जेटली 1 फरवरी को पेश करेंगे आम बजट

आम बजट की तारीख का एलान हो गया है। पहला बजट सेशन 29 जनवरी से 9 फरवरी तक चलेगा। बजट 1 फरवरी को पेश होगा। बजट का दूसरा सेशन 5 मार्च से 6 अप्रैल तक चलेगा। संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने इस बात की जानकारी दी है।

अनंत कुमार ने बताया कि गृहमंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई कैबिनेट कमेटी और पार्लियामेंट कमेटी की बैठक में सत्र को लेकर निर्णय लिया गया है। इसका प्रस्ताव भी राष्ट्रपति को मंजूरी के लिए भेज दिया गया है। उन्होने बताया कि सत्र की शुरुआत 29 जनवरी को राष्ट्रपति के अभिभाषण के साथ होगी। इसके बाद 30 और 31 जनवरी को अवकाश रहेगा, जबकि एक फरवरी को बजट पेश होगा। इस बीच 10 फरवरी से चार मार्च तक की छुट्टी रहेगी।

संसदीय कार्यमंत्री ने कहा कि सरकार अब तीन तलाक के बिल को बजट सत्र में पास कराएगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को अपने रुख में बदलाव में लाना होगा। दोहरे मापदंड बंद करने होंगे। उनका कहना था कि कांग्रेस ने जिस बिल का लोकसभा में समर्थन किया था, राज्यसभा में अब उसी का विरोध कर रही है। यह गलत है। कांग्रेस को बिल को पास करने के लिए समर्थन देना ही होगा।

बताया जा रहा है कि संसद का बजट सत्र राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद के अभिभाषण से शुरू होगा। बजट को फरवरी के अंत में प्रस्तुत किए जाने की ब्रिटिशकालीन परंपरा को खत्म करते हुए इस साल जेटली ने पहली बार आम बजट को एक फरवरी को पेश किया था। इसका मकसद यह है कि 1 अप्रैल से नए वित्त वर्ष की शुरुआत से पहले सभी बजट प्रस्तावों को मंजूरी मिल जाए।

आम बजट में किस पर रहेगी नजर
-आम बजट में हो सकती है श्रम सुधारों की घोषणा
-विदेशी कंपनियों को और सहूलियतें देने पर विचार
-इस क्षेत्र में सौ फीसद तक एफडीआइ की अनुमति है, लेकिन इसके लिए अभी भी सरकार के कई विभागों से अनुमति की जरूरत होती है
-सरकारी बैंकों में कम हो सकती है केंद्र की हिस्सेदारी
-राजनीतिक रूप से संवेदनशील आर्थिक मसला बेरोजगारी का भी है

 

फिक्की ने वित्त मंत्री से आग्रह किया है कि बजट में कॉरपोरेट टैक्स की तस्वीर को स्पष्ट करते हुए इसका रोडमैप जारी करें। कॉरपोरेट टैक्स की दर को फीसद पर लाने का भी आग्रह किया है। उद्योग संगठन फिक्की के नवनियुक्त प्रेसिडेंट रशेश शाह ने दैनिक जागरण से बातचीत में कहा कि सरकार की मंशा इस मामले में स्पष्ट है। केवल इंतजार इस बात का है कि इस संबंध में वह कदम कब उठाती है।

 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 10 जनवरी को देश के शीर्ष अर्थशास्त्रियों के साथ बैठक कर सकते हैं। इस बैठक को आम बजट से पहले सामान्य अभ्यास के रूप में देखा जा रहा है। दिसंबर 2017 को भी प्रधानमंत्री मोदी ने इसी तरह की बैठक बुलाई थी, जहां मौद्रिकरण के प्रभाव पर चर्चा हुई थी। बता दें कि वर्ष 2018-19 का केंद्रीय बजट 2019 के आम चुनावों से पहले प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) शासन का अंतिम बजट होगा। इस आम बजट को एक फरवरी को प्रस्तुत किया जाएगा।

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