जनरल रावत के बयान पर गोगोई का कूटनीतिक रुख
सत्य नारायण मिश्र / न्यूज़ गेटवे / गोगोई का कूटनीतिक रुख / गुवाहाटी /
सेनाध्यक्ष विपिन रावत के बयान पर पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई ने कूटनीतिक दृष्टिकोण अपनाया है। बदरुद्दीन अजमल के खिलाफ अपनी पुरानी खुन्नस निकालने का बेहतरीन मौका भांप उन्होंने सेनाध्यक्ष के बयान को गंभीरता से लेने और अजमल को कांग्रेस का एक नंबर दुश्मन करार दिया है। एक दिन पहले एआईयूडीएफ प्रमुख मौलाना बदरुद्दीन अजमल ने सेनाध्यक्ष के बयान पर गोगोई की त्वरित टिप्पणी पर सधी और उम्मीद भरी राय जताई थी। वे पहले भी कई मौकों पर कांग्रेस के साथ भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोलने की पेशकश दे चुके हैं। खासतौर से पूर्व मुख्यमंत्री गोगोई और प्रदेश
कांग्रेस नेतृत्व ने उसे हर बार ठुकराया है। मौलाना को शायद उम्मीद थी कि कम से कम इस मामले में तो गोगोई भाजपा व संघ पर उनकी लाइन में वार करते नजर आएंगे।
लेकिन उम्मीद के विपरीत शुक्रवार को विधानसभा परिसर स्थित कांग्रेस विधायक दल कक्ष में गोगोई ने पत्रकारों के सामने कुछ और ही कहा। उन्होंने सेनाध्यक्ष के बयान को गंभीरता से लेने की बात कही। बोले कि सेनाध्यक्ष
की कही बात का महत्व है। उसको यूं ही नहीं लिया जा सकता। पूर्व मुख्यमंत्री बोले, सेनाध्यक्ष कहते हैं कि खासतौर से असम के हालात के पीछे चीन और पाकिस्तान का हाथ है। भारत सरकार, गृह मंत्रालय और रॉ आदि एजेंसियां कहां गईं। क्या उन्हें यह सब नहीं मालूम। सेना के जनरल के मुताबिक राज्य की वर्तमान परिस्थिति अत्यंत जटिल है। गोगोई ने पूछा, मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल इस बारे में अवगत हैं या नहीं, उन्हें संदेह है।
गोगोई ने कहा कि भाजपा और बदरुद्दीन में कोई अंतर नहीं है। एक सिक्के के दो पहलू हैं। भाजपा चाहती है कि बदरुद्दीन मुसलमान वोट ले जाएं। ताकि हिंदू मतों का ध्रुवीकरण करने में आसानी हो सके। इसीलिए बदरुद्दीन कांग्रेस के एक नंबर दुश्मन हैं। राज्य सरकार को ब्यूरोक्रेसी पर आश्रित सरकार निरूपित करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने इसे कागजों और विज्ञापनों पर चलने वाली सरकार बता डाला। कहा कि यह सरकार तो केंद्र से हासिल धन भी खर्च नहीं कर पाती। विकास क्या करेगी।
मोदी तय करें रावत को रिटायरमेंट के पांच साल तक नहीं देगी भाजपा टिकट सेनाध्यक्ष के बयान को ले पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई ने भाजपा नेतृत्व और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर गहरा कटाक्ष किया। कहा कि प्रधानमंत्री को सुनिश्चित करना चाहिए कि जनरल रावत रिटायर होने के पांच साल तक भाजपा का टिकट नहीं पाएंगे। गोगोई बोले कि पहले भी यह देखा गया है कि कोई सेनाध्यक्ष इस तरह की बातें करता है तो बाद में वह भाजपा का टिकट पा जाता है। इसलिए कानून बनानाचाहिए कि सेना का कोई जनरल या अन्य उच्चाधिकारी रिटायर होने के बाद कम से कम पांच साल तक किसी पार्टी का टिकट हासिल नहीं कर पाए। प्रधानमंत्री को इस बारे में पहल करनी चाहिए।