस रैली को भाजपा के लिए लोकसभा चुनाव में ‘मौत की दस्तक’ बता चुकी हैं।
प. बंगाल में सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस का मानना है कि यह रैली ममता को एक ऐसे नेता के तौर पर पेश करने के लिए है, जो लोकसभा चुनाव के बाद भाजपा के खिलाफ सभी दलों के नेताओं को एकसाथ लाएगी।
ममता ने गुरुवार को कहा था कि लोकसभा चुनावों में क्षेत्रीय पार्टियों की भूमिका काफी अहम होगी। यह ‘एकजुट भारत रैली’ भाजपा के कुशासन के खिलाफ है। लोकसभा चुनाव में भाजपा 125 सीटों से आगे नहीं बढ़ पाएगी। क्षेत्रीय पार्टियों का प्रदर्शन भाजपा से बेहतर होगा। लोकसभा चुनाव के बाद ये पार्टियां निर्णायक साबित होंगी।