कई फॉर्म का डिजायन तैयार ही नहीं हुआ,नहीं बन पाए जीएसटी के कई फॉर्म
न्यूज़ गेटवे / जीएसटी का आइटी तंत्र / नई दिल्ली /
जीएसटी लागू हुए भले ही 9 महीने होने को हैं लेकिन इसके सूचना प्रौद्योगिकी ढांचे का हाल यह है कि कई फॉर्म जीएसटी पोर्टल पर अब तक उपलब्ध नहीं हैं। अभी इनमें से कई फॉर्म का डिजायन तैयार ही नहीं हुआ है। इनको डैवलप करने में अभी और वक्त लग सकता है। हालांकि जीएसटी नेटवर्क की दलील है कि जीएसटी कानून के जो प्रावधान फिलहाल लागू नहीं हैं, सिर्फ उनके ही फॉर्म अब तक उपलब्ध नहीं हैं।
देश में एक जुलाई 2017 से जीएसटी लागू होने के बाद इसके सूचना प्रौद्योगिकी ढांचे में खामियां होने की वजह से कारोबारियों को तमाम तरह की कठिनाइयों का सामना करना पड़ा है जिसके चलते न सिर्फ सरकार की किरकिरी हुई है बल्कि जीएसटी काउंसिल को कई बार रिटर्न दाखिल करने की तारीख भी बढ़ानी पड़ी है। जीएसटी का आइटी तंत्र बेहद जटिल भी है। यही वजह है कि जीएसटी काउंसिल को जीएसटी के आइटी सिस्टम को दुरुस्त करने और रिटर्न प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी की अध्यक्षता में एक मंत्रिसमूह का गठन करना पड़ा है।
जीएसटी नेटवर्क के सीईओ प्रकाश कुमार का कहना है कि जीएसटी कानून के जिन प्रावधानों को निलंबित रखा गया है उनके फार्म पोर्टल पर उपलब्ध नहीं कराए गए हैं जैसे जीएसटीआर-7 फार्म टीडीएस और जीएसटीआर-8 टीसीएस से संबंधित हैं जिन्हें अभी तक लागू नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि रिफंड के कई फॉर्म जीएसटीआर-2 से लिंक हैं लेकिन इसे अभी तक लागू नहीं किया गया है इसलिए ये उपलब्ध नहीं हैं।
उल्लेखनीय है कि जीएसटी काउंसिल ने 10 मार्च को हुई बैठक में ‘स्रोत पर कर कटौती’ (टीडीएस) व ‘स्रोत पर कर संग्रह’ (टीसीएस) जैसे विवादित प्रावधानों का क्रियान्वयन भी 30 जून 2018 तक टालने का फैसला किया। हालांकि यह बात अलग है कि इन प्रावधानों को लागू करने के लिए जरूरी फॉर्म अभी तक डवलप नहीं हुए हैं।