कांग्रेस का अंतर्कलहः राजीव भवन रणभूमि में बदला, अनिल राजा पार्टी से निलंबित

सत्य नारायण मिश्र  / न्यूज़ गेटवे / कांग्रेस का अंतर्कलह  / गुवाहाटी /

रकीबुल हुसैन-अनिल राजा समर्थकों ने सोमवार को प्रदेश कांग्रेस के अंतर्कलह को ईंट, लाठी, हाथ-पांव और उठा-पटक के खुले प्रदर्शन तक पहुंचा दिया। दोनों पक्षों में जमकर हुए तुमुल संघर्ष के बाद एक घंटे से अधिक समय तक चली कोर कमेटी बैठक में एपीसीसी कार्यकारिणी सदस्य राजा सहित चार अन्य को निलंबित कर दिया गया।

प्रदेश अध्यक्ष रिपुन बोरा के मुताबिक कोई कितना भी बड़ा नेता क्यों न हो, अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। वहीं पूर्व मंत्री रकीबुल हुसैन ने राजा पर एक सौ करोड़ की मानहानि का मामला दायर करने की जानकारी दी। राजाने उन पर भ्रष्टाचार से करोड़ों की संपत्ति खड़ी करने के आरोप मीडिया में लगाए थे।

आज के महाभारत की तैयारी एक तरह से रविवार को एआईसीसी के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद के सामने ही हो गई थी। रकीबुल समर्थकों ने आजाद से मिलने पहुंचे अनिल राजा के खिलाफ गो-बैक गो-बैक की नारेबाजी से अफरा-तफरी का माहौल बना दिया था।

सोमवार को सुबह 10 बजे से ही राजीव भवन में हंगामे का माहौल बनने लगा था। प्रदेश अध्यक्ष रिपुन बोरा अपने कार्यालय में विराजमान हो चुके थे। धीरे-धीरे राजीव भवन कार्यकर्ताओं की भीड़ से भरता जा रहा था। तभी रकीबुल समर्थक वहां अपने नेता के जिंदाबाद के नारे लगाने लगे। थोड़ी देर बाद ही राजा समर्थक भी ऐक्शन में आ गए।

दोनों तरफ की जवाबी नारेबाजी ने जल्द ही हालात तनावपूर्ण कर दिए। पहले धक्का-मक्ुकी फिर मारपीट, खेदा-खेदी और उठा-पटक। तत्काल राजीब भवन के मुख्य द्वार के चैनल पर ताला जड़ दिया गया। तीसरे पहर लगभग तीन बजे तक
चलती रही इस असाधारण स्थिति के बीच अध्यक्ष ने अकेले मोर्चा संभाला।

प्रदेश अध्यक्ष बोरा ने चैनल के एक तरफ से बाहर जमा कार्यकर्ताओं को समझा-बुझाकर कुछ शांत किया और पहले से निर्धारित कोर कमेटी की बैठक के लिए सभा कक्ष में चले गए। कुछ ही देर में पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई, नेता विधायक दल देवब्रत सइकिया, पूर्व मंत्री शरत बरकटकी, पूर्व सांसद द्विजेन शर्मा सहित कोर कमेटी के अन्य सदस्य भी पहुंच गए।

बैठक के बाद विधायक दल के नेता सइकिया और पूर्व सांसद शर्मा ने अलग-अलग मीडिया को अनिल राजा के निलंबन की जानकारी दी। उनके मुताबिक कोर कमेटी ने सर्वसम्मति से यह फैसला लिया है। वजह यह रही कि राजा ने अध्यक्ष की तरफ
से दिए गए कारण बताओ नोटिस का जवाब नहीं दिया। यही नहीं, उन्होंने इस बीच लगातार नए-नए आरोपों के साथ दलीय अनुशासन को भंग किया।

इस बीच अनिल राजा का बयान नहीं मिल सका। वे इस बैठक में नहीं पहुंचे। वहीं विवाद के दूसरे केंद्र पूर्व मंत्री हुसैन ने कहा कि उनके लिए पार्टी का निर्णय ही सर्वोपरि है।

You may have missed

Subscribe To Our Newsletter