भारत की पहचान आईटी की महाशक्ति की है और पाकिस्तान ‘आतंकवाद का निर्यात करने वाले‘ की

न्यूज़ गेटवे / संयुक्त राष्ट्र महासभा /नई दिल्ली /

विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने पाकिस्तान पर कटाक्ष करते हुए आज कहा कि पाकिस्तानी नेता इस पर विचार करें कि आज भारत की पहचान आईटी की महाशक्ति की है और पाकिस्तान ‘आतंकवाद का निर्यात करने वाले’ और एक आतंकवादी देश के तौर पर बदनाम क्यों है.

संयुक्त राष्ट्र महासभा के 72वें सत्र को संबोधित करते हुए सुषमा ने पाकिस्तान पर भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने का आरोप लगाया और कहा कि जो देश विनाश, मौत और निर्दयता का विश्व का सबसे बड़ा निर्यातक है वो आज इस मंच से मानवता का उपदेश देकर पाखंड का चैम्पियन बन गया है.

वह पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी के गुरूवार के संबोधन का हवाला दे रही थी जिन्होंने भारत पर मानवाधिकार के उल्लंघन और सरकार प्रायोजित आतंकवाद का आरोप लगाया था.

सुषमा ने सवाल किया, ‘‘आज मैं पाकिस्तान के नेताओं से कहना चाहूंगी कि क्या आपने कभी सोचा है कि भारत और पाकिस्तान एक साथ आजाद हुए लेकिन आज भारत की पहचान दुनिया में आईटी की महाशक्ति के रूप में क्यों हैं और पाकिस्तान की पहचान आतंकवाद का निर्यात करने वाले देश और एक आतंकवादी देश की क्यों है?’’ भारत ने कल पाकिस्तान पर पलटवार करते हुए उसे ‘टेररिस्तान’ करार दिया था और कहा था कि पाकिस्तान की जमीन से आतंकवाद पैदा हो रहा है और आतंकवाद का निर्यात होता है.

संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक को लगातार दूसरे साल हिंदी में संबोधित करते हुए सुषमा ने कहा कि पाकिस्तान की ओर से आतंकवाद का निर्यात किए जाने के बावजूद भारत ने प्रगति की.

उन्होंने कहा, ‘‘भारत की आजादी के बाद पिछले 70 वर्षों में कई पार्टियों की सरकारें रही हैं और हमने लोकतंत्र को बनाए रखा और प्रगति की. हर सरकार ने भारत के विकास के लिए अपना योगदान दिया. हमने वैज्ञानिक और तकनीकी संस्थान स्थापित किए जिन पर दुनिया को गर्व है. परंतु पाकिस्तान ने दुनिया और अपने लोगों को आतंकवाद के अलावा क्या दिया?’’

उन्होंने कहा, ‘‘हमने वैज्ञानिक, विद्वान, डॉक्टर, इंजीनियर पैदा किए और आपने क्या पैदा किया? आपने आतंकवादियों को पैदा किया… आपने आतंकी शिविर बनाए हैं, आपने लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद, हिज्बुल मुजाहिदीन और हक्कानी नेटवर्क पैदा किया है.’’

सुषमा ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को आगाह किया कि समुद्री सुरक्षा को लेकर सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं और परमाणु प्रसार को लेकर फिर से खतरनाक खबरें सामने आ रही हैं. उन्होंने कहा कि समकालीन दुनिया समस्याओं के अंबार में फंसी है जिसमें से निश्चित रूप से सर्वाधिक खतरनाक हिंसा का अत्यधिक बढ़ना है.

सुषमा ने कहा, ‘‘आतंकवाद और इस बुराई को आकार देने वाले विचार आग की रफ्तार से फैल रहे हैं. जलवायु परिवर्तन से हमारा आमना-सामना है और अपने आयाम को लेकर यह हमें डराता है. समुद्री सुरक्षा पर सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं.’’

उन्होंने कहा, ‘‘कुछ उकसावे वाले और उत्तेजक मिले-जुले कारणों से लोग अपने परंपरागत गृह क्षेत्र की मनोवैज्ञानिक, सांस्कृतिक और आर्थिक सहूलियत छोड़ रहे हैं और दूसरे देश में शरण मांग रहे हैं जिससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बेचैनी का माहौल बनता है.’’ विदेश मंत्री ने कहा कि दुनिया की आबादी का बड़ा हिस्सा आज भी भूख और गरीबी का शिकार है. युवा उम्मीद खो रहे हैं क्योंकि वे बेरोजगारी का सामना कर रहे हैं. महिलाएं, ऐतिहासिक रूप से भेदभाव की शिकार हैं और वे लैंगिक सशक्तीकरण की मांग कर रही हैं.

सुषमा ने जाहिर तौर पर उत्तर कोरिया के लगातार उकसावे वाले व्यवहार की ओर इशारा करते हुए कहा, ‘‘परमाणु प्रसार पर फिर से खतरनाक खबरें आ रही हैं. साइबर सुरक्षा गहन असुरक्षा का स्रोत बन गयी है.’’ गौरतलब है कि उत्तर कोरिया संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों का उल्लंघन करते हुए मिसाइल परीक्षण और परमाणु परीक्षण कर रहा है.

नये संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेस का स्वागत करते हुए सुषमा ने कहा कि वह संयुक्त राष्ट्र को 21वीं सदी की चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार करने तथा मजबूत बनाने को प्रतिबद्ध हैं. उन्होंने कहा, ‘‘हम उनके प्रयासों का स्वागत करते हैं और उनमें ऐसे नेता को देखते हैं जो किसी सोच को व्यावहारिक आकार दे सकता है.’’

सुषमा ने कहा कि दुनिया की जनता के कल्याण, सुरक्षा, सद्भाव, अधिकार और आर्थिक प्रगति के लिए संयुक्त राष्ट्र की स्थापना की गयी थी. उन्होंने कहा कि भारत इस महान मिशन के प्रयासों में अपना पूरा समर्थन देता है.

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