असम की बराक घाटी में ईआरडीएफ के एजुकेशन कान्क्लेव ने छात्राओं को मोहा

  • सत्यनारायण मिश्र

बदरपुर(असम) खैरुन निशा बेगम महिला महाविद्यालय, बदरपुर के सहयोग से,
बराक वैली, ईआरडी फाउंडेशन, गुवाहाटी की छात्राओं के लिए उच्च शिक्षा के
क्षेत्र में दृष्टिकोण और मार्गदर्शन प्रदान करने के उद्देश्य से आयोजित
बराक वैली गर्ल स्टूडेंट्‌स कॉन्क्लेव में बड़ी संख्या में छात्राओं ने
भाग लिया। इस क्रम में बदरपुर में दसवीं और बारहवीं कक्षा के छात्रों के
लिए परामर्श शिविर भी लगाया गया है।
असम के सुदूर बराक घाटी इलाके में उच्च और गुणवत्तायुक्त शिक्षा के
क्षेत्र में ईआरडी फाउंडेशन पिछले लगभग एक दशक से सक्रिय है। ईआरडी
फाउंडेशन के चेयरमैन महबूबुल हक ने इस मौके पर एक हजार से अधिक छात्राओं
के बीच कई छात्रवृत्तियों, फ़्रीशिप और फैलोशिप की घोषणा की। उनमें बराक
घाटी के जाने-माने समाज सुधारक डॉ. तैयबुर रहमान बरभुयां की याद में शुरू
एक विशिष्ट छात्रवृत्ति शामिल है।


इस अवसर पर विशेषज्ञों के परामर्श और प्रेरक सत्रों ता आयोजन हुआ। उसमें
असम सिविल सर्विस और एचएसएलसी टॉपर्स भी शामिल हुए।
इस अवसर पर, मिजोरम के एनआईटी के निदेशक, रजत गुप्त ने कहा कि ज्ञान बीज
है और अर्थव्यवस्था फल है। उन्होंने छात्रों का आह्वान किया कि वे अपने
कैरियर में जो भी करें, उसमें पारंगत हों। अपने भाषण के दौरान उन्होंने
प्राथमिक और उच्च शिक्षा के माध्यम से गरीब और प्रतिभाशाली विद्यार्थियों
की मदद के लिए ईआरडी फाउंडेशन के प्रयासों की सराहना भी की।
असम विश्वविद्यालय,सिलचर में कंप्यूटर विभाग की सहायक प्रोफेसर डॉ.शाहीन
आरा बेगम ने विशेष रूप से छात्राओं का आह्वान किया कि वे अपने पैरों पर
खड़ी हों।  उन्होंने छात्राओं से कहा कि उनको उनके सपनों को हासिल करने से
कोई बाधा नहीं रोक सकती, बशर्ते वे इसके लिए दृढ़प्रतिज्ञ होकर आगे बढ़ें।
उन्होंने छात्राओं से कहा कि उन सबको आने वाले पांच या दस साल का एक विजन
बना कर आगे बढ़ना होगा। उन्हें तय करना होगा कि इतने समय बाद उन्हें क्या
बनना है और फिर उसके लिए अपनी पूरी ताकत लगा देना होगा।
कार्यक्रम में असम सिविल सेवा की टॉपर मारिया तानिम ने भी विचार जताए।
एचएसएलसी टॉपर सरफराज हुसैन ने भी छात्रों को कुछ खास टिप्स दिए।
उन्होंने कहा कि यदि छात्र बारहवीं कक्षा में अच्छा प्रदर्शन करना चाहते
हैं तो ग्यारहवीं कक्षा में अच्छा परिणाम देना बहुत महत्वपूर्ण है।
उन्होंने कहा कि छात्रों को अपनी रुचि का पालन करना चाहिए और फिर एक
विशेष धारा को ही चुनना चाहिए।
यूएसटीएम के चांसलर और ईआरडी फाउंडेशन के चेयरमैन महबूबुल हक ने इस मौके
पर प्रेरक भाषण दिया। उन्होंने कहा कि क्षेत्र की प्रगति और समृद्धि के
लिए शिक्षा एकमात्र साधन है। उन्होंने प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए कोचिंग
सहित मेधावी छात्रों को ईआरडी फाउंडेशन के संस्थानों में दी जाने वाली
विभिन्न शैक्षणिक सुविधाओं के बारे में जानकारी भी दी।
इससे पहलेईआरडीएफ के अकादमिक सलाहकार डॉ. विभाष देव ने स्वागत भाषण दिया।
केबीडब्ल्यूसी की प्रिंसिपल डॉ. अफसाना अमीन सोमा ने धन्यवाद ज्ञापन
किया।


ईआरडी फाउंडेशन,गुवाहाटी उत्तर पूर्व भारत में सबसे तेजी से बढ़ते
संस्थागत शैक्षिक नेटवर्क में से एक है। यूएसटीएम की जन संपर्क अधिकारी
डॉ. रानी पाठक दास के मुताबिक इसके बैनर तले दो सीबीएसई स्कूल, आल इंडिया
काउंसिल ऑफ टेक्निकल एजुकेशन से मान्यता प्राप्त एक इंजीनियरिंग कॉलेज,
असम विश्वविद्यालय सिलचर से संबद्ध एक महिला कॉलेज, एक बी.एड कॉलेज नेशनल
काउंसिल फॉर टीचर्स एजुकेशन, एक लॉ कॉलेज, एक फार्मेसी कॉलेज,
एकफिजियोथेरेपी कॉलेज, एक कोचिंग एंड गाइडेंस सेंटर और यूनिवर्सिटी ऑफ
साइंस एंड टेक्नोलॉजी मेघालय संचालित हैं।
बहुत जल्द यह अपने मेडिकल कॉलेज और अस्पताल, आयुर्वेद कॉलेज. फार्मेसी
कॉलेज और एक नर्सिंग कॉलेज को शुरू करने की योजना बना रहा है।

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