डॉ. सुभाष चन्द्रा शो : क्रोध में गंवाया एक क्षण भी हमारी खुशी को मिटा देता है !

Member of Parliament, Rajya Sabha and Chairman - Essel Group, Dr Subhash Chandra being felicitated with traditional Assamses Japi (hat) and Gamocha during an event held at Royal Global University in Guwahati on Sunday. Photo by Pitamber Newar

सत्य नारायण मिश्र  / न्यूज़ गेटवे / एडवांटेज असम / गुवाहाटी

राज्यसभा सांसद सुभाष चन्द्रा का रॉयल ग्लोबल यूनिवर्सिटी के छात्रों को प्रेरक उद्बोधन –क्रोध में गंवाया एक क्षण भी हमारी खुशी को मिटा देता है आरजीयू में शूट किए गए इस एपिसोड का प्रसारण जी मीडिया के सभी चैनलों पर 10 और 17 फरवरी 2018 को होगा

गुवाहाटी।  राज्य सभा सांसद तथा एस्सेल समूह के चेयरमैन सुभाष चन्द्रा ने रविवार को रॉयल ग्लोबल यूनिवर्सिटी गुवाहाटी के विद्यार्थियों को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने विद्यार्थियों के साथ “आक्रामक व्यवहार प्रगतिकारक नहीं’ और “स्वतंत्रता के असली मायने’ विषयों पर दो सत्रों में परिसंवाद किया। जी न्यूज के चर्चित सुभाष चन्द्रा शो के लिए आयोजित इस परिसंवाद में उन्होंने संदर्भित विषयों पर पहले उपस्थित विद्यार्थियों और अन्य गण्यमान्य नागरिकों से उनके विचार सुने और फिर एक समर्थ उत्प्रेरक की अपनी ख्याति के अनुरूप अत्यंत सारगर्भित ढंग से विश्लेषणात्मक व्याख्या की।

देश और विदेश में भी अपने तीन करोड़ से अधिक नियमित दर्शक बना चुके सुभाष चन्द्रा शो के माध्यम से विभिन्न पृष्ठभूमि के लोगों की प्रेरक कहानियों को दर्शकों के सामने लाया जाता है। आरजीयू के डी रॉयल ऑडिटोरियो में शूट किए गए इस एपिसोड का प्रसारण जी मीडिया चैनल के सभी चैनलों में 10 फरवरी और 17 फरवरी 2018 को प्रसारित होगा।

इस शो में प्रेरक व्यक्तित्व और बदलाव के वाहक के रूप में माइंड इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ पाजिटिव मेंटल हेल्थ एंड रिसर्च की अध्यक्ष और मनोचिकित्सक डा. संगीता गोस्वामी,     यूटीएसएच के संस्थापक मिगेल दास क्यूह, प्रेरक वक्ता रंजन कुमार बरुवा और कनकलता वुमेन अर्बन कोआपरेटिव बैंक की संस्थापक लक्ष्मी बरुवा को विशेष रूप से आमंत्रित किया गया था।

‘ आक्रामक व्यवहार प्रगतिकारक नहीं’ विषय पर अपने विचारों को साझा करते हुए उन्होंने कहा कि यह कहावत एकदम सही है कि क्रोध में गंवाया गया एक क्षण भी हमारी तमाम प्रसन्नता को नष्ट कर देता है। आपको अपने गुस्से पर नियंत्रण करना आना चाहिए। आप ये कहते हुए इसे छोड़ सकते हैं, मैं इस पर नियंत्रण नहीं कर सकता! और आप तत्क्षण महसूस करेंगे कि आप तो इस पर नियंत्रण कर सकतेहैं।

डॉ. चन्द्रा के शब्दों में आपके गुस्से का सामना करने के लिए आपके सामने कोई नहीं होता है। लोग कहते हैं, तुमने मुझे गुस्से से इतना पागल कर दिया। लेकिन मुद्दे की बात ये है कि कोई भी आपको तब तक गुस्से में पागल नहीं कर सकता, जब तक आप खुद न चाहें। और याद रखिए सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि आप अपने गुस्से को न छोड़ सकते हैं न नियंत्रित कर सकते हैं। बल्कि सबसे बड़ी बात ये है कि आप क्रोधित ही न हों। ये दिखाना कि आप क्रोधित हैं और फिर क्रोधित ना होना दो अलग चीजें हैं।

“स्वतंत्रता के असली मायने’ विषय पर अपने विचार व्यक्त करते हुए डॉ. चन्द्रा ने कहा कि स्वतंत्रता अपने आप में एक मुश्किल शब्द है और कई कारक यह तय करते हैं कि यह हमारे लिए फायदेमंद है या नहीं, जैसे कि हमारे
वर्तमान और भविष्य की आजादी के बीच का अंतर। इसके अलावा, स्वतंत्रता के राजनीतिक और दार्शनिक कई आयाम हो सकते हैं। राजनीतिक स्वतंत्रता का मतलब है हम खुद अपने आपको कितना अभिव्यक्त कर सकते हैं, दार्शनिक स्वतंत्रता का मतलब है हमारे अपने अंदर की स्वतंत्रता।

सुभाष चंद्रा हरियाणा से राज्य सभा के निर्दलीय सांसद हैं। वे एस्सेल समूह की कंपनियों के अध्यक्ष हैं और दुनिया की मीडिया और मनोरंजन जगत की कंपनियों में एक जाना पहचाना नाम है। अपने दम पर ही अपनी शख़्सियत बनाने वाले और दूरदृष्टा  सुभाष चंद्रा ने हर बार एक नए उद्योग की शुरुआत की और उसे सफलता के शीर्ष तक पहुँचाया।

अपने उत्प्रेरक उद्बोधन के दौरान उन्होंने रॉयल ग्लोबल यूनिवर्सिटी का उन्हें यहां आमंत्रित करने के लिए आभार जताया। उन्होंने कहा कि वे कोशिश करेंगे कि फिर यहां आएं और खासतौर से भीतरी ग्रामीण इलाकों में जाएं। इससे पहले उन्होंने आरजीयू परिसर में वृक्षारोपण किया।

इस अवसर पर रॉयल ग्लोबल यूनिवर्सिटी के चांसलर अशोक पंसारी ने डॉ. सुभाष चन्द्रा शो के साथ अपने निजी लगाव का हवाला देते हुए आरजीयू में इस शो के आयोजन को अपने सपने के सच होना जैसा बताया।

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