बड़ी कामयाबी के साथ खत्म हुआ संसद का शीतकालीन सत्र
न्यूज़ गेटवे / शीतकालीन सत्र / नई दिल्ली
संसद का छोटा शीतकालीन सत्र बड़ी कामयाबी के साथ समाप्त हो गया। मात्र 13 दिन के सत्र के दौरान लोकसभा में 12 और राज्यसभा में 9 विधेयक पास कराये गए। तीन तलाक विधेयक भी लोकसभा में आसानी से पास कराने में सरकार सफल रही, लेकिन राज्यसभा में बहुमत के बूते पर विपक्ष इसे रोकने में सफल रहा।
गुजरात चुनाव के कारण शीतकालीन सत्र छोटा करने पर विपक्ष में सरकार को निशाने पर लिया था। विपक्ष का कहना था कि सरकार बहस से भाग रही है और शीतकालीन सत्र को मात्र औपचारिक बनाने की साजिश की जा रही है। गुजरात चुनाव के दौरान विपक्षी दलों खासकर कांग्रेस और सत्तारूढ़ भाजपा के बीच तीखे तेवरों के बीच शीतकालीन सत्र की सफलता पर संदेह के बादल मंडरा रहे थे। माना जा रहा था कि मानसून सत्र की तरह शीतकालीन सत्र भी हंगामे की भेंट चढ़ जाएगा। लेकिन छोटे से शीतकालीन सत्र में कामकाज के लिहाज से कई रिकार्ड बना डाले।
संसदीय कार्यमंत्री अनंत कुमार के अनुसार शीतकालीन सत्र पिछले 21 सालों का सबसे सफलतम शीतकालीन सत्र साबित हुआ। इसी सत्र के दौरान राज्यसभा में एक दिन प्रश्नकाल के दौरान सभी प्रश्नों का मौखिक जवाब दिया गया। ऐसा 15 सालों बाद संभव हुआ था। वैसे इस सत्र में तीन तलाक से जुड़े विधेयक को पास कराने की सरकार की कोशिश पूरी तरह सफल नहीं पाई।
लोकसभा में सरकार की बहुमत को देखते हुए विपक्षी दल कांग्रेस ने भी तीन तलाक पर विधेयक का समर्थन किया। लेकिन राज्यसभा में विपक्ष के बहुमत के सहारे उसमें संशोधन पर अड़ गई। विपक्ष की मांग थी कि विधेयक को प्रवर समिति के पास भेज दिया जाए। विपक्षी एकता के कारण यह विधेयक बीच में ही लटक गया। अनंत कुमार ने कहा कि संसद के बजट सत्र में इसे दोबारा राज्यसभा से पारित कराया जाएगा।
शीतकालीन सत्र की सफलता पर लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने प्रधानमंत्री, लोकसभा में कांग्रेस संसदीय दल के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और संसदीय कार्यमंत्री अनंत कुमार के साथ सत्ता पक्ष और विपक्ष के सभी सदस्यों का आभार जताया। वहीं राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू ने उम्मीद जताई कि आने वाले सत्र में भी सभी सांसद इसी तरह इस फोरम का उपयोग देश के सामने मौजूद मुद्दों पर सार्थक बहस में करेंगे।