डिजिटल पेमेंट ने घटायी है सिस्टम में नकदी की मांग

न्यूज़ गेटवे / डिजिटल पेमेंट/ नई दिल्ली /

भले ही देश के कुछ हिस्सों में बैंक एटीएम में नकदी की दिक्कत बनी है, लेकिन यह सच है कि बीते एक साल में डिजिटल पेमेंट को प्रोत्साहन देने से सरकार नकदी की मांग कम रखने में सफल रही है। ऐसा न हुआ होता तो आज की तारीख में सिस्टम में दो से तीन लाख करोड़ रुपये की अतिरिक्त नकदी की आवश्यकता होती।

बीते वर्ष नवंबर में देश में नोटबंदी लागू होने के बाद ही सरकार ने डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के उपाय करना शुरु किया था। इसके लिए न केवल डेबिट क्रेडिट कार्ड भुगतान पर कारोबारियों पर लगने वाले शुल्क को कम करने से लेकर लोगों को मोबाइल बैंकिंग के इस्तेमाल को प्रोत्साहित करने के कई उपाय किये थे। केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने डिजिटल पेमेंट के लिए विशेष तौर पर ‘भीम’ एप विकसित कराया।

नकदी की मौजूदा किल्लत पर संवाददाताओं से बातचीत करते हुए वित्त मंत्रालय में आर्थिक मामलों के विभाग के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने कहा कि देश में डिजिटल लेनदेन का रुख बढ़ रहा है। उन्होंने माना कि अर्थव्यवस्था के आकार के लिहाज से आज की तारीख में देश में 19 लाख करोड़ रुपये की नकदी की आवश्यकता है। लेकिन अगर डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा न दिया गया होता तो यह मांग 22-23 लाख करोड़ रुपये की होती। वित्त मंत्रालय ने यह अनुमान नोटबंदी से पहले सिस्टम में नकदी की खपत के आधार पर लगाया है।

सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक पिछले एक साल में डिजिटल लेनदेन की संख्या में काफी वृद्धि हुई है। जनवरी 2018 तक के उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक वित्त वर्ष 2017-18 में 1605.30 करोड़ डिजिटल लेनदेन दर्ज किये गये। इस तरह के लेनदेन में 1462.58 लाख करोड़ रुपये मूल्य के ट्रांजैक्शन शामिल हैं। हालांकि इनमें आरटीजीएस, एनईएफटी और क्रेडिट-डेबिट कार्ड के सौदे भी शामिल हैं। जबकि 2016-17 में ऐसे लेनदेन की संख्या 1012.58 करोड़ थी।

You may have missed

Subscribe To Our Newsletter