फेसबुक मैसेज की भाषा को पूरी तरह से एंक्रिप्टेड करने की योजना पर काम कर रहा है

अमेरिका, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया ने सोशल मीडिया कंपनी फेसबुक से कहा है कि वह अपने प्लेटफार्म पर जारी होने वाले मैसेज (संदेश) की भाषा ऐसी न बनाए जिससे सुरक्षा एजेंसियां उसे पढ़ न पाएं। फेसबुक मैसेज की भाषा को पूरी तरह से एंक्रिप्टेड (कूट भाषा) करने की योजना पर काम कर रहा है।

हाल के वर्षों में फेसबुक को निजता (प्राइवेसी) के उल्लंघन को लेकर कई विवादों का सामना करना पड़ा है। इसको देखते हुए कंपनी ने अपने ग्रुप के सभी सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर भेजे जाने वाले मैसेज को सुरक्षित करने के लिए उनकी भाषा के एंक्रिप्शन का फैसला किया है।

कंपनी ने वाट्सएप मैसेज को पूरी तरह से एंक्रिप्टेड कर भी दिया है। एंक्रिप्टेड के तहत मैसेज की भाषा को कूट शब्दों में कर दिया जाता है, जिसे मैसेज भेजने और उसे रिसीव करने वाले के अलावा और कोई नहीं पढ़ सकता है। अमेरिका और उसके साथी देशों का कहना है कि फेसबुक मैसेज को सुरक्षित करने के साथ ही यह विकल्प भी रखे कि जरूरत पड़ने पर सुरक्षा एजेंसियां उसे पढ़ सकें।

अमेरिका के अटॉर्नी जनरल विलियम बर्र, ब्रिटेन की गृह मंत्री प्रीति पटेल और ऑस्ट्रेलिया के गृह मंत्री पीटर डट्टन ने फेसबुक कंपनी के प्रमुख मार्क जुकरबर्ग को एक साझा पत्र भेजा है। पत्र में इन लोगों ने कहा है कि अगर सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर भेजे जाने वाले संदेशों को सुरक्षा एजेंसियां नहीं पढ़ पाएंगी तो उनका दुरुपयोग होने का खतरा होगा। यह भी कहा गया है कि संदेशों को एंक्रिप्टेड करने से सुरक्षा एजेंसियां बाल अश्लीलता, आतंकवाद और अन्य आपराधिक घटनाओं के प्रसार को रोक पाने में असमर्थ हो जाएंगी।

इन तीनों नेताओं ने कहा है कि कंपनी ने अपने प्रस्ताव से लोगों पर पड़ने वाले प्रभाव को लेकर उनकी गंभीर चिंताओं को दूर करने का वादा नहीं किया है। फेसबुक ने कहा है कि वह अपने प्लेटफार्म को अत्यधिक सुरक्षित बनाने की कोशिश कर रही है। लेकिन उसने यह भरोसा नहीं दिलाया है कि सुरक्षा एजेंसियां उसके प्लेटफार्म पर भेजे जाने वाले मैसेज को देख या पढ़ पाएंगी या नहीं।

फेसबुक के प्रवक्ता ने कहा कि कंपनी सरकार द्वारा बैकडोर से उसके प्लेटफार्म पर जारी संदेश को पढ़ने की किसी भी कोशिश का सख्ती के साथ विरोध करती है। लोगों की निजता और सुरक्षा के साथ किसी भी तरह का समझौता नहीं किया जा सकता है। हालांकि, जुकरबर्ग ने अपनी कंपनी के कर्मचारियों के साथ एक संवाद कार्यक्रम में कहा है कि कंपनी निजता की चिंताओं और बाल उत्पीड़न व आतंकवाद जैसे अपराध के खिलाफ लड़ाई के बीच संतुलन बनाने के लिए अधिकारियों के साथ काम कर रही है।

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