ट्विटर और फेसबुक को केंद्र सरकार ने सख्त चेतावनी दी है

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर और फेसबुक को केंद्र सरकार ने सख्त चेतावनी दी है। इलेक्ट्रॉनिक्स और IT मंत्री रविशंकर प्रसाद ने राज्यसभा में कहा, ‘हम सोशल मीडिया का सम्मान करते हैं। इसने आम लोगों को ताकत दी है। डिजिटल इंडिया प्रोग्राम में भी सोशल मीडिया की भूमिका काफी अहम है, लेकिन अगर इससे फेक न्यूज और हिंसा को बढ़ावा मिलता है तो हम कार्रवाई करेंगे। फिर वो ट्विटर हो या कोई प्लेटफार्म।’

सदन में प्रसाद ने कहा, ‘हमने ट्विटर और दूसरी सोशल मीडिया कंपनियों को देश के नियम-कानून की जानकारी दे दी है। हमने उन्हें कह दिया है कि अगर भारत में बिजनेस करना है तो हमारे नियम-कानून मानने पड़ेंगे। ये कैसे हो सकता है कि कैपिटल हिल्स (अमेरिकी संसद) पर हिंसा के लिए कुछ और नियम अपनाए जाएं और लाल किले पर हुई हिंसा के लिए अलग। अलग-अलग देशों के लिए अलग-अलग पैरामीटर हमें मंजूर नहीं हैं।’

फ्रीडम ऑफ स्पीच के बहाने फेक न्यूज फैलाने की इजाजत नहीं
प्रसाद ने कहा, ‘देश में फ्रीडम ऑफ स्पीच है, लेकिन आर्टिकल 19-A ये भी कहता है कि कुछ विषयों पर जरूरी पाबंंदियां होंगी। सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को भारत के संविधान को मानना होगा। संविधान सरकार और प्रधानमंत्री की आलोचना का हक तो देता है, लेकिन इन्हें फेक न्यूज फैलाने की इजाजत नहीं दी जा सकती।’

विवादित अकाउंट्स पर ट्विटर के अड़ियल रवैये पर भी नाराजगी
किसान आंदोलन के बीच सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक कंटेंट को लेकर सरकार ने ट्विटर के अड़ियल रवैये पर सख्ती दिखाई थी। केंद्र सरकार ने ट्विटर से सख्त लहजे में कहा था कि उसकी साइट से ऐसे हैंडलर्स को किसी भी हाल में हटाना ही होगा। IT मंत्रालय ने ऐसे 257 हैंडलर्स को हटाने के निर्देश दिए थे। हालांकि बुधवार को ट्विटर ने बताया था कि उसने 500 से ज्यादा अकाउंट्स स्थाई तौर पर सस्पेंड कर दिए हैं।

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