पाक को दी जाने वाली हर सैन्य मदद अमेरिका ने रोकी

न्यूज़ गेटवे /  सैन्य मदद अमेरिका ने रोकी / नई दिल्ली /

पाकिस्तान को लेकर अमेरिका का गुस्सा शांत होता नहीं दिख रहा है। वर्ष 2018 के पहले दिन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान को जो धमकी दी थी उस पर अमल करने का सिलसिला जारी है। अब अमेरिका ने पाकिस्तान को दी जाने वाली हर तरह के सैन्य मदद को रोकने का ऐलान किया है। इसके तहत 90 करोड़ डॉलर की दी जाने वाली सैन्य मदद रोकी जा रही है। इस हफ्ते की शुरुआत में ही 25.5 करोड़ डॉलर की मदद रोकने का ऐलान किया गया था। इस तरह से 1.15 अरब डॉलर की मदद रोकने के साथ ही अमेरिका ने यह भी कहा है कि इस आर्थिक मदद को तभी बहाल किया जाएगा तब पाकिस्तान आतंकी संगठनों के खिलाफ पुख्ता कदम उठाये। अमेरिका का यह कदम न सिर्फ पाकिस्तान की माली हालात को और डांवाडोल करेगा बल्कि उसकी सैन्य तैयारियों को भी झटका देगा।

अमेरिकी विदेश मंत्रालय की तरफ से गुरुवार को इस घोषणा की अहमियत पाकिस्तान भी समझ रहा है। यही वजह है कि इस बार पाकिस्तान सरकार की तरफ से कोई तल्ख प्रतिक्रिया नहीं जताई गई है बल्कि संयमित भाषा का इस्तेमाल करते हुए कहा गया है कि ”वह इस फैसले का अध्ययन कर रहा है और इस बारे में अमेरिकी प्रशासन के साथ भी बात की जा रही है। इसका क्या असर होगा उसके बारे में भी बाद में ही बताया जा सकेगा।” देर शाम पाकिस्तान विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी विज्ञप्ति में अमेरिका से यह भी कहा गया है कि वह अपनी तरफ से कोई समय सीमा तय न करे और न ही बार बार लक्ष्यों को बदले। इसका अमेरिका और पाकिस्तान के हितों पर उलटा असर भी हो सकता है। इस विज्ञप्ति में आतंकी गतिविधियों के लिए पूरी जिम्मेदारी अफगानिस्तान के आतंकी संगठनों और वहां के सरकार की निष्कि्रयता पर डालने की कोशिश की गई है। लेकिन अमेरिका में जिस तरह से पाकिस्तान विरोधी मूड अभी है उससे इसका असर होगा, यह कहना मुश्किल है।

पिछले मंगलवार को ही अमेरिकी प्रशासन ने पाकिस्तान सरकार को विदेशी मिलिट्री सहयोग के नाम पर दी जाने वाली 25.5 करोड़ रुपये की मदद को रोक दिया था। अब अमेरिकी रक्षा मंत्रालय ने सैन्य सहयोग के नाम पर दी जाने वाली 90 करोड़ डॉलर की मदद रोक दी है। यह राशि वर्ष 2017 में पाकिस्तान की तरफ से अमेरिकी सेना को अफगानिस्तान में की गई मदद के बदले दी जाने वाली थी। अमेरिकी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हीथर न्यूअर्ट के मुताबिक अभी पाकिस्तान को दी जाने वाली राष्ट्रीय सुरक्षा सहयोग रोकी जा रही है। यह मदद तब तक रोकी रखी जाएगी जब तक वह अफगान तालिबानी और हक्कानी नेटवर्क के खिलाफ पुख्ता कदम नहीं उठाता है।

न्यूअर्ट ने साफ किया कि ”अगर कानूनी तौर पर बाध्य न हो तो अमेरिका पाकिस्तान को अब कोई सैन्य उपकरण या सेना से जुड़ी कोई राशि का हस्तांतरण नहीं करेगा। आगे चल कर पाकिस्तान यह राशि हासिल कर सकता है लेकिन उसे अमेरिका की चिंताओं के मुताबिक आतंकी संगठनों के खिलाफ बेहद सख्त कदम उठाने होंगे।” यह घोषणा पाकिस्तान की सैन्य आधुनिकीकरण को बड़ा झटका दे सकता है। पाकिस्तान को सालाना इस मद में एक अरब डॉलर की मदद मिलती है। यह एक वजह है कि पाकिस्तान विदेश मंत्रालय का स्वर बहुत तल्खी भरा नहीं रहा है।

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