भूखे-प्यासे यात्रियों का हाफ्लोंग स्टेशन में भारी हंगामा, तोड़फोड़
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भूखे-प्यासे यात्रियों का हाफ्लोंग स्टेशन में भारी हंगामा, तोड़फोड़ शांति स्थापित करने में लगे विभिन्न संगठन, डीसी-एसपी व जगदंबा की गिरफ्तारी की मांग
डिमा हासाऊ को प्रस्तावित ग्रेटर नगालिम में शामिल करने की चर्चाओं को लेकर हाफ्लोंग इलाके में फैली हिंसात्मक वंद परिस्थिति ने आम नागरिकों के साथ हजारों रेल यात्रियों की जान आफत में डाल दी है। भूख-प्यास से बेहाल कई यात्रियों ने शनिवार को हाफ्लोंग रेलवे स्टेशन परजमकर तोड़फोड़ और रेलवे कर्मचारियों के साथ हाथापाई भी की। विभिन्न संगठनों के लगातार प्रयासों के बाद देर शाम तक जिले में परिस्थिति सामान्य की ओर लौटने लगी है। उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक को निलंबित व गिरफ्तार करने की मांग की गई है।
इसके पहले गणतंत्र दिवस के पूर्व हुई हिंसा में दो लोगों की मौत हो गई थी, जबकि कई अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे। घायलों का विभिन्न अस्पतालों में इलाज हो रहा है। 48 घंटे के जिला बंद के दौरान हालांकि डिमा हासाऊ के अन्य तमाम इलाकों में परिस्थिति शांत रही। लेकिन हाफ्लोंग रेलवे स्टेशन में हजार से अधिक फंसे यात्रियों ने जमकर हंगामा किया पीआरएस में तोड़फोड़ की। रेलवे अधिकारियों के अनुसार लाखों का नुकसान हुआ है। बताया गया है कि वहां फंसे तमाम रेल यात्रियों के लिए खाने का कूपन बांट रहे आरक्षण क्लर्क के साथ कुछ यात्रियों ने हाथापाई भी की। इस दौरान वहां तैनात सुरक्षा बल के जवानों ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दिखाई।
रेल ट्रैक क्षतिग्रस्त होने के कारण गुवाहाटी आने वाली सिलचर-गुवाहाटी फास्ट पैसिंजर गाड़ी न्यू हाफ्लोंग रेलवे स्टेशन में रुकी पड़ी है। उसमें यात्रा करने वाले एक हजार से अधिक यात्री पिछले 24 घंटे से अधिक समय से पर्याप्त भोजन-पानी के अभाव में बहुत ही विषम परिस्थिति में फंसे हैं। उनमें बड़ी संख्या में बुजुर्ग व्यक्तियों के अलावा महिलाएं और बच्चे
शामिल हैं। लोगों ने आरोप लगाया है कि गत वृहस्पतिवार को 12 घंटे का डिमा हासाऊ बंद था। उसके बावजूद रेलवे अधिकारियों ने यात्रियों की सुरक्षा और अन्य सहूलियतों का ध्यान दिए बिना गुवाहाटी-सिलचर और सिलचर-गुवाहाटी फास्ट
पैसिंजर को बंद के दौरान चलाया। दोनों ट्रेनों के हजार से अधिक यात्री माईबोंग और न्यू हाफ्लोंग स्टेशनों में फंस गए। सिलचर जाने वाली गाड़ी के यात्रियों को तो वहां से सुरक्षित निकाल लिया गया लेकिन गुवाहाटी आने वाले यात्रियों को अभी भी न्यू हाफ्लोंग स्टेशन में बिना किसी सहूलियत के रहना पड़ रहा है।
दूसरी तरफ जिले के कई स्थानों पर नाराज लोगों ने उपायुक्त और जगदंबा मल्ल के पुतले जलाए। प्रदर्शनकारियों पर फायरिंग के विरोध में प्रदर्शनों का सिलसिला जारी है। नाराज लोग उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक के तत्काल निलंबन व जगदंबा मल्ल सहित इनकी गिरफ्तारी और पुलिस फायरिंग की न्यायिक जांच की मांग कर रहे हैं।
इस बीच वार्ता समर्थक अल्फा के नेता अनूप चेतिया, मृणाल हजारिका सहित विभिन्न संगठनों के नेताओं ने माइबोंग, माहुर और हाफ्लोंग के दौरे किए। अल्फा नेता अनूप चेतिया के मुताबिक सरकार ने माइबोंग घटना की उच्चस्तरीय जांच के निर्देश दिए हैं। लेकिन इसकी न्यायिक जांच भी जरूरी है। उन्होंने कहा कि डिमा हासाऊ जिले के लोगों को खुद को अकेला नहीं समझना चाहिए। राज्य के सभी लोग उनके साथ हैं।
कृषक मुक्ति संग्राम समिति के सलाहकार अखिल गोगोई, अध्यक्षद्वय राजू बोरा, वास्को डि सइकिया, संयुक्त महासचिव मुकुट डेका और धैर्य कोंवर ने मृतकों के परिवारों को 20-20 लाख़ रुपए और घायलों को पांच-पांच लाख रुपए
की सहायता देने की मांग की है।