देश की साइबर सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता : प्रधानमंत्री
न्यूज़ गेटवे / साइबर सुरक्षा / ग्वालियर /
बदलते परिदृश्य में अब देश की साइबर सुरक्षा सबसे बड़ी चुनौती है। साइबर अपराध से जुड़े मुद्दों को सुरक्षा एजेंसियां सर्वोच्च प्राथमिकता पर रखते हुए तुरंत एक्शन लें। यह बात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीएसएफ अकादमी टेकनपुर (ग्वालियर) में नेशनल डीजीपी-आईजीपी कॉन्फ्रेंस के समापन सत्र को संबोधित करते हुए कही।
प्रधानमंत्री ने समस्याओं को सुलझाने के लिए टेक्नोलॉजी का अधिक से अधिक उपयोग करने पर बल दिया। अवैध वित्तीय लेनदेन पर वैश्विक स्तर पर सूचनाओं को साझा करने की जो स्वीकार्यता बढ़ी है, उसका उल्लेख करते हुए पीएम ने वित्तीय अपराधों को सुलझाने में अधिकारियों को इसका अधिक से अधिक फायदा उठाने का कहा।
कॉन्फ्रेंस के बदलते स्वरूप पर चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि तीन सालों में जबसे डीजीपी कॉन्फ्रेंस को दिल्ली से बाहर आयोजित कर रहे हैं, इसके सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं। बदलाव को अपनाने वाले अधिकारियों की सराहना करते हुए पीएम ने कहा- अब कॉन्फ्रेंस सही मायनों में देश की सुरक्षा व्यवस्था को पूरी तरह से स्कैन करने का प्लेटफॉर्म बन गई है। वहां मौजूद वरिष्ठ अधिकारियों की प्रशंसा करते हुए मोदी ने कहा कि नकारात्मक माहौल के बाद भी अधिकारियों ने सुरक्षा बलों को जो नेतृत्व दिया वह काबिल-ए-तारीफ है।
सीख-कोई अकेले सुरक्षित नहीं रह सकता
विभिन्न राज्यों से आए 260 उच्च सुरक्षा अधिकारियों को अधिक से अधिक सामंजस्य बनाने पर जोर देते हुए पीएम ने दो टूक कहा कि सुरक्षा अकेले नहीं की जा सकती। संगठित होकर ही हम न सिर्फ खुद को सुरक्षित रख सकते हैं, बल्कि दूसरों को भी सुरक्षा दे सकते हैं इसलिए सूचनाओं के आदान-प्रदान में अधिक खुलापन आना चाहिए।
सपना-युवा अफसरों को मौका दें
पीएम मोदी ने कहा कि युवा अफसरों को अधिक से अधिक फील्ड तैनाती और समस्याओं को सुलझाने की जिम्मेदारी दी जाना चाहिए। तीन दिन तक सुरक्षा अधिकारियों ने मंथन कर जो बदलाव के बिंदु चिन्हित किए हैं उन पर साल भर वर्किंग ग्रुप द्वारा काम किया जाना चाहिए। जिससे इस कॉन्फ्रेंस का उद्देश्य पूरा हो सके।
आईबी अधिकारियों को राष्ट्रपति मैडल
कार्यक्रम के अंत में आईबी अधिकारियों को राष्ट्रपति पदक से सम्मानित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आईबी द्वारा जो सुरक्षा की जा रही है वो समर्पण और देश सेवा की मिसाल है। इस दौरान केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह, गृह राज्यमंत्री किरन रिजीजू, गृह राज्यमंत्री हंसराज अहीर के साथ ही देश के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, गृह सचिव और आईबी के डायरेक्टर उपस्थित रहे।