कुंभ मंथन में मोरारी बापू के साथ
कुंभ की महिमा वेदकाल से रही है। मैं इतना ही कहूंगा कि जहां पर यह होता है, वहां पर वनवास के दौरान भगवान राम ने स्नान किया था।
कुंभ मेले का गोस्वामी जी ने अपने राम चरित मानस में जिक्र किया है।
हनुमान जी की कोई जाति नहीं।
– मोरारी बापू