भारतीय भाषाओं में इंटरनेट की पेशकश बढ़ा सकती है 205 मिलियन नए यूजर्स

न्यूज़ गेटवे / इंटरनेट इन इंडिक / नई दिल्ली / 

अगर यूजर्स को उनकी पसंद की भाषा में इंटरनेट की पेशकश की जाए तो करीब 205 मिलियन ऐसे यूजर्स को इंटरनेट प्लेटफॉर्म पर लाया जा सकता है जिन्होंने अभी तक इंटरनेट पर लॉग इन नहीं किया है। यह जानकारी आईएएमएआई और कांतर आईएमआरबी की ओर से जारी की गई एक रिपोर्ट में सामने आई है।

इंटरनेट इन इंडिक नामक शीर्षक से जारी की गई रिपोर्ट में कहा गया कि शहरी भारत में रहने वाले करीब 193 मिलियन लोग भारतीय भाषाओं की सामग्री तक अपनी पहुंच बना रहे हैं। जबकि देश के ग्रामीण क्षेत्र के 141 मिलियन उपयोगकर्ता ऐसे हैं, जो ऑनलाइन इंडिक सामग्री का उपयोग करते हैं। देश में दिसंबर 2017 तक इंटरनेट उपयोगकर्ताओं का कुल आधार 481 मिलियन होने का अनुमान है।

इस रिपोर्ट के मुताबिक, “वर्तमान में, शहरी भारत में 160 मिलियन और ग्रामीण भारत में 732 मिलियन संभावित नए उपयोगकर्ता हैं। इनमें से 23 फीसद लोग ऐसे हैं जिन्होंने संकेत दिए हैं कि अगर उन्हें समाग्री इंडिक में उपलब्ध करवाई जाती है तो वो निकट भविष्य में इंटरनेट का उपभोग करने को तैयार हो सकते हैं।”

इस रिपोर्ट में आगे कहा गया, “इसके प्रभाव में करीब अनुमानित रूप से 892 मिलियन संभावित नए यूजर्स हैं और अनुमानित रूप से 205 मिलियन यूजर्स ऐसे हैं कि अगर भारत में इंडिक सामग्री को बढ़ावा दिया जाता है तो वो इंटरनेट पर आने को तैयार हैं।”

इस रिपोर्ट में कहा गया है कि महानगरों के अलावा अंग्रेजी का उपयोग अपेक्षाकृत कम है, विशेषतौर पर समाज के आर्थिक रुप से कमजोर वर्ग के बीच। भारत में इंटरनेट का दोहन तब तक नहीं बढ़ सकता है जब तक कि इंटरनेट सेवाओं के लिए उपयोग की भाषा के मुद्दे को फोकस नहीं किया जाता है।

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