निर्मला सीतारमण : पूर्व सैनिकों के लिए 13 करोड़ रुपये के अनुदान की फाइल को मंजूरी
न्यूज़ गेटवे / रक्षा क्षेत्र / नई दिल्ली /
पद की कमान संभालते ही सीतारमण ने सेना को हथियारों की आपूर्ति से लेकर आधुनिकीकरण की लंबित योजनाओं को रफ्तार देने की घोषणा की। देश की सैन्य तैयारियों को पूरी तरह चौकस बनाने के इरादे के साथ नई रक्षा मंत्री ने कहा कि सैनिकों के कल्याण का एजेंडा भी उनकी प्राथमिकता में शामिल रहेगा।
निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को देश की नई रक्षा मंत्री का पदभार संभाल लिया। अहम पद की कमान संभालते ही सीतारमण ने सेना को हथियारों की आपूर्ति से लेकर आधुनिकीकरण की लंबित योजनाओं को रफ्तार देने की घोषणा की। देश की सैन्य तैयारियों को पूरी तरह चौकस बनाने के इरादे के साथ नई रक्षा मंत्री ने कहा कि सैनिकों के कल्याण का एजेंडा भी उनकी प्राथमिकता में शामिल रहेगा।
सीतारमण ने अपनी घोषणा पर आगे बढ़ने की शुरुआत करते हुए पूर्व सैनिकों के लिए 13 करोड़ रुपये के अनुदान की फाइल को मंजूरी दी। साथ ही पूर्व सैनिकों के लिए रक्षा मंत्री ने पूर्व सैनिक कोष से वित्तीय सहायता के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी। साउथ ब्लाक में वित्त मंत्री अरुण जेटली से प्रभार लेने के बाद निर्मला ने कहा कि हमारी सेना को सभी आवश्यक हथियार और साजोसामान उपलब्ध कराया जाए। वैसे भी सेनाध्यक्ष जनरल बिपिन रावत बुधवार को चीन और पाकिस्तान की चुनौती से एक साथ निपटने के लिए तैयारी पर बल देते हुए सैन्य बलों की जरूरतों से सरकार को आगाह कर चुके हैं।
सीतारमण ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कैबिनेट से मशविरा कर सैन्य उपकरणों से लेकर आधुनिकीकरण के तमाम मुद्दों का समाधान करेंगी। रक्षा क्षेत्र में मेक इन इंडिया पर फोकस करने की भी बात उन्होंने की। इससे अधिक से अधिक रक्षा जरूरतें अपने देश में ही पूर्ति हो सकेगी। सैनिकों की सीमा पर कठिन हालातों में तैनाती का जिक्र करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि सैनिक और उनके परिजनों के कल्याण पर भी उनका ध्यान रहेगा। ताकि सीमा पर तैनात सैनिक अपने परिवार की चिंता न कर सके। उन्होंने कहा कि सैनिकों को बेहतर हथियार और साजोसमान उपलब्ध कराना भी उतना ही जरूरी है।
सीतारमण के कामकाज संभालने से पहले साउथ ब्लाक में रक्षामंत्री के कक्ष में पंडित ने पूजा अर्चना की। इसके बाद उन्होंने जेटली से पदभार लिया। इस दौरान सीतारमण के माता-पिता भी मौजूद थे। पहली पूर्णकालिक रक्षा मंत्री निर्मला से पहले इंदिरा गांधी ने प्रधानमंत्री रहते हुए रक्षा मंत्रालय का प्रभार अपने पास रखा था। कैबिनेट फेरबदल में वाणिज्य मंत्रालय से रक्षा मंत्री के रूप में साउथ ब्लाक आना निर्मला के लिए महज एक से दूसरे महकमे में जाना भर नहीं है। यह उनकी राजनीतिक हैसियत और रुतबे में इजाफे का भी संदेश है। रक्षा मंत्री के रूप में वे कैबिनेट की सुरक्षा मामलों की समिति की सदस्य भी बन गई हैं। इस समिति में प्रधानमंत्री के अलावा गृह, वित्त, रक्षा और विदेश मंत्री शामिल हैं। यही समिति देश की सुरक्षा और रणनीति से जुड़े सभी अहम फैसले लेती है।