ट्रेन-20 की तैयारियां भी शुरू , सितम्बर-अक्टूबर 2018 में पटरी पर दौडऩे लगेगी

न्यूज़ गेटवे /  ट्रेन-20 की तैयारियां भी शुरू / नई दिल्ली /

अमेरिका, चाइना और स्विट्जरलैंड की तर्ज पर भारत में भी बहुत जल्द अत्याधुनिक तकनीकों से लैस रेलगाड़ी में आप सफर करेंगे। इसकी शुरूआत देश की राजधानी दिल्ली से शुरू होने की संभावना है। लिहाजा, सबकुछ ठीक-ठाक रहा तो यह ट्रेन सितम्बर-अक्टूबर 2018 में पटरी पर दौडऩे लगेगी। 

 

मेक-इन- इंडिया के तहत तैयार होने वाली इस ट्रेन को एक विशेष नाम (ट्रेन-18 ) दिया गया है। 16 कोच की इस ट्रेन में अलग से इंजन नहीं होगा। यह पूरी तरह से अंतर्राष्ट्रीय मानकों पर खरी उतरने वाली ट्रेन होगी। लिहाजा, सफर करने वाले को बेहद मजा आएगा।

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160 किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड से चलने वाली इस ट्रेन में वह सबकुछ होगा, जो सफल देशों की अच्छी ट्रेनों में शुमार है।  ट्रेन-18 पूरी तरह से चेयरकार वाली ट्रेन होगी, जिसे भारतीय रेल की चेन्नई स्थित आईसीएफ (इंटीग्रल कोच फैक्ट्री ) द्वारा तैयार किया जा रहा है। ट्रेन जून 2018 में बनकर तैयार हो जाएगी।

इस ट्रेन की खूबियों में इसका लुक जहां अलग होगा वहीं ट्रेन सेट में एक कोच दूसरे से जुड़ा होगा जो कि अभी चल रहे पारम्परिक कोच की तरह जुड़े नहीं दिखेंगे। रफ्तार ज़्यादा होगी और सुरक्षा के कई फीचर भी विश्व स्तरीय होंगे।

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ट्रेन 18 का निर्माण इंटीग्रल कोच फैक्ट्री में शुरू हो चुका है। ट्रेन की सबसे बड़ी बात यह है कि इसमें ईंजन अलग से नहीं होगा। ड्राइवर की केबिन के साथ ही यात्रियों के बैठने की व्यवस्था होगी और इसमें भी शताब्दी एक्सप्रेस की तर्ज पर चेयर कार में 74 और एक्जीक्यूटिव कार में 54 सीट होंगी।

रेलवे इस ट्रेन को 2020 विजन के तहत बना रहा है। निर्बाध वाई फाई से सीट में लगे चार्जर प्वाइंट में लगाकर फोन पर मनोरंजक और सूचनात्मक कार्यक्रम देखे जा सकेंगे साथ ही कैब , रेलवे की सुविधाओं की बुकिंग भी हो जायेगी।

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सीट हवाई जहाज जैसी होंगी, आकर्षक होगा अंदर का फर्नीचर
हर सीट पर स्क्रीन के स्थान पर चार से छह स्क्रीन  रखी हैं, ताकि उद्घोषणा, सूचना वअन्य जानकारी इन्हीं के जरिये मिलेगी। स्क्रीन सीट पर न देने और डिजाइन पर इंटीग्रल कोच फैक्ट्री के महाप्रबंधक सुधांशु मणि के मुताबिक आज सभी अपने फोन पर कंटेंट देखना पसंद करते हैं और भविष्य को देखते हुए ही वाई फाई दिया है ताकि वे नेट से कुछ मनपसंद मनोरंजक कार्यक्रम देख सकेंगे।

मणि मानते हैं कि इसके इंटीरियर पर बहुत काम कर रहे हैं, कुर्सियां हवाई जहाज जैसी होंगी, अंदर का फर्नीचर आकर्षक, आरामदायक हो इसका विशेष ध्यान रखा जा रहा है। इसके बावजूद हम बाहरी लुक को लेकर सन्तुष्ट नहीं थे इसीलिए अधिक आकर्षक  बनाने के लिए स्विस कम्पनी से सलाह ले रहे हैं।

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यात्रियों को नहीं लगेंगे झटके, होगा आधुनिक सिस्टम
जानकारों के मुताबिक इस ट्रेन में इंजन की जगह ड्राइवर केबिन व हर चौथे कोच में ऐसी मोटर व तकनीक होगी जो इंजन जैसे ही काम कर ट्रेन को रफ्तार देगी। ट्रेन को तेजी से गति दी जा सकेगी तो कम से झटके महसूस होंगे। अभी दो दर्जन कोच के 120 करोड़ की मंजूरी मिली है। इसके एक कोच पर करीबन 6 से 7 करोड़ की लागत आएगी। पारम्परिक एलएचबी कोच हालांकि साढ़े 3 करोड़ में तैयार हो जाते हैं। इसमे लगने वाले इंजन की कीमत भी 12 से 15 करोड़ रुपए होती है।

शताब्दी एक्सप्रेस के रूट पर चलाया जाएगा
रेलवे बोर्ड के चेयरमैन अश्वनी लोहानी बताते हैं कि ट्रेन-18 इसी साल जून में दिल्ली पहुंच जाएगी और उसके बाद संरक्षा आयुक्त से आवश्यक मंजूरी की प्रक्रिया पूरी कर इसे शताब्दी एक्सप्रेस के रूट पर चलाया जाएगा। रेलवे अधिकारियों के अनुसार अभी इसे 16 कोच की गाड़ी बना कर चलाया जाएगा, लेकिन बाकी बचे 8 कोच की अलग गाड़ी बनाई जा सकेगी तो वहीं परिणाम देखकर आठ कोच का और निर्माण कर एक और ट्रेन 16 कोच की बना दी जायेगी

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ब्रेक से 30 से 35 प्रतिशत बिजली का उत्पादन भी होगा
भारतीय रेलवे इस ट्रेन के कोच में स्टेनलेस स्टील का उपयोग कर रही है। इसका यात्रियों व सामान सहित 55 टन वजऩ होगा। इस ट्रेन में झटकों को कम करने की तकनीक है, ब्रेक लगते ही बिजली उत्पादन की खूबी ब्रेक से 30 से 35 प्रतिशत बिजली का उत्पादन करेगी। दो एक्जीक्यूटिव चेयर कार और दो ड्राइवर केबिन होंगे।

दिव्यांग सभी कोच में व्हील चेयर के साथ जा सकेगे 
फस्र्ट क्लास के कोच में जिस दिशा में ट्रेन चलेगी उसी दिशा में में कुर्सियां दिशा बदल लेगी। ओटोमेटिक दरवाजे के साथ जैसे ही ट्रेन रुकेगी प्लेटफार्म और कोच के स्टेप स्लाइडिंग निकलेगा और यात्री उतर व चढ़ सकेंगे।  सामान के लिए स्थान के साथ दिव्यांग सभी कोच में व्हील चेयर के साथ जा सकेगे, शौचालय में भी दिव्यांग व्हील चेयर के साथ जा सकेंगे।ट्रेन के हर कोच में दिव्यांग व्यक्तियों के लिए एक सीट होगी। यात्री ट्रेन के गंतव्य की जानकारी इंजन पर ऊपर लिखे डेस्टिनेशन बोर्ड पर देख सकेंगे।

ट्रेन-20 की तैयारियां भी शुरू 
इंटीग्रल कोच फैक्ट्री में ही 2020 में बन कर आने वाली आधुनिक ट्रेन 20 की तैयारियां भी शुरू हो गई है। अल्युमिनियम के डिब्बों का सामान, सवारी सहित  वजन 50 से 52 टन प्रति कोच होगा।  ट्रेन- 20 का लुक जहां ट्रेन- 18 जैसा ही होगा तो बाहरी व अंदरूनी फीचर और भी बेहतर होंगे। ट्रेन- 18 को शताब्दी की तर्ज पर दिन में बैठकर सफर करने वाली ट्रेन के तौर पर विकसित किया जा रहा है तो ट्रेन- 20 में राजधानी जैसी सुविधाएं व उसी के रूट्स पर चलाने की योजना है।

ट्रेन- 20 का नाम इसलिए ट्रेन रखा गया है, क्योंकि रेलवे इसे 2020 तक पटरी पर उतार देगा। यह दावा करते हुए रेलवे बोर्ड के चेयरमैन अश्विनी लोहानी ने बताया कि भरतीय रेलवे दुनिया की रेलवे में श्रेष्ठ स्थान दर्ज करवाने की ओर अग्रसर है और आज भी दुनिया हमारा  लोहा मानती है कि हम इस विशाल यात्री सेवाओं को पूरे यत्न से चला रहे हैं। रेलवे अधिकारियों ने बताया कि ट्रेन 20 के लिए टेंडर जारी हो गए हैं और पूरी प्रक्रिया हो जाने के बाद पहली ट्रेन तैयार हो जाएगी।

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