एनआरसीः पूरे राज्य में 15 फरवरी से होगी फेमिली-ट्री की जांच
न्यूज़ गेटवे / फेमिली-ट्री की जांच / गुवाहाटी /
दूसरी ड्राफ्ट एनआरसी जारी होने के पहले आगामी 15 फरवरी से पूरे राज्य में वंश-वृक्ष (फेमिली-ट्री) के सघन सत्यापन का कार्य युद्धस्तर पर शुरू होगा। इसके माध्यम से एनआरसी आवेदकों के पारिवारिक विवरणों में पाई गई वास्तविक त्रुटियों को दूर किया जाएगा। इस बारे में संबंधित लोगों को सूचना पत्रक भेजे जाने लगे हैं एनआरसी राज्य संयोजक प्रतीक हाजेला की ओर से जारी एक परिपत्र के मुताबिक यह प्रक्रिया संबंधित आवेदक की ओर से प्रस्तुत लीगेसी डाटा की सच्चाई
सत्यापित करने के लिए अमल में लाई जा रही है। इसके तहत आवेदक के वंश-वृक्ष के पेश किए गए तमाम आंकड़ों का मिलान किया जाएगा। किसी वजह से मिलान नहीं होने की हालत में संबंधित आवेदक को इस बारे में सफाई देने का एक मौका दिया जाएगा। इसलिए इसे लेकर किसी तरह की घबराहट की जरूरत नहीं है।
वास्तविक त्रुटियों से आशय वंश-वृक्ष विवरण में उपनाम, शादी के बाद नाम/उपनाम में हुए परिवर्तन, गैर-जानकारी या भूूल से कुछ परिवार जनों के नाम नहीं लिखने आदि से है। इन्हें सत्यापित या ठीक करने की प्रक्रिया आमतौर से लीगेसी व्यक्ति के मूल निवास वाले इलाके में संपन्न की जाएगी। आवेदक को इस बारे में पहले से भेजे जा रहे सूचना पत्रकों में दर्ज समय,
तिथि व स्थान पर सभी दस्तावेजों के साथ उपस्थित होना पड़ेगा। एनआरसी राज्य संयोजक के मुताबिक इस तरह के सूचना पत्रक पाने वाले आवेदकों को किसी तरह से घबराने की जरूरत नहीं है। ये पत्र भेजे जाने का मतलब यह कतई नहीं है कि उन्हें संदिग्ध मान लिया गया अथवा एनआरसी से बाहर किया जा रहा है। यह प्रक्रिया प्रत्येक वास्तविक नागरिक की लीगेसी को संरक्षित करने और किसी अनधिकृत व्यक्ति की ओर से एनआरसी में शामिल होने के लिए गलत
इस्तेमाल को रोकने के लक्ष्य से अपनाई जा रही है।
अधिकारी के मुताबिक पहली ड्राफ्ट एनआरसी में शामिल हो चुके कुछ लोगों के पास भी कदाचित इस तरह के सूचना पत्रक पहुंच सकते हैं। यह भी उनके लीगेसी डाटा को संरक्षित करने के उद्देश्य से ही होगा। एनआरसी निदेशालय ने सभी संबंधित आवेदकों से उनके सूचना पत्रकों में दर्ज समय, तिथि व स्थान पर आवश्यक दस्तावेजों के साथ पहुंचने का आह्वान किया है। वे सब अपने साथ खुद को प्रमाणित करने के लिए अपने सगे-संबंधियों को भी ले जा सकते