ममता बनर्जी के आदेश पर राजनीती गर्म
कोलकाता / पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी सरकार ने मुहर्रम के दिन दुर्गा प्रतिमा के विसर्जन पर रोक लगाने के आदेश को लेकर भारी राजनीती शुरू हो है दरअसल मगाराम और विसर्जन का दिन एक हने के कारण किसी तरह का टकराव न हो इसलिए बनर्जी सरकार ने यह आदेश निकाला है पर इसक लेकर बीजेपी ने अपने तेवर कड़े कर लिए है राज्य की बीजेपी ने इसे ‘अल्पसंख्यकों की तुष्टिकरण’ का कदम बताते हुए इसके खिलाफ कैंपेन शुरू कर दिया है।इधर टीवी चेनलो ने भी इस मामले में बहस करा कर आग में घी डालनने की कोशिश की है
बंगाल में बीजेपी तृणमूल सरकार के खिलाफ बड़े पैमाने पर हस्ताक्षर अभियान चला रही है। बीजेपी महासचिव शायंतन बासु ने कहा कि ममता बनर्जी सरकार राजनीति के साथ धर्म को मिला रही है। उन्होंने कहा कि इसके खिलाफ बीजेपी कोर्ट नहीं जाएगी लेकिन जो लोग इस मामले में कानूनी मदद लेंगे बीजेपी पूरी तरह से उनके साथ है।
बुधवार को राज्य सरकार के फैसले की घोषणा करते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा था, ‘इस साल दशमी और मुहर्रम एक ही दिन है। मुहर्रम के दिन को छोड़कर दुर्गा प्रतिमा भसान 2, 3 या 4 अक्टूबर को किया जा सकता है।’
बीजेपी महासचिव का कहना है कि दोनों ही कार्यक्रमों के लिए अलग रास्ते निर्धारित किए जा सकते थे। बासु ने कहा, ‘लखनऊ में इस तरह की व्यवस्था है। 2016 में भी जब ऐसी स्थिति आई थी तब हाई कोर्ट ने अलग रास्ता निर्धारित करने का निर्देश दिया था। साफ नजर आ रहा है कि बहुमत को कोने में धकेलकर अल्पसंख्यकों के तुष्टिकरण के लिए यह कदम उठाया गया।’