विवेकानंद ने जन सेवा ही प्रभु सेवा का मन्त्र दिया : मोदी
न्यूज़ गेटवे / स्वामी विवेकानंद / नई दिल्ली /
स्वामी विवेकानंद के शिकागो संबोधन के सवा सौ साल पूरे होने के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके याेगदानों की चर्चा करते हुए छात्रों के एक सम्मेलन को संबोधित किया।
स्वामी विवेकानंद के शिकागो भाषण के सवा सौ साल पूरे होने के मौके पर दिल्ली के विज्ञान भवन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनकी याद में एक छात्र सम्मेलन को संबोधित किया और कहा कि सवा सौ साल पहले का 9/11 विश्व विजय दिवस था। उस दिन स्वामी विवेकानंद ने दुनिया को नया रास्ता दिखाया। वे समाज की हर बुराई के खिलाफ आवाज उठाते थे। उन्होंने पश्चिम को भारत की आध्यात्मिकता से परिचय कराया था। इसके लाइव टेलिकास्ट के लिए यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन ने पहले ही सर्कुलर जारी किया था।
स्वामी विवेकानंद द्वारा कहे गए शब्द- ‘माइ ब्रदर्स एंड सिस्टर्स’ से दुनिया को भाइचारे का संदेश मिलता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि 1893 का 9/11 प्रेम, सौहार्द और भाइचारे के बारे में था। स्वामी विवेकानंद ने सामाजिक बुराईयों के खिलाफ आवाज उठायी थी। पीएम ने कहा, आज 9/11 है जिसके बारे में 2001 के बाद काफी चर्चा हुई लेकिन एक 9/11 1893 का है जिसे हम याद करते हैं। दरअसल स्वामी विवेकानंद के शिकागो भाषण के सवा सौ साल पूरे होने के मौके पर दिल्ली के विज्ञान भवन में पीएम मोदी ने उनकी याद में एक छात्र सम्मेलन को संबोधित किया और कहा कि सवा सौ साल पहले का 9/11 विश्व विजय दिवस था। विवेकानंद के शिकागो भाषण की दुनिया भर में चर्चा हुई।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, छात्र राजनीति की दिशा चिंतन का विषय है। उम्मीदवारों ने कभी कैंपस साफ रखने की बात नहीं की। इसके बाद उन्होंने छात्रों से अपील की कि यूनिवर्सिटी चुनावों के लिए अभियान के दौरान वे स्वच्छता पर ध्यान दें। नियमों का पालन करें तो भारत शासन करेगा। उन्होंने कहा स्वामी विवेकानंद ने वन एशिया का कंसेप्ट दिया था। उन्होंने कहा था कि विश्व की मुश्किलों का हल एशिया से आएगा। इससे पहले रविवार को ट्वीट कर इस संबोधन के थीम ‘यंग इंडिया न्यू इंडिया’ की जानकारी दी थी।
प्रधानमंत्री ने युवाओं को देश की सबसे बडी ताकत बताते हुए कहा, देश की 65 फीसद आबादी युवा है। प्रधानमंत्री ने नौजवानों को प्रोत्साहित करते हुए कहा, ‘असफलता ही सफलता का रास्ता बनाती है, इसलिए असफलताओं से डरना बंद करें। नौजवान काम मांगने वाला नहीं बल्कि नौकरी देने वाला बने। क्या खाना क्या न खाना हमारी परंपरा नहीं। देश में भीख मांगने वाला भी तत्व ज्ञान से भरा है। वे कहते हैं आप मुझे दो, आपको भगवान देगा, मुझे नहीं भी देते हो तो भी भगवान आपका भला करेगा।‘
स्वामी विवेकानंद और जमशेदजी टाटा के बीच की बातचीत का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इससे देश के प्रति स्वामीजी की चिंता का पता चलता है। विवेकानंद ने जमशेद टाटा को भारत में उदयोग लगाने के लिए चिट्ठी लिखी। विवेकानंद ने विचार को विचार धारा में बदला। उन्होंने आधुनिक कृषि पर बल दिया। वे गंगा को गंदा करने से रोकते थे। स्वामी विवेकानंद की उपलब्धियों के पीछे का कारण उनके विश्वास को बताते हुए पीएम ने कहा कि ब्रिटिश शासन के होते हुए भी वे विश्वास से भरे थे।
प्रधानमंत्री ने प्रसन्नता जाहिर करते हुए कहा कि देश में ऐसी महिलाएं हैं जिन्होंने शादी करने से इंकार कर दिया क्योंकि शौचालय नहीं था। उन्होंने सफाई का काम करने वालों को भारत मां की सच्ची संतान कहा। पीएम ने कहा, ‘मैं यहां आया, पूरी ताकत से वंदे मातरम वंदे मातरम सुन रहा था, रोंगटे खड़े हो जाते हैं।
मैं पूरे हिंदुस्तान को पूछ रहा हूं क्या हमें वंदे मातरम कहने का हक है। मैं जानता हूं मेरी ये बात बहुत लोगों को चोट पहुंचाएगी। 50 बार सोच लीजिए, क्या हमें वंदे मातरम कहने का हक है? पान खा कर भारत मां पर पिचकारी मारे और फिर वंदे मातरम बोलें? हम वो लोग सारा कूड़ा कचरा भारत मां पर फेंकेंगे और फिर वंदे मातरम बोलें? इस देश में सबसे पहले किसी को हक है तो देश भर में सफाई का काम करने वाले भारत मां के उन सच्चे संतानों को है।‘
आजादी के 75 साल पर संकल्प लें गांधी, भगत सिंह और विवेकानंद के सपनों का भारत बनाना है। महान आत्माओं के सपने का भारत बनाना है। उन्होंने साईकिल से देश यात्रा पर निकले नौजवानों की भी बात की। उन्होंने कहा, हम लोग पौधों में भी परमेश्वर देखते हैं भारत के लोग नदी को भी मां मानते हैं जो समाज के लिए गलत है उसे छोड़ना होगा।
प्रधानमंत्री ने कहा स्वामी विवेकानंद ने कहा था कि केवल परंपराओं से लोग भगवान से नहीं जुड़ते बल्कि जन सेवा ही प्रभुसेवा है। गुरु की खोज से अधिक विवेकानंद सच्चाई की तलाश में थे। उन्होंने नौजवानों से महिलाओं को सम्मान देने की बात कही और बताया कि जो महिलाओं का सम्मान नहीं करते उन्हें स्वामी विवेकानंद के उपदेशों पर विचार करने की जरूरत है।
इससे पहले प्रधानमंत्री ने रविवार को ट्वीट कर कहा, ‘कल मैं युवा भारत-नया भारत थीम पर छात्रों को संबोधित करने के प्रति उत्सुक हूं। विवेकानंद को युवा शक्ति में दृढ़ विश्वास था और राष्ट्र निर्माण में युवाओं की भूमिका को वह बेहद अहम मानते थे। स्वामी विवेकानंद के विचारों से प्रेरित होकर ही हम युवाओं के सपनों और आकांक्षाओं को साकार करने के लिए अथक परिश्रम कर रहे हैं।’