डिजिटल टेक्नोलॉजी और डिजिटल इंडिया गुड गवर्नेंस की गारंटी है : पीएम मोदी
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने गृह राज्य गुजरात के दो दिन के दौरे पर हैं. यहां वो कई परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे. प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी पहली बार अपने जन्मस्थल वडनगर भी जाएंगे. दौरे की शुरुआत पीएम ने द्वारकाधीश मंदिर में दर्शन करके की. पीएम मोदी ने गांधीनगर में आईआईटी कैंपस में एक जनसभा को संबोधित किया. पढ़ें प्रधानमंत्री ने क्या कहा…
– डिजिटल साक्षरता के लिए यह मायने नहीं रखता की आप कितनी उम्र के हैं
– भारत के उज्जवल भविष्य के लिए हमलोगों को सतर्क रहकर प्रयास करना होगा कि देश में डिजिटल डिवाइड पैदा नहीं हो. कुछ लोग माहिर हैं और किसी को कुछ नहीं पता तो यह सही नहीं होगा.
– घर में कितना ही बढ़िया टीवी आ जाए, शुरू में सबको लगता है कि यह क्या आ गया है लेकिन जब बच्चा चैनल बदलने लगता है
– व्हाट्सएप फॉरवर्ड करने के लिए कोई क्लास है क्या. कोई इंस्ट्यूट है क्या
– डिजिटल टेक्नोलॉजी और डिजिटल इंडिया गुड गवर्नेंस की गारंटी है.
– भारत सरकार ने देश में ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क को पहुंचाने का काम शुरू हुआ है. आज डिजिटल के माध्यम से छोटे-छोटे गांव में भी डिजिटल शिक्षा देने का लक्ष्य पूरा हुआ है.
– आने वाले दिनों में छह करोड़ परिवारों में एक-एक लोगों को यह शिक्षा दी जाएगी.
– कभी कभी ऐसा अनुभव आता है कि बहुत लोग बढ़िया से बढ़िया मोबाइल का मॉडल आया तो सबसे पहले लोग मोबाइल खरीदते हैं. 80 फीसदी लोग ऐसे मिलेंगे जिसे मोबाइल के अंदर क्या क्या है उन्हें पता ही नहीं है. अच्छे से अच्छे मोबाइल रखते होंगे. डिजिटल लिटरेसी है तो सब देख सकते हैं.
– भारत सरकार ने जो भीम ऐप बनाया है, दुनिया के देशों को अजुबा लग रहा है.
– आईआईटी के नए कैंपस के लिए जब जमीन देने का निर्णय लिया गया तब चुनाव नहीं थे. अगर चुनाव का दिन होता और मैंने उस समय यह जमीन देने का फैसला लिया होता तब जरूर आलोचना होती. चुनाव होता तो निकल पड़ते. जैसे बुलेट ट्रेन के खिलाफ बोलते. जरूर आलोचना करते.
– हिन्दुस्तान में आईआईटी एक ब्रांड है. हर आईआईटी कैंपस की एक ताकत होती है. आज गांधीनगर आईआईटी में 75 फीसदी फैकल्टी वह हैं जो विदेशों में ट्रेंड होकर आए हैं. मैं उनके इस निर्णय की सराहना करता हूं.
– पहली बार हिन्दुस्तान में शिक्षा क्षेत्र में ऐसा हो रहा है. दुनिया में 500 टॉप यूनिवर्सिटी में हम कहीं नजर नहीं आते. ये कलंक मिटना चाहिए की नहीं. 2022 में आजादी के 75 साल के अवसर पर हम दुनिया के सामने यह कर सकते हैं कि नहीं कि हमारी यूनिवर्सिटी भी दुनिया के 500 टॉप में शामिल हो.
– गांधीनगर आईआईटी के पास 400 एकड़ का कैंपस है. 1700 करोड़ की लागत से सारी व्यवस्था बनी है. गुजरात इस बात पर गर्व कर सकता है कि पिछले 10 साल के भीतर गुजरात ने ग्लोबल लेवल के इस्टीट्यूशन देश को दिए हैं. आज दुनिया में कही नहीं अपनी फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी है. गुजरात में यह है.